माँ दुर्गा के 108 नामों का जाप विशेष रूप से उनकी विविधता और शक्ति का प्रतीक है। ये नाम उनके विभिन्न रूपों, गुणों और शक्तियों का वर्णन करते हैं। प्रत्येक नाम का अपना विशेष महत्व है और उसे ध्यान में रखकर पूजा करने से भक्तों को माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
दुर्गा जी के 108 नाम उनके विभिन्न स्वरूपों और गुणों को प्रकट करते हैं। ये नाम श्रद्धालुओं द्वारा भक्ति और पूजन के दौरान जप किए जाते हैं। यहाँ दुर्गा जी के 108 नाम हिंदी में दिए गए हैं:
माँ दुर्गा के 108 नाम |
दुर्गा जी के 108 नाम हिंदी में pdf
1. सती
2. साध्वी
3. भवप्रीता
4. भवानी
5. भवमोचनी
6. आर्या
7. दुर्गा
8. जया
9. आद्या
10. त्रिनेत्रा
11. शूलधारिणी
12. पिनाकधारिणी
13. चित्रा
14. चन्द्रघण्टा
15. महातपा
16. मन:
17. बुद्धि:
18. अहंकारा
19. चित्तरूपा
20. चिता
21. चिति:
22. सर्वमन्त्रमयी
23. सत्ता
24. सत्यानन्दस्वरूपिणी
25. अनन्ता
26. भाविनी
27. भव्या
28. अभया
29. अनघा
30. ज्वाला
31. वन्द्या
32. सर्वसिद्धिदा
33. सर्वज्ञा
34. सर्वशक्तिमयी
35. सर्वेश्वरी
36. सर्वमयी
37. सर्वमङ्गला
38. सर्वसौभाग्यदायिनी
39. सर्वार्तिहरा
40. सर्वकामप्रदा
41. सर्वदु:खविमोचनी
42. सर्वमृत्युप्रशमनी
43. सर्वविघ्ननिवारिणी
44. सर्वाङ्गसुन्दरी
45. सर्वसौन्दर्यशोभिता
46. सर्वज्ञानमयी
47. सर्वधर्मस्वरूपिणी
48. सर्वसद्गुणवर्णिता
49. सर्वदोषविमोचिनी
50. सर्वदेवमयी
51. सर्वभूतमयी
52. सर्वज्ञा
53. सर्वगता
54. सर्वानन्दमयी
55. सर्वदुखविनाशिनी
56. सर्वरोगप्रशमनी
57. सर्वसंपत्प्रदा
58. सर्वधनप्रदा
59. सर्वकामप्रदा
60. सर्वमनोरथप्रदा
61. सर्वदु:खनिवारिणी
62. सर्वोपद्रवाशिनि
63. सर्वावद्यनिवारिणी
64. सर्वभयप्रशमनी
65. सर्वारिष्टनिवारिणी
66. सर्वसिद्धिप्रदा
67. सर्वज्ञा
68. सर्वशक्तिमयी
69. सर्वकामप्रदा
70. सर्वदु:खविनाशिनी
71. सर्वानन्दप्रदा
72. सर्वरोगप्रशमनी
73. सर्वसंपत्प्रदा
74. सर्वमङ्गलाकारिणी
75. सर्वभूषणभूषिता
76. सर्वसिद्धिप्रदा
77. सर्वज्ञा
78. सर्वधर्मस्वरूपिणी
79. सर्वदोषविमोचिनी
80. सर्वभयप्रशमनी
81. सर्वविघ्ननिवारिणी
82. सर्वारिष्टप्रशमनी
83. सर्वसौभाग्यशालिनी
84. सर्वमङ्गलमङ्गला
85. सर्वधनप्रदा
86. सर्वकामप्रदा
87. सर्वभूतप्रिया
88. सर्वजगत्प्रिया
89. सर्वभूतात्मिका
90. सर्वगुणसम्पन्ना
91. सर्वज्ञा
92. सर्वशक्तिमयी
93. सर्वानन्दस्वरूपिणी
94. सर्वसिद्धिप्रदा
95. सर्वकामप्रदा
96. सर्वदु:खविनाशिनी
97. सर्वरोगप्रशमनी
98. सर्वसंपत्प्रदा
99. सर्वधर्मस्वरूपिणी
100. सर्वमङ्गलमङ्गला
101. सर्वदोषविमोचिनी
102. सर्वभयप्रशमनी
103. सर्वारिष्टप्रशमनी
104. सर्वविघ्ननिवारिणी
105. सर्वसौभाग्यदायिनी
106. सर्वज्ञा
107. सर्वकामप्रदा
108. सर्वमङ्गला
माँ दुर्गा के 108 नाम pdf
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माँ दुर्गा के 9 नाम
माँ दुर्गा के नौ रूपों को नवरात्रि के दौरान पूजा जाता है। प्रत्येक दिन माँ दुर्गा के एक विशेष रूप की आराधना की जाती है। ये नौ रूप निम्नलिखित हैं:
- शैलपुत्री: हिमालय की पुत्री और शक्ति का प्रथम स्वरूप।
- ब्रह्मचारिणी: तपस्या की देवी, संयम और साधना का प्रतीक
- चंद्रघंटा: शांति, साहस और सौम्यता का प्रतीक।
- कूष्मांडा: सृष्टि की रचना करने वाली देवी।
- स्कंदमाता: भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता।
- कात्यायनी: महिषासुर मर्दिनी और शक्ति का वीर रूप।
- कालरात्रि: अज्ञान का नाश करने वाली और भय को हरने वाली देवी।
- महागौरी: शुद्धता और सौंदर्य का प्रतीक।
- सिद्धिदात्री: सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी।
इन रूपों की पूजा से भक्ति, शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
माँ दुर्गा के 32 नाम pdf
माँ दुर्गा के 32 पवित्र नाम निम्नलिखित हैं। इन नामों का पाठ करने से भक्तों को भय, कष्ट और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इनका जाप विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान अत्यधिक शुभ और फलदायक माना जाता है।
- दुर्गा
- दुर्गति-नाशिनी
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चंद्रघंटा
- कूष्मांडा
- स्कंदमाता
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- महागौरी
- सिद्धिदात्री
- भ्रामरी
- चामुंडा
- नारायणी
- भुवनेश्वरी
- अन्नपूर्णा
- हरसिद्धि
- ललिता
- त्रिपुरा सुंदरी
- भगवती
- महेश्वरी
- चंडी
- वराही
- काली
- तारा
- धूमावती
- बगलामुखी
- मातंगी
- कमला
- ज्वाला
- विन्ध्यवासिनी
- अंबिका
महत्व
इन नामों का नियमित जाप करने से भक्तों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इन नामों को श्रद्धा और भक्ति के साथ स्मरण करने से सभी प्रकार की समस्याओं का निवारण होता है।
दुर्गा जी के 1000 नाम
माँ दुर्गा के 1000 नाम (दुर्गा सहस्रनाम) एक विस्तृत स्तुति है जो देवी दुर्गा की महिमा और उनके विभिन्न गुणों का वर्णन करती है। इन नामों का उल्लेख मुख्यतः देवी भागवत पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। ये नाम देवी के विभिन्न स्वरूपों, शक्तियों और उनके कार्यों का वर्णन करते हैं।
यहाँ पर कुछ प्रसिद्ध नाम दिए गए हैं जो उनकी महिमा का प्रतिनिधित्व करते हैं:
1. दुर्गा
2. पार्वती
3. कात्यायनी
4. महिषासुरमर्दिनी
5. अंबिका
6. चामुंडा
7. भुवनेश्वरी
8. जगदंबा
9. शक्ति
10. भवानी
दुर्गा सहस्रनाम का महत्व
- शांति और शक्ति का स्रोत: इन नामों का जाप मानसिक शांति और शक्ति प्रदान करता है।
- संकटों से मुक्ति: दुर्गा के नामों का उच्चारण व्यक्ति को संकटों और बाधाओं से मुक्ति दिलाता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: इन नामों का स्मरण भक्ति और आत्मज्ञान की ओर अग्रसर करता है।
दुर्गा जी के 108 नाम संस्कृत में pdf
माँ दुर्गा के 108 नाम संस्कृत में उनके विभिन्न रूपों, गुणों और शक्तियों का वर्णन करते हैं। ये नाम देवी महात्म्य, देवी भागवत पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों से लिए गए हैं। नीचे उनके 108 नाम दिए गए हैं:
1. दुर्गा
2. सती
3. भवानी
4. भवप्रीता
5. भवानि
6. भवमोचिनी
7. आर्या
8. दुर्गामहा
9. जगदंबा
10. अदिति
11. अनंत
12. अम्बिका
13. भगवती
14. भवप्रिया
15. चंडी
16. चामुंडा
17. चंद्रघंटा
18. शैलपुत्री
19. ब्रह्मचारिणी
20. कुष्मांडा
21. कात्यायनी
22. कालरात्रि
23. महागौरी
24. सिद्धिदात्री
25. नित्यनंदा
26. जया
27. अजय
28. विनता
29. रक्ता
30. शिवा
31. शांतिदायिनी
32. आनंदमयी
33. रुद्राणी
34. त्रिनेत्रा
35. त्रिनेत्रा
36. सुन्दरी
37. महाकाली
38. महालक्ष्मी
39. महादेवी
40. विष्णुमाया
41. नारायणी
42. शारदा
43. सर्वमंगला
44. सर्वेश्वरी
45. शक्तिरूपा
46. मातंगी
47. वरदायिनी
48. भुवनेश्वरी
49. त्रिपुरसुन्दरी
50. सिद्धिदायिनी
51. भगवती
52. योगमाया
53. काली
54. कराली
55. उग्रचंडी
56. प्रचंडा
57. अग्निज्वाला
58. रौद्ररूपा
59. भवानी
60. बाला
61. शांभवी
62. सती
63. दक्षजाया
64. महेश्वरी
65. कपालिनी
66. गौरी
67. महेश्वरी
68. सावित्री
69. स्वाहा
70. स्वधा
71. त्रिपुरा
72. सुभद्रा
73. सूर्यतपस्विनी
74. भवप्रीता
75. भवसंध्या
76. जगद्गुरु
77. तारा
78. महेश्वरी
79. कौशिकी
80. चामुंडा
81. मातृका
82. दाक्षायणी
83. नित्यक्लिन्ना
84. चामुण्डा
85. वरदा
86. सिद्धिदात्री
87. अष्टमूर्ति
88. असितांगिनी
89. विद्या
90. दक्षजा
91. महामाया
92. महायक्षी
93. आदिशक्ति
94. पार्वती
95. शंकरप्रिया
96. अन्नपूर्णा
97. सर्वसिद्धिदात्री
98. त्रिनेत्रा
99. उमा
100. यशस्विनी
101. भीमादेवी
102. अष्टभुजा
103. चंद्रघंटा
104. महाकाली
105. भगवती
106. उमा
107. त्रिलोचना
108. मातृरूपा
इन नामों का जाप न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी विश्वास किया जाता है कि ये नाम संकटों को दूर करने और आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायक होते हैं।
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