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क्यों मनाते हैं भारतीय सेना दिवस? जानिए इसकी वजह | Indian Army Day in Hindi

फ़िल्मी पर्दे पर आपने अभिनेताओं को एक साथ दस-दस गुंडों की पिटाई करते या उन्हें सीमाओं पर दुश्मनों को मरते देखा होगा लेकिन अगर आपको असल जिंदगी में हीरो देखने है तो आपको सीमाओं पर तैनात उन हीरोज को देखना चाहिए जो खून को जमा देने वाली ठण्ड में भी हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए जी-जान एक कर देते है। 

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अगर बहादुरी के सर्वोच्च शिखर को महसूस करना हो तो जैसलमेर जैसी गर्म जगहों पर ऊंट बैठकर हमारी सीमाओं की पहरेदारी करने वालो सैनिकों से मिलना चाहिए जो जला देने वाली गर्मी में भी अपनी परवाह किये बिना देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते है। आज भारतीय सेना दिवस (Indian Army Day) है। 

क्या आप जानते है भारतीय सेना दिवस (Army Day) कब मनाया जाता है
भारतीय सेना दिवस

एक ऐसा दिन जब हमारी सेना अपनी आजादी का जश्न मनाती है। यूँ तो साल के 365 दिन वह हमारी आजादी को बचाये रखने के लिए संघर्ष करते है लेकिन इस दिन हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी खुशियों में शामिल हो और उनकी शहादत को याद करें।  

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भारतीय सेना दिवस (Army Day) हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन 1949 में फील्ड मार्शल के.एम. करिअप्पा के भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ बनने की याद में मनाया जाता है, जब उन्होंने जनरल सर फ्रांसिस बुचर से कमान संभाली थी।

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आर्मी डे हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सेना की वीरता, बलिदान और उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। 1949 में इसी दिन फील्ड मार्शल के.एम. करिअप्पा ने भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्यभार संभाला था।

भारतीय सेना की उत्पत्ति कैसे हुई  

भारतीय सेना दिवस (Indian Army Day) दरअसल सेना की आजादी का जश्न है। 15 जनवरी 1948 को पहली बार के. एम. करियप्पा को देश का पहला लेफ्टिनेंट जनरल घोषित किया गया था।इसके पहले ब्रिटिश मूल के फ़्रांसिसी बूचर इस पद पर थे। इस समय 11 लाख 30 हजार भारतीय सैनिक थल सेना में अलग-अलग पदों पर कार्यरत है, जबकि 1948 में तक़रीबन दो लाख सैनिक थे। सेना दिवस देश के लिए देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने की प्रेरणा का पवित्र अवसर माना जाता है साथ ही यह देश के जांबाज रणबांकुरों की शहादत पर  का एक  मौका भी है।`

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भारतीय सेना की उत्पत्ति  ईस्ट इंडिया कंपनी के सेनाओं से हुई थी। जो की आगे चलकर ब्रिटिश भारतीय सेना कहलाई और अंततः स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रीय सेना बन गई। भारतीय सेना की स्थापना अब से लगभग 123 साल पहले 1 अप्रैल 1895 को अंग्रेजो द्वारा किया गया था भारतीय सेना की स्थापना तो 1 अप्रैल को कर दिया गया था लेकिन भारत में सेना दिवस (Army Day) 15 जनवरी को मनाया जाता है

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थल सेना दिवस कब मनाया जाता है (thal cena divas kab manaya jata hai)

थल सेना दिवस (भारतीय सेना दिवस) हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सेना की वीरता और समर्पण को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। 1949 में इसी दिन फील्ड मार्शल के.एम. करिअप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी।

थल सेना दिवस क्यों मनाया जाता है

थल सेना दिवस हर वर्ष 15 जनवरी को भारत में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना की वीरता, शौर्य और देश सेवा को सम्मान देना है। इस दिन की खासियत यह है कि 15 जनवरी 1949 को लेफ्टिनेंट जनरल के.एम. करियप्पा ने भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था। उन्होंने ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से यह जिम्मेदारी ली थी, जो स्वतंत्र भारत के अंतिम ब्रिटिश सेना प्रमुख थे।

थल सेना दिवस पर देशभर में सेना की परेड, सम्मान समारोह और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिवस न केवल सैनिकों के योगदान को याद करता है बल्कि उनके अदम्य साहस और बलिदान को सम्मानित करने का भी प्रतीक है।

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आर्मी दिवस (भारतीय सेना दिवस) हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा ने ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी।

यह दिन भारतीय सेना के वीर जवानों के साहस और बलिदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।

सेना दिवस का इतिहास (Army Day History)

भारत को लगभग 200 वर्षों के अंग्रेजी शासन के बाद 15 अगस्त 1947 में आजादी प्राप्त हुअ15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ उस समय देश में अराजकता का माहौल था और इसके साथ ही साथ दंगे फ़सादो और शरणार्थियो की आवा गमन की वजह से देश में उथल-पुथल का माहौल था। इस कारण कई प्रशासनिक समस्याएं पैदा होने लगी और अंततः सेना को आगे आना पड़ा ताकि पार्टीशन के दौरान शांति कायम हो सके

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भारत के आजादी के बाद से 14 जनवरी 1949 तक भारतीय सेना की कमान अंग्रेज कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बूचर के पास था। अब भारत की सम्पूर्ण सत्ता भारतीय हाथों में सौंपने का समय था इसलिये 15 अगस्त 1949 को  एम. करियप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे क्यूंकि ये मौका भारतीय सेना के लिए बहुत ही उल्लेखनीय था इसलिए भारत में हर साल उस दिन को सेना दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया और तब से लेकर अब तक ये परम्परा चला आ रहा है। अतः सेना की कमान भारत के हाथों में आने के कारण ही 15 जनवरी को सेना दिवस (Army Day) मनाया जाता है

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भारतीय सेना की कार्यकुशलता 

सेना आज ना सिर्फ हमारी रक्षा के लिए सीमाओं पर प्रहरी का किरदार निभाते हैं बल्कि यह सेना हमारे लिए आतंरिक समस्याओं में भी सहायक सिद्ध होते है।  बाढ़ आ जाये तो सेना, आतंकवादियों से लड़ना हो तो सेना, सरकारी कर्मचारी हड़ताल कर दे तो सेना, पुल टूट जाये तो सेना, चुनाव कराने हो तो सेना, तीर्थ यात्राओं की सुरक्षा भी सेना के हवाले है। 

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हमारे जवान जागते हैं तो ही हम चैन से सोते हैं। हम भारतीय थल सेना की उन शौर्य गाथाओ को याद करें जो हमें भारतीय सेना पर गर्व करने का अवसर प्रदान करती हैं। यूँ तो भारतीय सेना के कारनामें असंख्य है लेकिन कुछ ऐसी अहम घटनाएं भी है जब सेना ने अपने पराक्रम से दुनिया को सोचने पर विवश कर दिया है। इन्ही कुछ विशेष घटनाओं को आज हम रेखांकित कर रहे है। 

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हैदराबाद का विलय 

भारत के बटवारे के बाद हैदराबाद के निजाम ने स्वतंत्र रहने की जिद्द ठान राखी थी। इसके बाद सरदार बल्ल्भ भाई पटेल ने 12 सितंबर 1948 को सेना को हैदराबाद की कुरक्षा के लिए भेजा। महज पांच दिनों में ही वहां के निजाम को परास्त कर दिया गया और सेना के अगुआ मेजर जनरल जयंतो नाथ चौधरी को सैन्य शासक घोषित कर दिया गया

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प्रथम कश्मीर युद्ध (First Indo-Pak War)

जिस समय भारत आजादी का जश्न मन रहा था उसी समय पाकिस्तान ने भी भारत पर आक्रमण करने का योजना बनाना शुरू कर दिया था। 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तानी सेना ने भारत पर आक्रमण शुरू किया। यह युद्ध थोड़े-थोड़े अंतराल पर लगभग एक साल तक चला। इस लड़ाई की सबसे खास बात यह था कि यह लड़ाई भारतीय थल सेना ने उन साथियों के खिलाफ लड़ा था जिसने कुछ साल पहले वह कंधे से कन्धा मिलकर चलते थे

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संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय सेना का अहम योगदान 

भारतीय सेना  संयुक्त राष्ट्र के कई शांति बहाली उपायों में अहम भागीदारी निभाया। अंगोला, कम्बोडिया, साइप्रस, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, अल साल्वाडोर, लेबनान, लाइबेरिया, मोजाम्बिक, रवाण्डा, सोमालिया, श्रीलंका और वियतनाम

गोवा, दमन और दिप दीव का विलय 

ब्रिटिश और फ़्रांस द्वारा अपने सभी औपनिवेशिक अधिकारों को समाप्त करने के बाद भी भारतीय उपमहाद्वीप, गोवा, दमन और दीव में पुर्तगालियों का शासन रहा। पुर्तगालियों द्वारा बार-बार बातचीत को अस्वीकार कर देने पर सेना ने महज 26 घंटे युद्ध के बाद गोवा, दमन और दीव को सुरक्षित आजाद करा लिया और उनको भारत का अंग घोषित कर दिया गया। 

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1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध (Second Indo-Pak War) 

अगस्त 1965 से लेकर सितंबर 1965 तक भारत और पाकिस्तान के बीच दूसरा कश्मीर युद्ध हुआ। इस युद्ध में भारतीय सेना ने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तानी सेना को हराया था। कहा तो यह भी जाता है कि इस युद्ध में भरतीय सेना ने लाहौर तक मोर्चा खोल दिया था। इस युद्ध में भारतीय जल सेना ने भी अपना जौहर दिखाया था

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1971 में बांग्लादेश का स्थापना (Bangladesh War)

1971 का भारत-पाक युद्ध कौन भूल सकता है। यह एक ऐसा युद्ध था जिसने इतिहास बदल दिया। इस युद्ध में पाकिस्तान के जनरल एके नियाजी ने 90 हजार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था।  आत्मसमर्पण के बाद ही पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश नाम का एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था। भारतीय सेना  गौरव हमारे मस्तक  तिलक है

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कारगिल युद्ध (Kargil War 1999)

मई 1999 में एक लोकल ग्वाले से मिली सूचना के बाद बटालियन सेक्टर में लेफ्टनेंट सौरभ कालिया के पेट्रोल पर हमले ने भारतीय इलाके में घुसपैठियों के मौजूदगी का पता दिया। इसके बाद भारतीय सेना ने धोखे के खिलाफ ऐसा शौर्य दिखाया कि 26 जुलाई को आखिरी चोटी पर भी फतह पा लिया गया। यही दिन अब कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है

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सेना दिवस के दिन क्या-क्या कार्यक्रम होते है?

ये दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों और अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व् सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दिया जाता है जिन्होंने कभी न कभी अपने व् लोगो की सलामती के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया होता है। सेना दिवस के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड निकाला जाता है, जिसकी सलामी थल सेना अध्यक्ष लेते है

यूँ तो भारतीय सेना के कारनामें बेहद विस्तृत और इतने बड़े है कि उन्हें एक पन्नो में समेटना मुश्किल है लेकिन यह हमारी एक छोटी-सी कोशिश है उन वीरों को याद करने की जिन्होंने देश की रक्षाऔर गौरव के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दीजय हिन्द 

भारतीय सैनिकों की बहादुरी पर कविता

भारतीय सैनिकों की बहादुरी


वीर तुम्हारे रण के किस्से,

धरती गाए, अंबर हंसे।

बलिदान की ये गाथाएं,

हर दिल में अमिट याद बसें।


सीमा पर जो खड़े डटे हो,

धरती मां के तुम रखवाले।

सर्दी-गर्मी की ना परवाह,

तुमने हर हाल में संभाले।


जब दुश्मन आंख उठाएगा,

तलवार तुम्हारी गरजेगी।

तुम्हारे साहस के आगे,

हर बुराई सिहर के थमेगी।


तिरंगा जब लहराता है,

तुम्हारे हौसले की गाथा।

हर रंग में छिपी कहानी,

तुमने रच दी वीर कथा।


सलाम तुम्हारी हिम्मत को,

तुम हो भारत के रखवाले।

जब तक वीर तुम हो सरहद पर,

देश रहेगा सदा उजाले।


सेना दिवस कब मनाया जाता है

सेना दिवस भारत में हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन 1949 में उस ऐतिहासिक अवसर की याद में मनाया जाता है जब जनरल के. एम. करिअप्पा ने ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी और वे स्वतंत्र भारत के पहले कमांडर-इन-चीफ बने थे।

इस दिन भारतीय सेना के अदम्य साहस, बलिदान और सेवा को सम्मानित किया जाता है। सेना दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिनमें परेड, सैन्य प्रदर्शन और वीर सैनिकों को सम्मानित करने के कार्यक्रम प्रमुख हैं।

15 जनवरी को क्या मनाया जाता है

15 जनवरी को भारत में सेना दिवस (Army Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारतीय सेना के अद्वितीय पराक्रम, बलिदान और समर्पण का सम्मान किया जाता है।

इस दिन के महत्व:

  • 1949 में इसी दिन जनरल के. एम. करिअप्पा ने भारतीय सेना की कमान संभाली थी।
  • उन्होंने ब्रिटिश सेना प्रमुख जनरल सर फ्रांसिस बुचर से यह जिम्मेदारी ग्रहण की और स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने।

आयोजन:

  • नई दिल्ली और अन्य सैन्य मुख्यालयों में भव्य परेड और सैन्य शक्ति प्रदर्शन किए जाते हैं।
  • वीरता पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाता है।
  • यह दिन देश की सीमाओं की रक्षा में लगे सैनिकों के साहस और त्याग को नमन करने का प्रतीक है।

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भारतीय सेना दिवस

भारत में 15 जनवरी को हर साल भारतीय सेना दिवस (Indian Army Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सेना के वीर जवानों के साहस, बलिदान और देशभक्ति का सम्मान करने के लिए समर्पित है।

इतिहास और महत्व:

  • 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा ने भारतीय सेना की कमान संभाली थी।
  • उन्होंने ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से यह जिम्मेदारी ली और स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने।
  • यह दिन भारतीय सेना के गौरव और वीरता की प्रतीक है।

समारोह और आयोजन:

  • दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में भव्य परेड और सैन्य प्रदर्शन होता है।
  • वीरता पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाता है।
  • देशभर में सेना के जवानों के अदम्य साहस को सलामी दी जाती है।

संदेश:

भारतीय सेना दिवस हर नागरिक को सैनिकों के त्याग और समर्पण की याद दिलाता है और हमें अपने देश की रक्षा के लिए कृतज्ञ रहने की प्रेरणा देता है।

भारतीय सेना दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारतीय सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना के अद्वितीय साहस, बलिदान और कर्तव्यनिष्ठा का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन का ऐतिहासिक महत्व भारतीय सेना की स्वतंत्रता और गौरव से जुड़ा है।

इस दिन को मनाने का उद्देश्य:

  1. भारतीय सेना के अदम्य साहस, बलिदान और सेवा को सम्मानित करना।
  2. राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना।
  3. शहीद सैनिकों की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित करना।
  4. युवाओं में देशभक्ति और सेना के प्रति गर्व की भावना जागृत करना।

कार्यक्रम और आयोजन:

  • नई दिल्ली में करियप्पा परेड ग्राउंड में भव्य परेड और सैन्य प्रदर्शन।
  • सेना प्रमुख द्वारा वीरता पुरस्कारों का वितरण।
  • देश भर में सैनिकों के सम्मान में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन।

भारतीय सेना दिवस भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास और हमारे सैनिकों की वीरता का प्रतीक है।

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भारतीय सेना दिवस पर शुभकामनाएं संदेश

1. "देश की आन, बान और शान के लिए तत्पर हमारे वीर जवानों को सलाम। भारतीय सेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!"

2. "सीमा पर डटे हमारे सैनिकों की वीरता को नमन। जय हिंद! सेना दिवस की शुभकामनाएं!"

3. "वीरता की मिसाल, हौसले की पहचान – भारतीय सेना को सलाम! सेना दिवस पर सभी जवानों को हार्दिक बधाई।"

4. "जिनकी वजह से सुरक्षित है हमारी सरहदें, उन्हें सलाम! सेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।"

5. "हर भारतीय के दिल में गर्व और सम्मान भरने वाले हमारे वीर जवानों को सेना दिवस पर नमन। जय जवान, जय हिंद!"

6. "देश के गौरव, सीमा के प्रहरी – भारतीय सेना के जज्बे को सलाम! सेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!"

7. "हर पल देश के लिए जो खड़े हैं, उन वीर जवानों को समर्पित यह दिन। सेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!"


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