जितिया जीवित्पुत्रिका व्रत क्यों मनाया जाता है | Jivitputrika Vrat 2022 Date, Vrat Katha in Hindi

जितिया जीवित्पुत्रिका व्रत क्यों मनाया जाता है और इसका शुभ मुहूर्त क्या है एवं कैसे मनाया जाता है ? जीवित्पुत्रिका व्रत हिन्दू पंचांग के अनुसार यह व्रत आश्विन माह कृष्ण सप्तमी तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है । यह पर्व तीन दिन तक चलता है । इस निर्जला व्रत को विवाहित मातायें अपनी संतान की सुरक्षा के लिए करती है । यह व्रत खास तौर से उत्तर प्रदेश, बिहार एवं नेपाल में मनाया जाता है । यह व्रत तीन दिन तक किया जाता है जिसमे से पहले दिन को नहाय खाय कहते है यह दिन जीवित्पुत्रिका व्रत का पहला दिन कहलाता है । इस दिन से व्रत की शुरुआत होता है इस दिन महिलाये नहाने के बाद एक बार भोजन लेती है । उसके बाद फिर दिन भर कुछ भी नहीं खाती हैं । इसके बाद दूसरा दिन खुर जुतिया कहलाता है यह जीवित्पुत्रिका का दूसरा दिन होता है । इस दिन महिलाये निर्जला व्रत करती है यह दिन बहुत ही विशेष होता है । इसके बाद अगले दिन जितिया व्रत का पारण किया जाता है । यह जीवित्पुत्रिका व्रत का अंतिम दिन होता है इस दिन कई लोग बहुत सी चीजे कहते है लेकिन खास तौर से इस दिन जोर भात, नोनी का साग एवं मड़ुआ की...