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परमपूज्य महंत Yogi Adityanath जी महाराज का संक्षिप्त परिचय

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योगीजी का जन्म देवाधिदेव भगवान् महादेव की उपत्यका में स्थित देव-भूमि उत्तराखण्ड में 5 जून सन् 1972 को हुआ। परम पूज्य महंत Yogi Adityanath जी महाराज  परमपूज्य महंत योगी आदित्यनाथ जी महाराज संक्षिप्त का परिचय जब पूर्वी उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण, नक्सली, जिहाद  और माओवादी, भ्रष्टाचार, हिंसा और अपराध की अराजकता से त्रस्त थे। उसी समय नाथपंथ के "विश्व प्रसिद्ध मठ श्री गोरक्षनाथ मंदिर गोरखपुर" के पावन परिसर में  गोरक्ष महायोगी गोरखनाथ जी की कृपा से " माघ शुक्ल ५ संवत २०५० तदनुसार, १५ फरवरी १ ९९ ४"  की शुभ तिथि को  गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने अपने उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ जी का दीक्षाभिषेक अपने हाथों से की। Yogi Adityanath Birthday - योगी आदित्यनाथ जी महाराज का जन्मदिवस  योगी आदित्यनाथ जी का जन्म 5 जून 1972 को देवाधिदेव भगवान महादेव की उपत्यका में स्थित देव भूमि उत्तराखंड में हुआ था। इनके पिता का नाम "आनन्द सिंह बिष्ट" है तथा इनकी मां का नाम "सावित्री देवी" है। शिव अंश की उपस्थिति ने योगीजी को एक छात्र के रूप मे...

हिन्दी पत्रकारिता दिवस (Hindi Patrakarita Diwas) 30 मई को क्यों मनाया जाता है

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हिन्दी पत्रकारिता दिवस 30 मई को क्यों मनाया जाता है? 30 मई के दिन हिंदी पत्रकारिता दिवस हम लोग मानते है और हिंदी पत्रकारिता का हमारे साहित्य में बहुत ही बड़ा योगदान है ।  हिंदी पत्रकारिता के इतिहास में आज का दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। आज ही के दिन जुगल किशोर शुक्ल ने दुनिया का पहला हिंदी साप्ताहिक पत्र " उदंत  मार्तण्ड " का प्रकाशन कलकत्ता से शुरू किया था और इस दिन को पत्रकारिता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस प्रकार भारत में हिंदी पत्रकारिता की आधारशिला पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने डाला था। " उदंत  मार्तण्ड " का प्रकाशन 30 मई 1826 को कलकत्ता से एक साप्ताहिक पत्र के रूप में शुरू हुआ था।  यह भी पढ़ें: 👉  विश्व बाल श्रम निषेध दिवस कब और क्यों मनाया जाता है   Hindi Patrakariya Diwas भारत में हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत कैसे हुई आपको याद होगा कि देश में ईस्ट इण्डिया कंपनी के अधिकारी अपनी मनमानी गैर जिम्मेदाराना करतुते कर रहे थे तभी उन्ही के बिच से एक विरोश का स्वर उठा यह 1780 का समय था जब एक अंग्रेज व्या...

शनि जयंती (Shani Jayanti 2021 ) कब है? जाने शुभ मुहूर्त, जन्मकथा और इस दिन किये जाने वाले महाउपायों के बारे में

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शनि जयंती ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है ।  शनि देव सूर्य के पुत्र है इन्हे न्याय और मृत्यु का देवता माना जाता है ।  इनका वर्ण काला है यही कारण है की इनको काला रंग बहुत ही पसंद है। इस दिन शनि देव की विशेष पूजा का विधान है विशेषकर शनि की साढ़े साती, शनि की अढैया आदि शनि दोष से पीड़ित जातकों के लिए इस दिन का बहुत ही महत्त्व माना गया है।  सूर्य देव और देवी छाया के पुत्र भगवान शनि के अवतरण दिवस के रूप में हम इस दिन को मनाते है, इस उत्सव को हम शनि जयंती भी कहते है । जन्म के समय से ही बड़े ही सुन्दर शनि देव श्याम वर्ण, लंबे शरीर, बड़े आँखों और बड़े केशो वाले है। भले ही मूर्ति बनकर बैठे है, पर मेरे साथ खड़े है, आये जब ही संकट मुझपर, मुझसे पहले मेरे शनि देव लड़े है और मौत का डर उनको लगता है, जिनके कर्मो में दाग होता है, हम तो शनि के गुरु भोलेनाथ के भक्त है, हमारे तो खून में ही आग है। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या चन्द्रमास के कृष्ण पक्ष का अंतिम दिन माना जाता है इसके पश्चात् चंद्र दर्शन के साथ ही शुक्ल पक्ष का शुरुआत होता है। यह...

Cashbean App क्या है और Cashbean App से Instant Personal Loan कैसे लेते है।

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Cashbean App क्या है और Cashbean App से Instant Personal Loan कैसे लेते है। Cashbean App क्या है और Cashbean App से Instant Personal Loan कैसे लेते है। Cashbean App क्या है और Cashbean App से Instant Personal Loan कैसे लेते है नमस्कार दोस्तों आज मै फिर से हाजिर हु आपके लिए और एक नयी Post लेकर। अगर आपको भी Instant Personal Loan लेना है यह भी पढ़ें: गूगल क्या होता है? लेकिन कैसे लेते है पता नहीं है तो आज हम जानने वाले है की Cashbean App क्या है और Cashbean App से Instant Personal Loan कैसे लेते है। तो चलिए जानते है cashbean के बारे में। यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 6000 मिलेंगे आपको Cashbean Kya hai ? Cashbean एक  RBI registered NBFC company है। जो लोगो को Short Term के लिए Loan देती है। वो भी Instant Cash Loan. Cashbean से आप  loan instantly le सकते है। ये App बहुत ही  Fast काम करती है। पूरी Process automated system पर होती है और आपका Loan 2hrs में Cashbean से आपको अदा किया जाता है। ये Loan एक Pow...

वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) 2022 कब है | वट सावित्री व्रत तिथि क्या है? जाने शुभ मुहूर्त, महत्व एवं पूजा विधि

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हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत का बहुत खास महत्व माना जाता है। अपने पति के दीर्घायु के लिए महिलाएं इस तिथि को व्रत रखकर पूजा करती है ।  इन्ही में से एक तिथि को रखा जाने वाला व्रत है वट सावित्री व्रत जो हर साल ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष अमावस्या को रखा जाता है ।  मानयताओं के अनुसार इस दिन पतिव्रता देवी सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों को रक्षा की थी। य ह भी पढ़ें: गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है वट सावित्री व्रत यह व्रत सौभाग्य के कामना के दृष्टि से बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है इस दिन वट वृक्ष और सावित्री सत्यवान का पूजा किया जाता है। इस दिन वट वृक्ष पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन बरगद के पेड़ का पूजा किया जाता है। यह व्रत महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है। मान्यता है कि इस दिन उपवास और पूजा करने वाली महिलाओं के पति पर आया संकट टल जाता है और उनकी आयु भी लम्बी होती है। वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को रखा जाता है। यह व्रत सौभाग्य की कामना और संतान प्राप्ति की दृष्टि से बहुत ...

Narasimha Jayanti | नरसिंह जयंती 2020, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

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नरसिंह जयंती भगवान नरसिंह जी का जनमोत्स्व है। नरसिंह जयंती बैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है ।  यह जयंती हिन्दू धर्म शास्त्र में बहुत बड़ा महत्त्व रखता है ।  इस साल नरसिंह जयंती 6 मई बुद्धवार के दिन मनाया जायेगा ।  भगवान श्री नरसिंह को शक्तिऔर पराक्रम के देवता माना जाता है। बहुत से लोग चतुर्दशी के दिन नरसिंह जयंती का व्रत रखते है, मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री नरसिंह ने खंभे को चीरकर भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए अवतार लिया था। इसी कारण इस दिन को उनके जयन्ती-उत्सव के रूप में भी मनाया जात है। Narasimha Jayanti  Narasimha Jayanti 2020 |  नरसिंह जयंती तिथि और शुभ पूजा मुहुर्त नरसिंह जयंती तिथि - 6 मई 2020 है। चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगा - 5 मई 2020 को रात्रि 11 बजकर 21 मिनट पर। चतुर्थी तिथि समाप्त होगा - 6 मई 2020 को शम 7 बजकर 44 मिनट पर। नरसिंह जयंती पूजा का समय - 6 मई 2020, शम 4 बजकर 18 मिनट से शाम 6 बजकर 59 मिनट तक होगा। नरसिंह जयंती पारण समय - 7 मई  2020 सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर। ...

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (World Press Freedom Day 2022) क्यों मनाया जाता है?

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आज Press Freedom Da y  यानि  प्रेस स्वतंत्रता दिवस  है जो हर साल 3 मई को मनाया जाता है । हर साल इसकी अलग थीम होता है सयुक्त राष्ट्र ने इस बार यानि साल 2020 का थीम तय किया है " भय या पक्षपात रहित पत्रकारिता" जैसा की थीम से ही समझ आ रहा है की भय और पक्षपात ये दोनों ही पत्रकारिता की बुनियादी समस्याएं रहीं है । World Press Freedom Day आइये जानते है कैसे?? सबसे पहले बात करते  है भय की जो लोक तांत्रिक देश रहे है या जहाँ मिडिया आजाद नहीं है उस देश के बारे में तो बात करना भी बेईमानी है पर भारत जैसे लोकतान्त्रिक देशों को केंद्र में रहकर हम देखे तो हम पत्रकार और पत्रकारिता को बेहद ही सम्मनित भाव से देखा जाता है। पर हकीकत ये भी है पत्रकार और पत्रकारिता हमेश से सत्ता की आखो का सबसे बड़ी चुभन रहा है क्युकी पत्रकार सरकार और सिस्टम का पोल खोलते है जो उनके लिए नुकसान दे होता है इसलिए दुनिया भर के कई देश पत्रकारों और प्रेस पर अत्याचार करते है। मीडिया संगठा या पत्रकार अगर सरकार की मर्जी से नहीं चलते है तो उनको तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है मिडिया संगठन...