प्राचीन मान्यताओं के अनुसार किसी भी काम की शुरुआत से पहले भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। भगवान गणेश जी भक्तों की सभी परेशानियां और विघ्न बाधाओं को हर लेते है। जिस कारण इन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचन भी कहा जाता है। प्रत्येक माह में चतुर्थी तिथि दो बार आती है और ये दोनों ही चतुर्थी तिथियां बहुत ही खास होती है। संकष्टी चतुर्थी का अर्थ संकट हरने वाली चतुर्थी से होता है। इस दिन श्री गणेश का पूजन और उनके लिए व्रत रखा जाता है।
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Vikata Sankashti Chaturthi | विकट संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021
- साल 2021 में विकटा संकष्टी चतुर्थी का व्रत 11 अप्रैल शनिवार के दिन रखा जायेगा।
- चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी 10 अप्रैल रात्री 9 बजकर 31 मिनट पर।
- चतुर्थी तिथि समाप्त होगी 11 अप्रैल रात्री 7 बजकर 1 मिनट पर।
- चन्द्रदर्शन का शुभ मुहूर्त होगा 11 अप्रैल 10 बजकर 31 मिनट पर।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ:।
निर्विघ्नं कुरुमे देव: सर्वकार्येषु सर्वदा॥
Vikata Sankashti Chaturthi Vrat | विकट संकष्टी व्रत पूजा विधि
विकता संकष्टी इस दिन भगवान गणेश जी के विकत रुप की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान के बाद पूजा स्थल पर एक चौकी पर हरा कपड़ा बिछाकर गणपति भगवान की मूर्ति स्थापित करे और भगवान गणेश जी के मंत्र ऊँ गं गणपतये नमः का जाप करे। अब उनके समक्ष कलश स्थापना करते हुए उन्हें फल, फूल, वस्त्र व सभी पूजन सामग्री अर्पित करे पूजा के समय भगवान गणेश जी को दूर्वा और तिल से बने लड्डू अर्पण करे, इसके बाद गणेश जी की व्रत कथा सुनें और आरती गाये अंत में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूरा करे।
Sankashti Chaturthi ka Mahatv | विकट संकष्टी चतुर्थी का महत्त्व
पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश जी के पूजन के साथ ही चंद्र पूजन बहुत ही शुभ माना जाता है। आज के दिन चन्द्रोदय के बाद पूजा कर व्रत पूर्ण किया जाता है शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है भगवान श्री गणेश जी की कृपा से उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और उसे बल, बुद्धि, विद्या का वरदान मिलता है। इस खास दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने से सभी कार्य सिद्ध होते है
चतुर्थी तिथि के दिन गणपति जी की पूजा करने से घर से साडी नकारात्मकता दूर हो जाती है और घर में समृद्धि आती है। भविष्य पुराण में कहा गया है की जब मन संकटों से घिरा महसूस कर रहा हो तो गणेश चतुर्थी का व्रत करे। इससे कष्ट दूर होते है और धर्म, अर्थ, मोक्ष, विद्या, धन व आरोग्य की भी प्राप्ति होती है।
Sankashti Chaturthi | विकट संकष्टी चतुर्थी उपाय
मान्यता है कि सभी देवों में प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध होते है, शास्त्रों के अनुसार यदी विकट चतुर्थी के दिन कुछ आसान व छोटे-छोटे उपाय किये जाय तो व्यक्ति को धन सम्पदा और ज्ञान का महावरदान मिलता है।
विकट चतुर्थी के दिन लाल गुलाब या गुड़हल के फूल भगवान गणेश जी को अर्पण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। चतुर्थी तिथि के दिन उत्तर दिशा को साफ कर भगवान गणेश जी की प्रतिमा को यहां पर स्थापित करे और पूजा कर उनके मंत्रों का जाप करे इससे धन संबंधी बाधाएं दूर होती है यदि आज के दिन पूजा के समय लाल आसन पर बैठ कर ऊँ नमो भगवते गजाननाय मंत्र का 108 बार जाप किया जाये तो इससे जल्द ही मनोकामना पूरी होती है।
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