नाग पंचमी कब है? | Nag Panchami Kab Hai 2025 Date, Pooja Vidhi, Story in Hindi
शास्त्रों के अनुसार नागों की पूजा की परंपरा काफी प्राचीन है। बहुत सी जगहों पर नागों को देवता मानकर उनकी पूजा का विधान है। श्रावण मास में आने वाली नागपंचमी का पर्व नागों की पूजा के लिए विशेष होता है।
हर साल नागपंचमी का पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। ये पर्व नाग देवता को समर्पित है इस दिन व्रत व नाग देव का पूजन करते है।
नाग को भगवान भोलेशंकर अपने गले में धारण करते है सावन माह के आराध्य देव भगवान शिव है। इसलिए जो सावन माह की नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करता है तो भगवान शिव उसे अति प्रसन्न होते है और उसे मनचाहा वरदान देते है।
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इस दिन नागदेवता की पूजा का विधान है लेकिन इसके अलावा इस दिन कई ऐसे कार्य है जिसे हमें भूलकर भी नहीं करना चाहिए वर्ना उसका बुरा प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है और इस दिन कई ऐसे कार्य है जो हमें करने चाहिए जिससे हमरे जीवन में खुशियां आती है।
आज हम आपको साल 2025 सावन माह नागपंचमी पर्व की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, नियम और इस दिन भगवान शिव व् नाग देवता को प्रसन्न करने के आज हम आपको साल 2025 सावन माह नागपंचमी पर्व की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, नियम और इस दिन भगवान शिव व नाग देवता को प्रसन्न करने के। इस प्रकार की जानकारी के लिए मेरी यह पोस्ट जरूर पढ़ें और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है? (Nag Panchmi Kyon Manaya Jata Hai)
सावन के महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पंचमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार नागपंचमी के दिन भगवान शिव और नागों की पूजा का विधान है और नागपंचमी के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से कई संकट दूर हो जाते है।
वैसे तो सावन का महीना शिव का प्रिय महीना माना जाता है, लेकिन इस महीने की पंचमी तिथि यानी नागपंचमी का दिन भगवान शिव को बहुत प्रिय है. जाता है। इस दिन शिव जी के गले में लिपटा हुआ साफ के पूजन का विधान है और इस दिन शेषनाग की भी पूजा की जाती है।
शास्त्रों के अनुसार नागपंचमी पर विशेष पूजन से जीवन में आने वाले कालसर्प दोष से मुक्ति मिलता है। इस दिन शिवाला में जाकर शिव पूजा करने से भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है, ऐसा माना जाता है की व्यक्ति के जीवन में सुख और दुःख उसके कर्मो पर आधारित होते है।
अगर हमें अपने जीवन में दुःख मिल रहे है तो इसके पीछे हमारे ही कर्म होते है। उसी के अनुसार फल मिलता है, अगर आप अच्छे कार्य करेंगे तो उसका परिणाम की अच्छा मिलेगा इसलिए हमें हर कार्य को करने से पहले सोच समझ कर करना चाइये।
शास्त्रों की माने तो नागो की पूजा करने की परंपरा काफी प्राचीन है। बहुत सी जगहों पर नाग को देवता मानकर उनकी पूजा करने का विधान है श्रवण मास में आने वाली नागपंचमी का पर्व नागो की पूजा के लिए विशेष मन जाता है।
सावन भगवान शिव का प्रिय माह है और भगवान शिव नाग को अपने गले में धारण किये है जिस कारण सावन मास बहुत ही खास है। ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में नागपंचमी के दिन सांपों की पूजा करने से व्यक्ति के घर में सुख-समृद्धि की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
नाग पंचमी कब है (nag panchmi kab hai)
साल 2025 में नाग पंचमी 29 जुलाई, मंगलवार को मनाई जाएगी। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
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नाग पंचमी कब मनाई जाती है - नाग पंचमी कब है? (nag panchami kab hai)
वर्षा ऋतू के इस मौसम में हर तरफ पानी भर जाने की स्थिति रहता है और ज़मीन के निचे रह साप ज़मीन पर आ जाते है वो किसी का नुकसान ना करें इसी लिए ही सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन नाग पंचमी का महत्त्व है।नाग पंचमी शुभ योग 2025 (Nag Panchami Shubh Yog 2025)
शास्त्रों के अनुसार पंचमी तिथि को नागदेवता की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। इस बार नागपंचमी के दिन मंगल वृश्चिक लग्न में होंगे इसी दिन कल्कि जयंती और स्कंद षष्ठी भी है, साथ ही नागपंचमी के दिन विनायक चतुर्थी का व्रत भी तोड़ा जाएगा. जिससे नागपंचमी का पर्व बहुत ही शुभ रहेगा।पंचांग के अनुसार इस बार नागपंचमी के दिन सुबह 6 बजकर 58 मिनट से 29 जुलाई सुबह 7 बजकर 57 मिनट तक सभी कार्यों में सिद्धि देने वाला रवि योग रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र प्रारंभ हो जायेगा, जो अगले 29 जुलाई को सुबह 7 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। वहीं ज्योतिष अनुसार 28 जुलाई को करीब 108 सालों बाद उत्तरा योग और हस्त नक्षत्र का विशेष संयोग रहेगा साथ ही शिन नक्षत्र भी लगेगा। इन शुभ योगों में कालसर्प दोष से मुक्ति के साथ-साथ सर्प देवता की पूजा व अभिषेक करने से लाभ होगा।
नागपंचमी तिथि, शुभ मुहूर्त 2025 (Nag Panchami 2025 Date)
- साल 2025 नागपंचमी का पर्व - 29 जुलाई मंगलवार के दिन मनाया जायेगा।
- पंचमी तिथि प्रारंभ होगी - 28 जुलाई रात्रि 11 बजकर 24 मिनट पर।
- पंचमी तिथि समाप्त होगी - 30 जुलाई रात्रि 12 बजकर 46 मिनट पर।
- नागपंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त होगा - 29 जुलाई प्रातःकाल 5 बजकर 56 मिनट से प्रातःकाल 8 बजकर 35 मिनट तक।
- पूजा की कुल अवधि - 02 घंटे 39 मिनट का होगा।
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नागपंचमी पूजा विधी (nag panchami pooja vidhi)
नागपंचमी के आराध्य देव नाग है। इस दिन अनंत, वासुकि, महापदम अदि नाग अष्टकोण की पूजा की परंपरा है। नागपंचमी व्रत रखने वाले व्यक्ति को चतुर्थी के दिन से ही तयारी शुरू करना चाहिए, चतुर्थी के दिन एक समय भोजन के बाद पंचमी तिथि के के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नागदेव का चित्र एक सफ चौकी पर रखें।
नागपंचमी के दिन दूध, दही, कुशा, गंध, पंचामृत, गाय का गोबर, पुष्प, घी, खीर और फल आदि से नाग देवता की पूजा करने का विधान है। इसलिए ये चीजें नाग देव को अर्पित करें, इसके बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर नाग देवता का अभिषेक करें अब सर्प देव की आरती उतारें और अंत में नागपंचमी व्रत कथा पढ़े या सुन लें। जो लोग इस दिन व्रत रखते है वो पंचमी तिथि को पूरा दिन उपवास करके शाम को व्रत को खोलें।
नागपंचमी की पूजा घर पर कैसे करें
नागपंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर आपको स्नान करना चाहिए उसके बाद आप साफ सुथरे कपड़े पहने उसके बाद अगर आपके घर में शिवलिंग है तो ठीक है अगर नहीं है तो आप इस दिन भी शिवलिंग स्थापना अपने घर में कर सकते है।शिवलिंग ऐसा हो जिसमे नागदेव भी हो ऐसे शिवलिंग को आप एक बड़ी थाली रखें शिवलिंग में आप जो नागदेव है भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ उनका भी जलाभिषेक करें। इसके बाद शिवलिंग पर दूध चढ़ाये और नागदेवता को भी दूध से स्नान कराये।
नागदेवता को दूध से स्नान कराने के बाद उन्हें आप दूध अर्पित करें क्युकी इस दिन साप को दूध पिलाने की प्रथा है। नागपंचमी के दिन नागदेवता को चन्दन का लेप लगाने से बहुत ही ज्यादा पुण्य फल प्राप्त होता है। इस दिन शिवलिंग और नागदेवता को आप फूलो की माला अर्पित करें।
जो भी मेवा, मिष्ठान आप अर्पित करना चाहते है फल, फूल अर्पित करें भगवान को, भोलेनाथ को, नागदेवता को तिलक लगाए इसके बाद अक्षत अर्पित कर करना बहुत शुभकारी होता है। अक्षत अर्पित करने के बाद भगवान शिव और नागदेव के मंत्रो का जाप करें।
फिर धुप और दिप से आरती उतारे आप उसके बाद नागपंचमी की कथा पढ़े। नागपंचमी के दिन घर में गेरू से साप की आकृति बनाया जाता है और फिर मीठी सेवइयों का भोग लगाया जाता है ऐसा करने से ये माना जाता है जो सर्प भय होता है वह दूर हो जाता है।
नागपंचमी कब है (nag panchami kab hai)
नाग पंचमी 2025 में 29 जुलाई, मंगलवार को मनाई जाएगी।
यह त्योहार हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है और उनकी कृपा व आशीर्वाद की कामना की जाती है।
नागपंचमी पूजा के दौरान कुछ नियमों का पालन जरूर करें
- शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि नागपंचमी के दिन नागों को दूध पिलाने और दूध से इनका अभिषेक करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
- इस दिन भूमि के खुदाई जैसे कार्य भी नहीं करने चाहिए।
- नागपंचमी के दिन नाग पूजा के लिए नाग देव की तस्वीर मिट्टी या धातु से बना होना चाहिए।
- इस दिन हल नहीं चलाया जाता।
- इस दिन जमीन पर नींव भी नहीं डालना चाइये।
- नागपंचमी के दिन नाग देव का दर्शन करना शुभ होता है।
नागपंचमी के दिन ये कार्य अवश्य करना चाहिए
- नागपंचमी के दिन नागदेव के दर्शन अवश्य ही करने चाहिए।
- नागदेवता का जो निवास स्थान होता है उस स्थान की पूजा भी करना चाहिए और इस दिन नागदेवता को दूध पिलाना चाहिए। यदि आप नागदेवता को दूध न पीला सके तो इस दिन नागदेवता की मूर्ति या प्रतिमा पर दूध चढ़ा सकते है।
- नागपंचमी के दिन नागदेव को सुगन्धित पुष्प या चन्दन से पूजा करना चाहिए। क्युकी नागदेवता को सुगन्धित चीजें प्रिय है और नागपंचमी के दिन नागदेवता की पूजा करते समय आपको ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा का जाप करना चाहिए इससे सर्प दोष दूर हो जाता है।
- इस दिन नागदेवता को धान, खीर, दुब अर्पित करना चाहिए इस दिन सपेरों से नागों को खरीद कर उन्हें मुक्त करना बेहद शुभ माना गया है।
- इस दिन नाग के पूजा का विधान है नागदेवता की तस्वीर या फिर मिट्टी या धातु से बनी प्रतिमा की पूजा जरूर कारन चाहिए।
- आप नागपंचमी के दिन अपने घर मुख्य द्वार के दोनों तरफ बहार की तरफ गोबर से सर्प की आकृति बनाये यदि आपको गोबर न मिले तो आप कोयले से भी नाग की आकृति बना सकते है उसके बाद उनका दही, अक्षत, पुष्प, लड्डू, दूर्वा आदि से विधिवत पूजन करें और इस दिन हो सके तो सेवई या मीठे चावल का भोग लगाए और इसी के साथ ही ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए या फिर किसी जरूत मंद को अन या धन का दान दें।
- ऐसी मान्यता है की जो व्यक्ति नागपंचमी का व्रत और पूजन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाते है।
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नागपंचमी के दिन भूलकर भी नहीं करें ये कार्य
लेकिन इस दिन नागदेवता की पूजा के साथ-साथ कई ऐसे कार्य भी है जिन्हे आपको भूलकर भी नहीं करना है उनके करने से आपके जीवन में गलत प्रभाव पड़ता है और उसका नुकसान आपको भुगतना पड़ता है इसलिए इस दिन कुछ खास बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए---
- अगर आप इस दिन घर बनवाने की सोच रहे है तो इससे बचे क्योकि इस दिन भूमि की खुदाई भूलकर भी नहीं करना चाहिए और न ही इस दिन भूमि पूजन करना चाहिए ऐसा करना अशुभ माना जाता है इससे गृह दोष और परिवार में अशांति का माहौल भी होता है।
- धार्मिक मान्यताओं अनुसार नागपंचमी के दिन जिव हत्या करने से घोर पाप लगता है ऐसा करने पर जीवन में बाधाएँ और कष्टों का आगमन शुरू हो जाता है।
- भगवान शिव के गण नाग को किसी तरह की हानि नहीं पहुचानी चाहिए वार्ना भगवान शिव क्रोधित हो सकते है।
- ऐसी मान्यता है की इस दिन खेतों में हल भी नहीं चलाना चाहिए अगर इस दिन कोई किसान अपने खेतों में हल चलाता है इसकी वजह से आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
- मान्यता है की नागपंचमी के शुभ दिन नाग धरती के बाहर निकलते है जिसकी वजह से उन्हें किसी तरह की हानि पहुंच सकता है इसलिए मान्यता के अनुसार इस दिन हल नहीं चलाना चाहिए।
- नागपंचमी के दिन सुई-धागे से किसी तरह की सिलाई आदि भी नहीं करना चाहिए मान्यता के अनुसार पर सुई में धागा भी नहीं पिरोना चाहिए अन्यथा आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है जीवन में खुशहाली के लिए इस नियम का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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नागपंचमी के दिन करें ये विशेष उपाय
नागपंचमी के दिन धन समृद्धि पाने के लिए भी नागदेवताओं का पूजा किया जाता है। मान्यता है की नागदेवता, धन की देवी माँ लक्ष्मी की रक्षा करते है। यदि इस दिन कुछ विशेष उपाय किये जाय तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाते है आइये जानते है नागपंचमी दिन किये जाने वाले विशेष उपायों के बारे में____
- नागपंचमी के दिन शिवलिंग स्वरूप की आराधना करने से सभी मनोवांछित फलों प्राप्त होते है।
- यदि व्यक्ति के कुंडली में कालसर्प दोष है तो इस दोष से बचने के लिए उसे नागपंचमी का व्रत जरूर करना चाहिए।
- आज के इस शुभ दिन पर नागो के दर्शन जरूर करने चाहिए।
- आज के दिन नागदेवता को कच्चे दूध से अभिषेक करने से कार्यो में सफलता प्राप्त होता है।
- काल सर्प योग के उपाय के रूप में नागपंचमी के दिन भगवान शिव का अभिषेक करते समय उन्हें चांदी के नाग और नागिन का जोड़ा चढ़ाये।
- नागपंचमी के दिन अगर आप गन्ने के रस से शिव जी का रुद्राभिषेक करते हैं तो आपको कर्ज से मुक्ति मिलती है।
नागपंचमी के नियम
पुराणों के अनुसार नागों को पाताल लोक का स्वामी माना गया है। सांपो को क्षेत्रपात भी कहा जाता है। प्रत्येक व्रत त्यौहार की तरह नागपंचमी के भी कुछ नियम है जिन्हें ध्यान में रखकर यह पर्व मनाना चाहिए।
- यदि आप इस दिन का लाभ प्राप्त करना चाहते है तो नागपंचमी के दिन भूमि ना खोदें।
- जो व्यक्ति नागपंचमी के दिन उपवास करता है उसे विशेषकर सांयकाल के समय भूमि की खुदाई नहीं करना चाहिए
- नागपंचमी के दिन धरती पर हल चलाना वर्जित होता है।
- इस दिन सुई-धागे से किसी तरह की सिलाई आदि के कार्य भी नहीं करने चाहिए।
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नाग पंचमी की जुड़ी पौराणिक कथा (nag panchami story in hindi)
महाभारत की पौराणिक कथा के अनुसार राजा जनमेजय राजा परीक्षित पुत्र थे उन्होंने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए एक अनुष्ठान करवाया था। ऐसा क्युकी राजा परीक्षित की मृत्यु साप के राजा तक्षक के कटाने से हुई थी।
इस प्रकार मन्त्र शक्ति से विद्वानों बनाया जिसमे प्रत्येक साप को आग में आकर्षित किया जा रहा था, लेकिन तक्षक साप इस ओर आकर्षित नहीं हुए और इंद्र लोक चले गए मन्त्र पाठ की गति बढ़ाया गया वो जाप इतना शक्तिशाली था की इंद्र भी उससे बच नहीं सके और तक्षक के साथ वो भी अग्नि कुंड तक चले गए।
इस पर देवता चिंतित हो गए और उन्होंने सर्पो की देवी मंशा देवी से बिच बचाव हस्ताक्षेप करने की मदद की बिनती की देवताओं के बार-बार अनुरोध के बाद मंशा देवी ने अपने पुत्र अष्टिका को घटना स्थल पर भेजा और उन्होंने जनमेजय को उनके ज्ञान से प्रभावित किया और इसके बाद जनमेजय को विश्वास हो गया और उन्होंने इंद्र, तक्षक और अन्य सर्प सम्प्रदायों के लोगो के जीवन को रोकने के लिए उस पाठ को रुकवा दिया।
इस प्रकार जनमेजय को अपनी भूल का एहसास हो गया और इन दिन हिन्दू शास्त्रों के अनुसार नागपंचमी का ही तिथि था और तभी से नागपंचमी का त्यौहार इस दिन मनाया जाने लगा।
2025 की नाग पंचमी कब है?
2025 में नाग पंचमी 29 जुलाई 2025 (मंगलवार) को मनाया जाएगा।
नाग पंचमी की कहानी
नाग पंचमी की कहानी
नाग पंचमी की पूजा का संबंध एक पुरानी कथा से है, जो नाग देवता और भगवान शिव से जुड़ी हुई है। यह कहानी इस दिन की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्वता को दर्शाती है।
कहानी:
प्राचीन काल में एक नगर में एक राजा श्वेत और उनकी रानी सुमित्रा रहते थे। वे बहुत ही धार्मिक और अच्छे शासक थे, लेकिन उनका कोई संतान नहीं था। बहुत समय तक प्रार्थनाएँ करने के बाद राजा ने एक दिन भगवान शिव की पूजा करने का निश्चय किया। वह जंगल में तपस्या करने के लिए गए और भगवान शिव से संतान की प्राप्ति की कामना की। भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्हें आशीर्वाद दिया कि उन्हें एक पुत्र होगा, लेकिन साथ ही एक शर्त रखी कि उनके पुत्र का जीवन तभी सुरक्षित रहेगा जब वह नागों का सम्मान करेंगे।
राजा ने भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया और जल्द ही रानी सुमित्रा से एक पुत्र का जन्म हुआ, जिसका नाम नागेंद्र रखा गया। समय बीतते-बीतते नागेंद्र बड़ा हुआ और उसने अपनी शक्ति से कई युद्ध जीते, लेकिन एक दिन वह नागों के साथ शिकार करने जंगल में गया। नागों को मारा और उनका अपमान किया। इसके बाद, नाग देवता गुस्से में आ गए और उन्होंने नागेंद्र को सर्पदंश कर दिया।
राजा और रानी परेशान हो गए, लेकिन उन्हें भगवान शिव की याद आई और वे फिर से भगवान शिव के पास गए। भगवान शिव ने नागों से विनती की और नागेंद्र को पुनः जीवन देने का वचन लिया। भगवान शिव की कृपा से नागेंद्र को जीवन मिला और उसने अपनी भूल स्वीकार की। भगवान शिव ने यह वचन लिया कि अब से हर साल नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा होगी और उनका सम्मान किया जाएगा।
इस प्रकार नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने की परंपरा शुरू हुई। यह दिन नागों को सम्मानित करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर बन गया।
कहानी का संदेश:
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें सभी जीवों का सम्मान करना चाहिए, चाहे वह छोटे हों या बड़े। नाग पंचमी के दिन हम नागों को सम्मान देते हुए उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुरक्षित और समृद्ध बनाते हैं।
nag panchami par nibandh
नाग पंचमी पर निबंध
परिचय
नाग पंचमी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे विशेष रूप से श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा का महत्व होता है। नागों को भगवान शिव का वाहन और सर्पों को जीवन के संकटों से बचाने वाला माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से उन लोगों द्वारा मनाया जाता है, जो सर्पों के प्रति श्रद्धा और विश्वास रखते हैं।
पर्व का महत्व
नाग पंचमी का महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन नागों की पूजा करने से बुरी शक्तियों और सर्पदंश से सुरक्षा मिलती है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। इसके साथ ही यह दिन भगवान शिव की पूजा करने का भी अवसर होता है, क्योंकि भगवान शिव के गले में सर्प होते हैं और नागों को भगवान शिव के निकट माना जाता है।
पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन लोग प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करते हैं और फिर व्रत रखते हुए नाग देवता की पूजा करते हैं। पूजा के समय नाग की मिट्टी की मूर्ति या चित्र स्थापित कर उसे दूध, जल, फल, और फूल अर्पित किए जाते हैं। इस दिन लोग विशेष रूप से सर्पदंश से बचने के लिए नागों का पूजन करते हैं और उन पर श्रद्धा व्यक्त करते हैं।
संस्कृति में स्थान
नाग पंचमी भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह पर्व ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक मनाया जाता है, जहाँ लोग अधिकतर सांपों को देखते हैं और उनके प्रति श्रद्धा रखते हैं। खासकर गांवों में लोग इस दिन नाग देवता को अपने घरों के आसपास दूध अर्पित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। इसके अलावा, नाग पंचमी को लेकर कई लोककथाएँ और विश्वास भी प्रचलित हैं।
निष्कर्ष
नाग पंचमी एक ऐसा पर्व है जो हमें प्रकृति और जीवों के प्रति सम्मान और श्रद्धा का संदेश देता है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमें सभी जीवों के साथ अहिंसा और प्रेम से पेश आना चाहिए। नाग पंचमी का पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करता है।
nag panchami good morning wishes
नाग पंचमी के इस शुभ अवसर पर आपको ढेर सारी खुशियाँ, सुख और समृद्धि मिले। नाग देवता की आशीर्वाद से आपका जीवन हर दिशा में सफलता से भरा रहे। सुप्रभात और नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
नाग पंचमी के इस पावन पर्व पर, नाग देवता की कृपा से आपका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भरपूर हो। इस दिन की शुरुआत खुशियों और आशीर्वाद से हो। आपको और आपके परिवार को नाग पंचमी की ढेर सारी शुभकामनाएँ। सुप्रभात!
नाग पंचमी के इस खास दिन पर, नाग देवता की पूजा से आपका जीवन नकारात्मकता से मुक्त हो और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचे। भगवान शिव और नाग देवता की कृपा हमेशा आप पर बनी रहे। सुप्रभात और नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
नाग पंचमी के इस शुभ अवसर पर, नाग देवता की आशीर्वाद से आपके जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली का वास हो। इस पवित्र दिन पर, आपका हर कदम सफलता की ओर बढ़े और जीवन में हर दुःख दूर हो। सुप्रभात और नाग पंचमी की ढेर सारी शुभकामनाएँ!
नाग पंचमी के इस पावन दिन पर, नाग देवता आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार करें। हर समस्या से छुटकारा मिले और जीवन में नये अवसर आए। भगवान शिव और नाग देवता की कृपा सदा आपके साथ रहे। सुप्रभात और नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
नाग पंचमी के इस पावन पर्व पर, नाग देवता आपके जीवन को खुशियों से भरें और सभी दुखों से मुक्ति दिलाएं। यह विशेष दिन आपके जीवन में नई ऊर्जा और समृद्धि लाए। भगवान शिव और नाग देवता की आशीर्वाद से आपका जीवन हमेशा रोशन रहे। सुप्रभात और नाग पंचमी की ढेर सारी शुभकामनाएँ!
नाग पंचमी के इस शुभ अवसर पर, नाग देवता की कृपा से आपके जीवन में हर समस्या का समाधान हो और हर दिशा में सफलता मिले। यह दिन आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लेकर आए। भगवान शिव और नाग देवता की आशीर्वाद से आपका जीवन हमेशा खुशहाल रहे। सुप्रभात और नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
नाग पंचमी प्रश्न और उत्तर (Nag Panchmi Question & Answer)
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Ans. साल 2025 में नाग पंचमी 29 जुलाई, मंगलवार को है।
Que. nag panchmi kab ki hai
Ans. साल 2025 में नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई, मंगलवार को मनाया जाएगा।
Que. good morning nag panchami
Ans. सुप्रभात! नाग पंचमी के इस शुभ अवसर पर नाग देवता की पूजा से आपके जीवन में समृद्धि और सुख-शांति का वास हो। भगवान शिव और नाग देवता की कृपा हमेशा आप पर बनी रहे। जय नाग देवता!
Que. panchmi kab hai
Ans. साल 2025 में पंचमी तिथि 29 जुलाई को होगी, जो नाग पंचमी के रूप में मनाई जाएगी। यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि होती है।
Que. नाग पंचमी कब की है
Ans. साल 2025 में नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई , मंगलवार को मनाया जाएगा। यह श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है।
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Ans. साल 2025 में नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई, मंगलवार को मनाया जाएगा।
2 टिप्पणियाँ
मुझे आपका ब्लॉग, अच्छी जानकारी मिली बहुत अच्छा, अच्छा काम किया और इतने अच्छे ब्लॉग को शेयर करने के लिए धन्यवाद
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