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विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है | Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2021 Date, Puja Vidhi in Hindi

पंचांग के अनुसार हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि संकष्टी चतुर्थी कहलाता है। अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है।  संकष्टी चतुर्थी का यह व्रत सभी देवों में प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी को समर्पित है। कहा जाता है कि जो भी इस दिन व्रत रखकर श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना करता है तो उसके जीवन के सभी संकटों का नाश होता है और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आज इस लेख में हम आपको अशिवन मह पितृपक्ष में आने वाली गणेश विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दौरान किये जाने वाले उपाय के बारे में बताएँगे।  

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विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है | Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2021 Date, Puja Vidhi in Hindi
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत 

गणेश संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021 

  • साल 2021 में संकष्टी चतुर्थी 24 सितंबर शुक्रवार को है। 
  • चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगा - 24 सितंबर प्रातःकाल 8 बजकर 29 मिनट पर। 
  • चतुर्थी तिथि समाप्त होगा होगा - 25 सितंबर प्रातःकाल 10 बजकर 36 मिनट पर। 
  • संकष्टी के दिन चन्द्रोदय का समय होगा - 24 सितंबर रात्रि 8 बजकर 20 मिनट पर। 

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संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

मान्यता अनुसार विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन घर में पूजा करने से नकारात्मक प्रभाव दूर होते है। चतुर्थी के दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें और गणपति जी की पूजा की शुरुआत करें। गणपति पूजन के समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। अब गणेश जी की मूर्ति को फूलों से सजाएं और उन्हें रोली, अक्षत, फल-फूल और दूर्वा चढ़ाएं। पूजा में तिल, गुड़, लड्डू और मोदक चढ़ाएं। पूजा के समय गणेश जी के साथ माँ लक्ष्मी जी की प्रतिमा का भी पूजा करें क्योंकि ये बेहद शुभ माना जाता है। पूरा दिन उपवास के बाद शाम के समय चांद के निकलने से पहले गणपति जी का पुनः पूजन कर संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ कर चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत संपन्न करें। 

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इस दिन जरूर करें ये उपाय

शास्त्रों में गणेश पूजा का विशेष महत्त्व है। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान श्री गणेश जी का पूजन किया जाता है ताकि विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी आपके सभी दुःख दूर और मनोकामनाएं पूरी कर सकें। मान्यता है की यदि इस शुभ दिन पर विघ्नहर्ता की आराधना और आसान उपाय किये जाय तो व्यक्ति को बल बुद्धि, विद्या और सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है आइये जानते है पितृ पक्ष की संकष्टी चतुर्थी के दिन कौन से उपाय करने चाहिए। 

  • चतुर्थी के दिन गणेश जी के सामने घी का चौमुखी दीपक जलाने से सफलता मिलती है।
  • मान्यता है की विघ्नराज गणेश चतुर्थी के दिन हाथी को हरा चारा खिलाने से गणेश जी जल्दी प्रसन्न हक्लार आपकी हर मनोकामना पूरी करते है और जीवन के सभी संकटों को दूर करते है। 
  • पैसों को तंगी को दूर करने के लिए पितृ पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी को शुद्ध घी और गुड़ का भोग लगाएं। 
  • इस दिन भगवान गणेश को लाल सिंदूर चढ़ाने से धन की वृद्धि होती है।
  • अगर विवाह में बार-बार अड़चन आ रहा है तो इस दिन भगवान गणेश जी को 11 मोदकों का भोग लगाएं। 

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