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मकर संक्रांति 2025: जानें इस साल का शुभ मुहूर्त और महत्व | makar sankranti kyu manaya jata hai

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सुन्दर कर्म और शुभ पर्व हर पल सुख हर दिन शांति आप सब के लिए लाये मकर संक्रांति । मकर संक्रांति का पर्व साल भर में आने वाले सभी प्रमुख व्रत त्यौहारों में से एक है । मकर शब्द का अर्थ मकर राशि से और संक्रांति का प्रवेश करने से है, मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है । जबकि उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है ।  ज्योतिष के अनुसार सूर्य इस दिन धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते है जिस कारण इसे मकर संक्रांति कहा जाता है । वैसे तो सूर्यदेव हर एक महीने में एक से दूसरी राशि में विचरण करते रहते हैं लेकिन जब सूर्य मकर राशि में आते है इसका महत्व काफी बढ़ जाता है।  साल 2025 में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जायेगा।  मकर संक्रांति को खिचड़ी, उत्तरायण, पोंगल व् बिहू आदि नामो से जाना जाता है । इस साल मकर संक्रांति पर कई शुभ योग बनने के कारण इसका महत्त्व कहीं अधिक होगा और इस दिन से खरमास भी समाप्त हो जायेगा। आज हम आपको साल 2025 में मकर संक्रांति पर्व किस दिन मनाया जायेगा, मकर संक्रांति कब मनाई जाती है, पूजा का मुहूर्त, पूजा विधि, महापुण्य काल शुभमुहू...

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है | Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2021 Date, Puja Vidhi in Hindi

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पंचांग के अनुसार हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि संकष्टी चतुर्थी कहलाता है।  अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है।   संकष्टी चतुर्थी का यह व्रत सभी देवों में प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी को समर्पित है। कहा जाता है कि जो भी इस दिन व्रत रखकर श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना करता है तो उसके जीवन के सभी संकटों का नाश होता है और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आज इस लेख में हम आपको अशिवन मह पितृपक्ष में आने वाली गणेश विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दौरान किये जाने वाले उपाय के बारे में बताएँगे।   यह भी पढ़ें:   सकट चौथ (Sakat Chauth) कब है जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और इस दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में  विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत  गणेश संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021  साल 2021 में संकष्टी चतुर्थी 24 सितंबर शुक्रवार को है।  चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगा - 24 सितंबर प्रातःकाल 8 बजकर 29 मिनट पर।  चतुर...

सावन माह संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त, व्रत पूजा विधि एवं उपाय | Sankashti Chaturthi Vrat 2021 Dates, Puja Vidhi, Upay in Hindi

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गणेश चतुर्थी का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है। यह व्रत गणेश जी को समर्पित होता है। वर्तमान में सावन माह का महीना चल रहा है गणेश जी, भगवान शिव के पुत्र है। इसलिए सावन माह में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का विशेष महत्त्व बताया गया है। इस बार चतुर्थी तिथि 27 जुलाई  मंगलवार के दिन है इस दिन मंगला गौरी व्रत भी होगा। और यह अंगारकी संकष्टी होगी मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन के सभी संकट दूर हो जाते है। आज हम आपको सावन माह संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय के बारे में बताएँगे।  यह भी पढ़ें:   संकष्टी चतुर्थी 2021 में (Sankashti Chaturthi) कब है? जाने शुभ मुहूर्त, तिथि, पूजा विधि एवं इसके महत्त्व में     सावन माह की संकष्टी चतुर्थी व्रत  संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021 (Sankashti Vhaturthi 2021 Dates) साल 2021 में सावन माह की चतुर्थी का व्रत 27 जुलाई मंगलवार के दिन रखा जायेगा।  चतुर्थी तिथि प्...

आषाढ़ मास कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी 2021 व्रत तिथि कब है | sankashti chaturthi 2021, Shubh Muhurt Date, Vrat vidhi, Upay in hindi

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शस्त्रों के अनुसार प्रत्येक मास में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि आती है हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को  कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी मनाया जाता है। मान्यता है की चतुर्थी का व्रत ककरने से व्यक्ति को रिद्धि-सिद्धि और सम्स्त की प्राप्ति होती है। इस व्रत में भगवान श्री गणेश का पूजन किया जाता है। आज हम आपको इस लेख में आषाढ़ माह कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त, इस दिन बन रहे शुभ योग, पूजा विधि और इस दिन सुख समृद्धि व धन प्राप्ति के लिए किये जाने वाले उपाय के बारे में बताएँगे।  यह भी पढ़ें:   संकष्टी चतुर्थी 2021 में (Sankashti Chaturthi) कब है? जाने शुभ मुहूर्त, तिथि, पूजा विधि एवं इसके महत्त्व में     आषाढ़ संकष्टी चतुर्थी 2021  कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021 (Sankashti Chaturthi 2021) साल 2021 में कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का व्रत 27 जून रविवार के दिन रखा जायेगा। चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगा - 27 जून शाम 3 बजकर 54 मिनट पर।  चतुर्थी तिथि समाप्त होगा...

संकष्टी चतुर्थी 2021 में (Sankashti Chaturthi) कब है? जाने शुभ मुहूर्त, तिथि, पूजा विधि एवं इसके महत्त्व में

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भगवान गणेश जी को प्रथम पूज्य देव माना गया है, इसलिए हर शुभ कार्य करने से पहले उन्हें ही पूजा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार संकष्टी चतुर्थी का व्रत कृष्ण पक्ष चतुर्थी को रखा जाता है।  संकष्टी चतुर्थी का पर्व भगवान गणपति जी को समर्पित होता है। प्रत्येक माह में दो बार चतुर्थी तिथि पड़ता है। संकष्टी चतुर्थी   पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना किया जाता है मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी व्रत और पूजा-पाठ करने से सुख-समृद्धि, धन, ज्ञान और बुद्धि मेंवृद्धि होती है।  संकष्टी चतुर्थी का अर्थ संकट को हरने वाली चतुर्थी है।  संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने वाले भक्त का हर दुःख विघ्नहर्ता हर लेते है। आज हम आपको इस लेख में मार्च माह में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी व्रत की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कुछ महाउपायों के बारे में बताएंगे।  यह भी पढ़ें:   महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त पूजा विधि संकष्टी चतुर्थी 2021 संकष्टी चतुर्थी का महत्त्व Sankashti Chaturthi Ka Mahatv  भगवान गणपति जी में आस्था रखने वाले लोग संकष्टी चतुर्थी के दिन...

सकट चौथ (Sakat Chauth) कब है जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और इस दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में

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  दोस्तों आज की इस लेख में बस इतना ही था अगर आपको ये लेखt पसंद आई है तो हमें कमेंट करके बताएं कैसा लगा  और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर  FACEBOOK  और  TWITTER  पर  Share  कीजिये और ऐसे ही नई जानकारी पाने के लिए हमें  SUBSCRIBE  जरुर करे। 🙏  धन्यवाद  🙏

भाद्रपद माह संकष्टी चतुर्थी 2021 शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा एवं धन प्राप्ति के लिए करें ये उपाय

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शास्त्रों के अनुसार जिस तरह सावन माह में आने वाले व्रत त्यौहारों का विशेष महत्त्व है ठीक उसी तरह भाद्रपद माह के व्रत त्यौहार भी बेहद खास माने गए है। इन्ही व्रत त्यौहारों में से एक है भाद्रपद माह में आने वाला संकष्टी चतुर्थी । पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। इस दिन बल, बुद्धि व विद्या के देवता श्री गणेश जी का पूजन किया जाता है। कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी का यह व्रत सभी संकटों को हरने वाला होता है। आज इस लेख में हम आपको भाद्रपद माह में आने वाली संकष्टी चतुर्थी व्रत की शुभ तिथि, पूजा का मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन सुख-समृद्धि  धन प्राप्ति के लिए किये जाने वाले उपाय व कार्यो के बारे में बताएंगे। यह भी पढ़ें:   सकट चौथ (Sakat Chauth) कब है जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और इस दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में  भाद्रपद मास संकष्टी चतुर्थी व्रत  संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021  साल 2021में संकष्टी चतुर्थी का व्रत  - 25 अगस्त बुधवार के दिन रखा जायेगा। संकष्टी चतुर्थी पूजा ...

Vikata Sankashti Chaturthi Vrat 2021 | विकट संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त, व्रत पूजा विधि एवं महत्त्व

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प्राचीन मान्यताओं के अनुसार किसी भी काम की शुरुआत से पहले भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है ।  भगवान गणेश जी भक्तों की सभी परेशानियां और विघ्न बाधाओं को हर लेते है ।  जिस कारण इन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचन भी कहा जाता है। प्रत्येक माह में चतुर्थी तिथि दो बार आती है और ये दोनों ही चतुर्थी तिथियां बहुत ही खास होती है।  संकष्टी चतुर्थी का अर्थ संकट हरने वाली चतुर्थी से होता है। इस दिन श्री गणेश का पूजन और उनके लिए व्रत रखा जाता है। य ह भी पढ़ें: विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है | Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2021 Date, Puja Vidhi in Hindi Vikata Sankashti Chaturthi | विकट संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021 साल 2021 में विकटा संकष्टी चतुर्थी का व्रत 11 अप्रैल शनिवार के दिन रखा जायेगा। चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी 10 अप्रैल रात्री 9 बजकर 31 मिनट पर। चतुर्थी तिथि समाप्त होगी 11 अप्रैल रात्री 7 बजकर 1 मिनट पर। चन्द्रदर्शन का शुभ मुहूर्त होगा 11 अप्रैल 10 बजकर 31 मिनट पर। वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ:। निर्विघ्नं कुरुमे देव: सर्वकार्येषु ...

Ganesh Chaturthi | गणेश चतुर्थी क्यों मनाते है

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वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ:। निर्विघ्नं कुरुमे देव: सर्वकार्येषु सर्वदा॥   संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी हिन्दू मान्यताओ के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है पुत्रो के दीर्घायु होने एवं सुख समृद्धि के लिए पुत्रवती महिलाओ द्वारा रखा जाने वाला व्रत गनेश चतुर्थी होता है । जैसे की चतुर्थी तिथि भगवान गणपति को समर्पित है और भगवन शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त है की प्रथम पूज्य देवता गणेश जी को माना जाता है किसी भी पूजा की शुरुआत में भगवान गणेश की पूजन आराधना उनका नमन करके ही हम पूजा की शुरुआत करते है और ऐसा करना भी चाहिएयदि हम गणेश भगवान की पूजा किये बिना अपनी पूजा कोई भी यज्ञ चाहे छोटी पूजा हो अथवा बड़ी पूजा हो करते है तो वह देवताओं को स्वीकार नही होती है, इस लिए भगवान गणपति का पूजन सर्वप्रथम किया जाता है ऐसा शिव का वरदान प्राप्त है। गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं बैनर Ganesh Chaturthi  गणेश चतुर्थी  About Ganesh Chaturthi  जैसे की चतुर्थी तिथि भगवान गणपति को समर्पित है  तो...