भले ही मूर्ति बनकर बैठे है, पर मेरे साथ खड़े है,
आये जब ही संकट मुझपर, मुझसे पहले मेरे शनि देव लड़े है
और मौत का डर उनको लगता है, जिनके कर्मो में दाग होता है,
हम तो शनि के गुरु भोलेनाथ के भक्त है, हमारे तो खून में ही आग है।
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Shani Jayanti |
शनि जयंती कब पड़ता है?
धर्मोक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन न्याय के देवता शनि देव का जन्म हुआ था। इसे शनि अमावस्या, शनि जयंती के नाम से भी जानते है। इस दिन वट सावित्री व्रत भी किया जाता है।
शनि जयंती ज्येष्ठ अमावस्या शुभ मुहूर्त | Shani Jayanti Muhurat
- साल 2021 में शनि जयंती - ज्येष्ठ अमावस्या और वट सावित्री व्रत 10 जून गुरुवार के दिन है।
- अमावस्या तिथि प्रारंभ होगा - 9 जून बुधवार दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर।
- अमावस्या तिथि समाप्त होगा - 10 जून शाम 4 बजकर 22 मिनट पर।
शनि जयंती, शनि अमावस्या पूजा विधि
शनि देव की पूजा के नियम
- शास्त्रों के अनुसार शनि देव की पूजा में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए उनका पूजा करना चाहिए।
- शनि अमावस्या पर शनि देव के साथ हनुमान जी की पूजा करने से शनि दोष से जल्दी छुटकारा मिलता है।
- शनि देव को उनकी पूजा में लाल रंग के फूल के बजाय नीला फूल चढ़ाये।
- शनि देव की प्रतिमा के दर्शन करते समय उनकी ोृतिमा की आँखों में नहीं देखना चाहिए।
- शनि देव की पूजा पश्चिम दिशा में करना चाहिए क्योंकि पाश्चिप दिशा को ही उनका दिशा माना गया है।
- पूजा में हमेशा काले तिल और खिचड़ी का भोग के रूप में प्रयोग करें।
- मान्यता है कि शनि देव को काले तिल अर्पित करने पर व्यक्ति की कुंडली में अशुभ ग्रहों की छाया दूर हो जाता है।
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शनि जयंती के के दिन करें ये महाउपाय | What to do on Shani Jayanti
- अगर आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते है या शनि दोष से बचाना चाहते है तो हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए।
- शनिवार या शनि जयंती के दिन छाया पात्र यानि एक कटोरी में तेल लेकर उसमे मुँह देखकर शनि मंदिर में अर्पण करना चाहिए। इससे शनि देव शीघ्र ही प्रसन्न होते है।
- तिल के तेल का दीपक जलाये।
- शम्मी का पेड़ घर में लगाए और जल अर्पण कर पूजा करना चाहिए।
- शनि के प्रकोप से यदि आप परेशान है तो अमावस्या के दिन काली गाय की सेवा करें उसे चारा खिलाये या रोटी खिलाएं फिर उसकी पूंछ से अपने सर को आठ बार झार दें।
- शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करे इस दिन पीपल में सात प्रकार के अनाज अर्पित करें उसमे से कुछ भाग जरूरतमंद को दे दें।
- इस दिन आप 800 ग्राम सरसों का तेल दान करें।
शनि जयंती के दिन इस चीज का सेवन न करें
शनि जयंती के दिन आम का अचार भी नहीं खाना चाहिए दरअस्ल कच्छा खट्टा और कसैला होता है और कसैली चीजें शनि देव को पसंद नहीं है। शनि देव कसैली चीजो के विरोधी है अगर आप शनि जयंती के दिन दूध या दही का सेवन करना चाहते है तो उनमें थोड़ी सी हल्दी या गुड़ मिलाकर पीना चाहिए यानि के वे सफ़ेद रंग की ना हो इससे भी शनि देव प्रसन्न होते है।
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शनि जयंती के दिन क्या नहीं करना चाहिए
शनि जयंती के दिन बाल, नाख़ून भूलकर भी ना काटे इससे आर्थिक तरक्की रुक जाती है। बरवाजे पर कोई भिखारी आये तो उसे खाली हाथ न लौटाएं। उसे कुछ ना कुछ खाने को या पैसा अवश्य दें शनि जयंती के दिन पवित्र पौधों पर से जैसे तुलसी, दुर्बा, वेल पत्र और पीपल के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। जरूरत हो तो इन्हे एक दिन पहले तोड़कर शुद्ध जल में डालकर रखें। शनि जयंती के दिन नए वस्त्र ना ख़रीदे ना ही नए वस्त्र पहने, नए वस्त्रों को शनि जयंती के दिन बिल्कुल नहीं पहनना चाहिए।शनि जयंती के दिन अपने पहनने के लिए जुटे भी ना ख़रीदे। शनि जयंती के दिन क्रोध ना करें। असंयम भाषा का प्रयोग ना करें, स्त्रियों का सम्मान करें, लडाई झगडा ना करें और गाली-गलौज ना करें चोरी ना करें ,कोई भी गलत कार्य ना करें, नहीं तो शनि देव उसका दंड अवश्य देंगे। शनि जयंती के दिन जरुरी हो तभी यात्रा करें अन्यथा यात्रा टालना ही बेहतर रहेगा।
काँच की वस्तुएँ ना ख़रीदे इससे परिवारिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दिन कर्ज ना ले अन्यथा कर्जा कभी समाप्त नहीं होगा। शनि जयंती के दिन झूठ बोलना, बुराई करना, किसी का पैसा हड़पना, किसी दूसरे की संपत्ति पर कब्ज़ा करने से आपको उसका कई गुना ज्यादा लौटना पड़ेगा। शनि जयंती के दिन अगर आप ये काम करेंगे तो आपको शनि के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है इसलिए भूलकर भी इन कामों को ना करें।
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