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विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day) कब मनाया जाता है?

नमस्कार दोस्तों! दुनिया में आज यानि 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस World Milk Day मनाया जाता है। संयक्त राष्ट्र की तरफ से इसे इसी दिन मनाया जाता है। इस मौके पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। जिनका मकसद लोगों को इसका महत्व बताकर इसे डाइट में शामिल करना होता है। इस दिन को मनाने का मकसद दुनिया भर में दूध को वैश्विक भोजन के रूप में मान्यता देना है। तो आइये दोस्तों इस लेख में माध्यम से जानते है की विश्व दुग्ध दिवस कब मनाया जाता है, क्यों मनाया जाता है, इसका इतिहास क्या है, इसकी शुरुआत कब हुई, इसका महत्व और कारण क्या हैं एवं बहुत सारी जानकारियां बताने वाले है इस लेख में। 

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विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day) कब मनाया जाता है?
विश्व दुग्ध दिवस 

विश्व दुग्ध दिवस कब मनाया जाता है?

विश्व दुग्ध दिवस World Milk Day  सम्पूर्ण विश्व में 1 जून को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दूध के सम्बन्ध में ध्यान आकर्षित करना एवं दूध उद्योग से जुडी गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिए अवसर प्रदान करता है। प्रथम विश्व दुग्ध दिवस 1 जून 2001 को मनाया गया था। 

विश्व दुग्ध दिवस क्यों मनाया जाता है?

1 जून को वार्षिक आधार पर पुरे विश्व भर के लोगो के द्वारा विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है। प्राकृतिक दूध के सभी पहलुओं के बारे में आम जनता की जागरूकता बढ़ाने के लिए इसे मनाया जाता है। जैसे - इसकी स्वाभाविक उत्पत्ति, दूध का पोषण संबंधी महत्व और विभिन्न दूध उत्पाद सहित पूरे विश्वभर में इसका आर्थिक महत्व। विभिन्न उपभोक्ताओं और दूध उद्योग के कर्मचारियों के भाग लेने के द्वारा कई देशों (मलेशिया, कोलंबिया, रोमानिया, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका आदि) में इसे मानने का शुरुआत किया गया। 

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विश्व दुग्ध दिवस का इतिहास

20 साल पहले से संयुक्त राष्ट्र ने खाद्य और कृषि संगठन द्वारा दुग्ध दिवस यानि वर्ल्ड मिल्क डे की स्थपना एक वैश्विक भोजन के रूप में दूध के महत्त्व को पहचानते और डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। हर साल दुनिया में दूध औए डेयरी उत्पादों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जिसमे की यह भी शामिल है की कैसे भी डेयरी की एक अरब लोगों की आजीविका का समर्थन करती है। 

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वर्ल्ड मिल्क डे की शुरुआत कब हुई?

बहुत सारे देशों के सहभागिता से पुरे विश्व में 2001 में पहली बार विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया था। इस उत्स्व में वर्ष दर वर्ष भाग लेने वाले देशों की संख्या बढ़ती चली जा रही है। तब से परे विश्व भर में दूध और दुग्ध उद्योग से संबंधित क्रिया-कलापों को प्रचार-प्रसार में हर वर्ष ध्यान केंद्रित करने के लिए इसे मनाया जाता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्सब संबंधित क्रिया-कलापों को आयोजित करने के द्वारा इस उत्सव का राष्ट्रीयकरण किया जाता है। 

यह दिवस संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा वर्ष 2001 से मनाया जाना आरम्भ हुआ। एफएओ ने लोगों को दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों दैनिक आहार के रूप में अपनाये जाने हेतु प्रोत्साहित किया। इसे 1 जून को मानाने के लिए चुना गया था क्योंकि इस समय के दौरान बहुत सारे देश के द्वारा विश्व दुग्ध दिवस पहले से ही मनाया जा रहा था। भारत में यह डॉक्टर वर्गीज कुरियन के स्मरण के रूप में मनाया जाता है। 

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विश्व दुग्ध दिवस का महत्व

जैसा की हम सब जानते है की भारत दूध का सबसे पड़ा उत्पादक है यह दिन सभी के जीवन के लिए दूध के महत्त्व पर प्रकाश डालता है। दूध वह भोजन है जिसका सेवन न केवल मनुष्य करता है बल्कि जानवरों द्वारा भी किया जाता है। इससे पता चलता है कि दूध कितना महत्वपूर्ण है। इसका महत्त्व दूध और डेयरी उत्पादों के सेवन से मिलने वाले लाभों को दुनिया भर में सक्रीय रूप से बढ़ावा दिया जाता है। 

डेयरी उत्पादन ने केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद ही नहीं बल्कि डेयरी क्षेत्र के वैश्विक खाद्य प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो की दुनिया भर में कई लोगों को आर्थिक पोषण और सामाजिक लाभ प्रदान करता है। चूँकि भारत के कृषि प्रधान देश है इसलिए यह दिन और भी महत्त्व रखता है क्योंकि यह यह प्रमुख खाद्य पदार्थों में से एक है। खाना पकाने में दूध का उपयोग करने विभिन्नता अलग है लेकिन यह दिन में कम से कम एक भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। 

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विश्व दुग्ध दिवस मनाने का कारण 

विश्व दुग्ध दिवस के पूरे उत्सव के दौरान दूध को एक वैश्विक भोजन के रूप केंद्रित किया जाता है। ऑनलाइन अपने वेबसाइट पर अंतर्राष्ट्रीय डेयरी संघ के द्वारा ढेर सारे विज्ञापन संबंधी क्रिया-कलापों, एक स्वस्थ और नियंत्रित भोजन के रूप में दूध को महान बताने का शुरुआत किया गया है। पुरे दिन प्रचार संबंधी गतिविधियों के द्वारा आम लोगों के लिए दूध के महत्त्व के सन्देश को फ़ैलाने के लिए एक साथ काम करने के लिए उत्सव में स्वास्थ्य संस्थाओं से विभिन्न सदस्य भाग लेते है। 

दूध की सच्चाई को उनको समझने के लिए विश्व दुग्ध दिवस उत्सव बड़ी जनसंख्या पर असर डालता है। दूध शरीर के द्वारा जरुरी सभी पोषक तत्वों का एक बहुत अच्छा स्रोत है, जिसमें कैल्सियम, मैग्नीशियम, जिनक, फॉस्फोरस, आयोडीन, आयरन, पोटेशियम, फोलेट्स, विटामिन ए, विटामिन डी, राइबोफ्लेबिन, विटामिन बी 12, प्रोटीन, स्वस्थ फैट आदि मौजूद होता है। ये बहुत ही ऊर्जायुक्त आहार होता है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा उपलब्ध कराता है, क्योंकि इसमें उच्च गुणवत्ता के प्रोटीन सहित आवश्यक और गौर-आवश्यक एमिनो एसिड और फैटी एसिड मौजूद होता है। 

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विश्व में दुग्ध दिवस पर किये जाने वाले क्रियाकलाप

चूँकि विश्व दुग्ध दिवस पर लोगों को दूध को अपने भोजन में प्रतिदिन शामिल करने का एक महत्त्व बताया जाता है। इस कारण इससे पुरे विश्व में लोग दिन-प्रतिदिन दूध को अपने आहार में शामिल कर रहे है और इसे अपने आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानने लगे है। पुरे विश्व में राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा इसके महत्त्व को सामान जनता तक पहुंचाने के लिए कई जागरूकता अभियान और प्रचार गतिविधियाँ भी आयोजित किये जाते है। 

इस दिन वैश्विक स्तर पर कई गैर-सरकारी संगठनों, प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों और सरकारी स्वास्थ्य संगठनों जिसमें दक्षिण अफ्रीका मिल्क प्रोसेसिंग संगठन भी शामिल है। इसके द्वारा विभिन्न प्रकार की गतिविधियां कराई जाती है जिनमें दूध की बिक्री के लिए बाजारों को लक्षित किया जाता है। इसके लिए कई संचार कार्यक्रम चलाये जाते है जिनमें यह बताया जाता है कि दूध में अनेक प्रकार के पौष्टिक तत्व पाये जाते है। इसके अलावा देश विदेश में उपभोक्ताओं को इसका महत्त्व बताने के लिए लेख, समाचार, प्रेस विज्ञप्ति आदि जारी किया जाता है। 

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बच्चों के मध्य फ्री दूध और दुग्ध उत्पादों का वितरण किया जाता है। इसके लिए स्थनीय लोगों में से कुछ मशहूर लोगों को चुना जाता है तथा इसके माध्यम से शिविर का आयोजन किया जाता है। छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए स्कूल, कालेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षिक संस्थानों में चर्चाएं, प्रश्नोत्तरी, प्रतियोगिताएं, खेल गतिविधियां, निबंध लेखन आदि जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। 

इस तरह यह दिन देश-विदेश में मनाये जाने वाले महत्वपूर्ण दिनों में से एक है जहां अनेक क्रिया-कलापों के द्वारा बहुत से लोग भाग लेते है और दूध के महत्त्व को लोगों तक पहुंचाते है। 

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दूध के बारे में महत्वपूर्ण जानकरी

  • दूध एक सफ़ेद अपारदर्शी द्रव होता है। 
  • दूध मादाओं के दूध ग्रंथियों से बनता है। 
  • नवजात शिशु तब-तक दूध पर निर्भर रहता है, तब-तक वह अन्य पदार्थों का सेवन नहीं कर पाता है।
  • साधारणतया दूध में 85% जल होता है औए शेष भाग में ठोस तत्व यानि खनिज व वसा होता है। 
  • दूध में प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेबिन (विटामिन बी -2) युक्त होता है, इसके अलावा इसमें विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई खनिज और वसा तथा ऊर्जा भो होता है। 
  • इसके अलावा इसमें कई एंज़ाइम और कुछ जीवित रक्त कोशिकाएं भी हो सकती है। 
  • गाय के दूध में प्रति ग्राम 3.14 मिली ग्राम कोलेस्ट्राल होता है आयुर्वेद के अनुसार गाय के ताजा दूध को ही उत्तम माना जाता है। 
  • भैस के दूध में प्रतिग्राम 0.65 मिली ग्राम कोलेस्ट्राल होता है, भैंस के दूध में गाय के दूध की तुलना में 92% कैल्शियम, 37% लौह और 118% अधिक फॉस्फोरस होता है। 
  • पैकेट दूध इस तरह का दूध मदर डेयरी, अमूल, पराग, अंचल जैसी कंपनिया सप्लाई करती है। इसमें विटामिन ए, लौह और कैल्शियम ऊपर से भी मिलाया जाता है। 
  • हमारे शरीर को लगभग 30 से अधिक तत्वों की आवश्यता होती है और दूध अकेला ऐसा पेय है जिसमें लगभग ये सभी पदार्थ मौजूद होते है। 
  • अगर दूध में मौजूद पानी की बात करें तो सबसे ज्यादा पानी गधी के दूध में 91.5% होता है। 
  • माँ के दूध में भी पानी होता है। 
  • दूध संपूर्ण आहार के साथ-साथ जल्दी ख़राब हो जाने वाली पेय है। 
  • दूध से कई प्रकार के पदार्थ बनाये जाते है। 
  • दूध से जल को तीव्र गति से वाष्पित करने को हम खोआ कहते है। 
  • रोजाना कम से कम एक गिलास दूध पीने वाले लोग ना पीने वाले लोगों की तुलना में मानसिक और बौद्धिक तौर पर बेहतर होते है। 
  • विश्व की पहली दूध डेयरी सऊदी अरब में खोली गई जाया ऊंट का दूध बेचा जाता था। 
  • कुछ लोग मानते है की दूध पीने से बलगम बनता है लेकिन ये सच नहीं है। 
  • कच्चा दूध पीने से आपको गंभीर बिमारियों का सामना करना पड़ सकता हैं। 
  • दस हजार साल पहले भी लोग दूध पीते थे, यानी दूध इंसानों के पहले खाद्य पदार्थों में से एक है।
  • दूध हमे कई बिमारियों से बचाता है। 
  • कड़ी मेहनत और थकान के बाद शरीर में ऊर्जा वापस लाने के लिए दूध सबसे अच्छा भोजन है।
  • इंसान अकेला ऐसा प्राणी है जो दूसरे प्राणियों का दुध पीता है। 
  • पुरुषों के स्तनों में भी दूध आ सकता है लेकिन उसके लिए पुरुषों के शरीर में प्रोलैक्टिन की मात्र ज्यादा होना चाहिए। 
  • आपको आश्चर्य होगा कि लड़के और लड़की के लिए मां के स्तन में अलग-अलग तरह का दूध आता है।
  • याक का दूध गुलाबी होता है। 
  • ऊंट के दूध से दही नहीं जम सकता। 

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