पंडित दीनदयाल नगर जक्शन

संगे मरमर की तू बात न कर मुझसे मैं अगर चाहूँ तो एहसास ऐ मोहब्बत लिखदु ताज महल भी झूख जाएगा चूमने के लिए में जो एक पत्थर पे राम नाम लिखदु जय श्री राम संगे मरमर की तू बात न कर मुझसे मैं अगर चाहूँ तो एहसास ऐ मोहब्बत लिखदु ताज महल भी झूख जाएगा चूमने के लिए में जो एक पत्थर पे राम नाम लिखदु जय श्री राम