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दूर्वा अष्टमी कब है जाने शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्त्व के बारे में

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पंचांग के अनुसार दूर्वा अष्टमी - Durva Ashtami  का पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है ।  इस दिन दूर्वा घास का पूजन करने की परंपरा है ।  मान्यता है कि दूर्वा अष्टमी के दिन दूर्वा की पूजा करने से व्यक्ति के सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और दूर्वा घास की ही तरह उसके परिवार व कुल की वृद्धि होती है ।  दूर्वा अष्टमी एक ऐसा खास व्रत व त्यौहार है जो दूर्वा घास को समर्पित है दूर्वा घास जिसे शास्त्रों में मात्र घास नहीं मन जाता  बल्कि  इसका धार्मिक दृष्टि से भी  विशेष महत्त्व है । दूर्वा घास का प्रयोग हिन्दू अनुष्ठानो में किया जाता है  इसे बहुत ही शुद्ध माना जाता है गणेश जी को दूर्वा अतिप्रिय है। दूर्वा के बिना भगवान गणेश जी की पूजा अधूरा माना जाता है इसलिए जो भी इस दिन व्रत रखकर दूर्वा की पूजा करता है तो उसके जीवन में सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहती है। आज इस लेख में हम आपको दूर्वा अष्टमी के शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्त्व और इस दिन सुख समृद्धि के लिए किये जाने वाले एक छोटे से उपाय के बारे मे...