क्या आप जानते है स्वामी दयानन्द सरस्वती (Swami Dayanand Saraswati) जयंती कब है

स्वामी दयानंद सरस्वती Swami Dayanand Saraswati अपने महान व्यक्तित्व एवं विलक्षण प्रतिभा के कारण जनमानस के हृदय में विराजमान है। स्वामी दयानंद सरस्वती उन महान सन्तों में अग्रणी हैं जिन्होंने देश में प्रचलित अंधविश्वास, रूढ़िवादिता, विभिन्न प्रकार के आडम्बरों व सभी अमानवीय आचरणों का विरोध किया। हिंदी को राष्ट्र भाषा के रूप में मान्यता देने तथा हिन्दू धर्म के उत्थान व इसके स्वाभिमान को जगाने हेतु स्वामी जी के महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारतीय जनमानस हमेशा स्वामी जी का ऋणी रहेगा। यह भी पढ़ें: स्वामी महावीर जयंती और जीवन इतिहास स्वामी दयानन्द सरस्वती का जीवन परिचय उन्नीसवीं शताब्दी के महान समाज-सुधारकों में स्वामी दयानन्द सरस्वती का नाम अत्यंत श्रद्धा के साथ लिया जाता है। जिस समय भारत में चरों ओर पाखंड और मूर्ति-पूजा का बोल-बाला था। स्वामी जी ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने भारत में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए 1876 में हरिद्वार के कुम्भ मेले के अवसर पर पाखण्डखंडिनी पताका फहराकर पोंगा-पंधियों को चुनौती दी। उन्हों...