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स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है | Swatantrata Diwas Nibandh, Indian Independence Day Speech in Hindi

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है | Swatantrata Diwas Nibandh, Indian Independence Day Speech in Hindi 

 ना सरकार मेरी है! ना रौब मेरा है! ना बड़ा सा नाम मेरा है! मुझे तो एक छोटी सी बात पर गर्व है, मैं  "हिंदुस्तान" का हूँ और "हिंदुस्तान" मेरा है। "जय हिन्द 15 अगस्त की हार्दिक शुभकामनाये" 

आज हम जिस आजादी के जश्न को मनाने जा रहे है। उस आजादी, स्वतंत्रता दिवस के इतिहास के बारे में जरा भी सोचें तो हमरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हिंदुस्तान में जब अग्रेण लोग आये तो भारत एक सोने की चिड़िया कहलाता था। लेकिन इन गोरे लोगों ने भारत देश को जमकर लूटा और शोषण भी किया। 

भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है, यह दिन सभी भारतीयों के लिए बेहद खास होता है क्योंकि इसी दिन भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी। इसीलिए इस दिन को यानि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस भी कहा जाता है, भारत ने अपना पहला स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 को मनाया गया था।

तब से आज तक मनाया जाता आ रहा है। पर क्या आपको पता है स्वतंत्रता दिवस क्या है, independence day speech in hindi, स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, Swatantra Divas Kab Manaya Jata Hai, swatantrata diwas par nibandh, swatantrata diwas, स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है अगर नहीं पता तो आप मेरे इस लेख को अवश्य पढ़े और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें।

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स्वतंत्रता दिवस 

15 अगस्त 1947 का क्या इतिहास है? (history of 15 August 1947)

15 अगस्त 1947 के दिन को भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी और इसलिए प्रत्येक वर्ष इस दिन को बड़े उत्साह के साथ पूरे देश भर में मनाया जाता है। 15 अगस्त हर भारतीय के लिए बहुत बड़ा मायने रखता है हर साल इस राष्ट्रीय पर्व को हम पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ मानते है। इससे जुड़े इतिहास से भारत में शायद ही कोई अंजान व्यक्ति होगा, जिसको नहीं पता होगा कि हमें आजादी कैसे और कब मिली।

स्वतंत्रता दिवस भारत में राष्ट्रीय अवकाश के रुप में 15 अगस्त को मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधान मंत्री लाल किले से झंडा फहराते है। झांकियां निकाली जाती है, इसमें लाखों लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं आदि। लेकिन क्या आपको पता है कि 15 अगस्त को आजादी के लिए रात के 12 बजे ही क्यों चुना गया, 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है इसको मनाने के पीछे क्या कारण है।

स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है

राष्ट्रीय पर्व अर्थात स्वतंत्रता दिवस भारतीयों के लिए एक विशेष एक गर्व की बात है। इस दिन भारत को आजादी प्राप्त हुई थी। 15 अगस्त 1947 से पहले भारत अंग्रेजो का गुलाम था। भारत पर अंग्रेजों ने 200 वर्षों तक राज किया था। लेकिन सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद आदि के नेतृत्व में लड़ाइयां लड़ी। उनकी मेहनत रंग लाई और भारत के वीर सपूतों के बलिदान के फल स्वरुप हमें 15 अगस्त 1947 को आजादी प्राप्त हुआ। तभी से प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त के दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

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वर्ष 1947 ही क्यों आजादी के लिए चुना गया?

हम सभी जानते हैं कि भारत के लोग गांधी के प्रयासों और जन आंदोलनों के चलते अवगत हो गए थे और आजादी के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे थे वहीं दूसरी ओर सुभाष चंद्र बोस और अन्य क्रांतिकारी भी अंग्रेजों के ऊपर देश छोड़ने का पूरा दबाव डाल रहे थे।

1945 में जब दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुआ, तब अंग्रेजों की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई थी। उस समय वे अपने ही देश पर शासन नहीं कर पाते थे तो भारत के लिए कार्य करना बहुत ही कठिन हो गया था। वहीं, 1945 में ब्रिटिश चुनाव हुए और लेबर पार्टी की जीत हुई जिसने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष को आसान बना दिया।

उन्होंने अपने मेनोफेस्टो में भारत जैसी दूसरी इंग्लिश कालोनियों को भी आजादी देने की बात कही थी कई मतभेदों के बावजूद भी भारत को स्वतंत्र करने के लिए भारतीय नेताओं की बात शुरू हो गई थी इसी के तहद फरवरी 1947 में लार्ड माउंटबैटन को भारत का आखिरी वाइसराय चुना गया।

जिनपर व्यवस्थित तरोको से भारत को स्वतंत्रता दिलाने का कार्य भार था शुरुआती योजना के अनुसार भारत को जून 1948 में आजादी मिलने का प्रावधान था वाइसराय लार्ड माउंटबैटन से इसी के बारे में बात भारतीय नेताओं की बात चीत हो रही थी लेकिन उस समय मोहम्मद अली जिन्ना और जवाहर लाल नेहरू के बिच बटवारा भी एक मुद्दा बना हुआ था।

जिन्ना की अलग देश की मांग से भारत के कई क्षेत्रो में साम्प्रदाइक झगड़े शुरू हो गए थे हालात और बिगड़े नहीं इसलिए लार्ड माउंटबैटन ने 1948 की बजाय 1947 को ही आजादी देने का फैसला लिया ऐसा कहा जाता है की लार्ड माउंटबैटन 15 अगस्त की तारीख को शुभ मानते थे क्युकी द्रितीय विश्व युद्ध के समय 15 अगस्त 1945 को जापानी आर्मी ने आत्म समर्पण किया था और उस समय वो अलाइट फोर्सेस के कमांडर थे इस लिए उन्होंने 15 अगस्त को देश की आजादी के लिए चुना।

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देश को आजादी रात्रि के 12 बजे ही क्यों मिली?

कुछ तथ्यों के अनुसार अंग्रेजों ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी कि भारत को स्वतंत्रता दी जाएगी कैबरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्रीय नेताओं जो दृढ़ता से धार्मिक मान्यताओं औए ज्योतिष में विश्वास कराये थे ने पाया कि 15 अगस्त कों शाम 07 बजकर 30 मिनट से चतुर्दशी और अमावस्या एक साथ प्रवेश कर रही है जिसे अशुभ माना जाता है। 

जब नेताओं को पतह चला की 14 रातीख और 17 तारीख शुभ थी तो वह 14 को ही स्वतंत्रता दिवस की कार्यवाही करना चाहते थे लेकिन जब उनको पता चला की 14 को वाइसराय  लार्ड माउंटबैटन पाकिस्तान में स्थानांतरण के लिए कराची जायेंगे और देर से भारत लौटेंगे इसलिए उन्होंने रात में ही स्वतंत्रता दिवस मनाने का फैसला लिया।

इसके अलावा ब्रिटिश सरकार ने पहले हीसंसद में घोषणा की थी कि भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त को दिया जायेगा ऐसी संकट की स्थिति में प्रतिष्ठित इतिहासकार और मलियाली विद्वान् के याम पणिक्कर को भारतीय रीति रिवाजों और ज्योतिष का ज्ञान था उन्होंने राष्ट्रीय नेताओं को एक समाधान दिया और वह यह था 

संवैधानिक विधान सभा 14 की रात को 11 बजे से शुरू करके मध्य रात्रि 15 अगस्त के बाद 12 बजे तक कर सकते है क्युकी अंग्रजो के हिसाब से दिन 12 बजे पर शुरू होता है लेकिन हिन्दू कैलेण्डर के हिसाब से सूर्योदय पर रात्रि 12 बजे नया दिन शुरू हो जायेगा और भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिलेगी 14 की रात को जवाहरलाल नेहरू ने औपचारिक रूप से अंग्रेजों से भारत को शक्तियों के हस्तांतरण की घोषणा की और Trast with Destiny भाषण दिया। इस संकल्प को सदन में राष्ट्रपति द्वारा पेश किया गया और संवैधानिक विधान सभा  के सदस्यों द्वारा पारित किया गया 15 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दिल्ली में लाल लिखे के लाहौरी गेटके ऊपर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया इस प्राकर 15 अगस्त रात 12 बजे भारत को आजादी मिला था।

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भारत का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है?

भारत का स्वतंत्रता दिवस, यानी 15 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में पूरे देश भर में मनाया जाता है। आज का दिन सभी भारतीयों के लिए गर्व का दिन है। इस दिन हमारा देश या हम आजाद हुए थे और ब्रिटिश राज में मुक्ति मिला था। आज का दिन सभी भारतीय नागरिकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है और यह दिन इतिहास में हमेशा के लिए उल्लेखनीय हो गया है। इस दिन लाल किले के प्राचीन से लेकर गांव के छोटे-छोटे मोहल्लों, कस्बों तक स्वतंत्रता दिवस को बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।

ये सभी देश वासियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्यूंकि ये दिन हमें मौका देता है उन महँ स्वतंत्र सैनिको को याद करने का जिन्होंने हमें एक शांतिपूर्ण जीवन देने के के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी उन्ही के बलिदानो के वजह से आज हम स्वतंत्र है। भारत के आजादी के पहले दिन की याद करने के लिए हम साल स्वतंत्रता दिवस मनाते है साथ ही हम उन महान लोगो को याद करते है जिनके कठिन संघर्षों की वजह से हम अपनी आजादी का उपभोग करने लायक बने है और अपनी इच्छा अपनी मर्जी से खुली हवा में सांस ले सकते है अंग्रेजो से आजादी पाना हमारे पूर्वजों के लिए वाहद असम्भव कार्य था लेकिन हमारे पूर्वजों ने लगातार प्रयास करके आजादी प्राप्त कर ली हमे उनके कार्यों को कभी भूलना नहीं चाहिए और हमेशा याद करते रहना चाहिए।

हम एक दिन में सभी स्वतंत्रता सेनानियों एवं क्रांतिकारियों के कार्यों को याद नहीं कर सकते, लेकिन हम उन्हें दिल से सलाम जरूर कर सकते हैं। आज का दिन सभी भारतीयों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है, इस दिन को हम देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान लोगों के बलिदानों को याद करने के लिए मनाते हैं।भारत की स्वतंत्रता इसलिए संभव हुई क्योंकि संयोग बलिदान सभी भ्रांतियों की भागीदारी थी। हमें उन सभी भारतीय नागरिकों को सलाम करना चाहिए क्योंकि वे असली राष्ट्रीय नायक थे। बाल गंगाधर तिलक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय आदि सभी प्रसिद्ध देशभक्त थे।

जिन्होंने अपने जीवन के अंत तक भारत की आजादी के लिए कड़क संघर्ष किया हम लोग हमारे पूर्वजों के द्वारा किये गए संघर्षों की कल्पना भी नहीं कर सकते है आजादी के इतने साल बाद भी आज हमारा देश विकास के सही रास्ते पर दौड़ रहा है, आज हमारा देश पूरी दुनिया में लोकतंत्र के रूप में स्थापित है।

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स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है?

हर वर्ष 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस को जब कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। तब सबसे पहले ध्वजारोहण के साथ राष्ट्रीय गान व् गीत सम्मान पूर्वक गाया जाता है। साथ ही बीच-बीच में भारत माता की जय व शहीदों के नारे व् जयकारे सुनने को मिलते है। विद्यालयों में एनसीसी व् सेना में परेड़ होता है। स्वतंत्रता दिवस पर सभी राज्यों की विधान सभाओं, राजकीय कार्यालयों, विद्यालयों व अन्य सभी निजी व प्राइवेट संस्थाओं में तिरंगा फहराया जाता है। 

विद्यालयों में रंगारंग कार्यक्रम, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, नृत्य गायन आयोजित किये जाते हैं। ज्यादातर 15 अगस्त को केवल देश भक्ति गीत, कविता गाई जाती है। इस दिन मानो सारा भारत देश आजादी के जश्न में डूब जाता है। बहरत में 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन विशेष कार्य हेतु/ देश हित को ध्यान में रखते हुए भावी कार्य के लिए पुरस्कार भी दिया जाता है। विद्यालयों में छात्र/छात्राओं को मिठाई व् पुरस्कार भेंट दी जाती है। 

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स्वतंत्रता दिवस का महत्त्व (swatantrata diwas ka mahatva)

भारतीयों के लिए स्वतंत्रता दिवस का महत्व विशेष है। 15 अगस्त 1947 को प्रातः 8 बजकर 30 मिनट पर लार्ड माउंटबेटन को गवर्नर जनरल का शपथ दिलाया गया। संसद भवन पर तिरंगा फहराया गया और इक्कीस तोपों की सलामी दिया गया। पंडित जवारल लाल नेहरू को भारत काप्रथम  प्रधानमंत्री बनाया गया और इसी दिन भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुआ। 

स्वतंत्रता के परिणामस्वरूप यह दिन भारतीयों के लिए खास बन गया उसके बाद से ही प्रत्येक वर्ष भारत के वीर सपूतों जो की स्वतंत्रता में अपनी भागीदारी अदा की थी। उनकी याद में भी स्वतंत्रता दिवस को मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, कालेज, सरकारी दफ्तरों में ध्वज फहराया जाता है। सांयकाल के समय विशेष सभाएं आयोजित किये जाते है और भारत के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित किया जाता है। 

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स्वतंत्रता दिवस पर क्या-क्या करते हैं

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ध्वज को फहरा कर देश को संबोधित करते हैं। स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों में विशेष प्रकार के स्वतंत्रता दिवस से संबंधित कार्यक्रम रखे जाते है और देश भक्ति गीत, राष्ट्रगान आदि गाए जाते है। स्कूल, कॉलेजों के द्वारा विशेष प्रकार की झांकियां, प्रभात फेरी आदि का आयोजन किया जाता है। स्कूल में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को भारत के वीर सपूतों की गाथाओं का वर्णन किया जाता है। भारत में स्वतंत्रता दिवस बड़े हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है। 

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निष्कर्ष 

स्कूलों में यह पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। ध्वज फहराया जाता है, मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री के सन्देश पढ़े जाते है और बालको को फल और मिठाई बांटा जाता है। इस पर्व पर हमें राष्ट्र के लिए सर्वस्व बलिदान करने का प्रण लेना चाहिए और प्रेम पूर्वक मिल जुलकर रहने की प्रतिज्ञा लेना चाहिए। इस समय हमे अलगाववाद की जगह मिल जुलकर सबके साथ रहने के बारे में सोचना चाहिए। साथ ही साथ भारत देश के राष्ट्रीय प्रतीकों का आदर करना चाहिए जिससे इसका चौमुखी विकास हो सके। 

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