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हरियाली तीज क्यों मनाया जाता है और हरियाली तीज कब है जाने पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में | hariyali teej katha in hindi

हरियाली तीज क्यों मनाया जाता है और हरियाली तीज कब है जाने पूजा विधि और विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में 

हरियाली तीज या श्रावणी तीज का पर्व हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को मनाया जाता है, बहुत से जगहों पर इसे कजली तीज भी कहते है। सौभाग्य प्राप्ति के लिए रखे जाने वाले इस व्रत का सभी सुहागन महिलाओं के लिए खास महत्त्व होता है सावन महीने में आने के कारण ये हरियाली तीज के नाम से भी काफी प्रसिद्ध है। इस दिन महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर पति की लम्बी आयु और सौभाग्य की प्रार्थना करती है।
हरियाली तीज हर साल सावन महीने की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है और इसे श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है। कई जगहों पर इसे कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत महिलाओं द्वारा सौभाग्य प्राप्ति के लिए रखा जाता है। सावन माह में आने के कारण इसे हरियाली तीज भी कहते है। इस दिन सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना करती है। इस दिन हरे रंग को प्रमुखता दिया जाता है। आज हम आपको साल 2021 हरियाली तीज व्रत तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, teej kyu manaya jata hai, पूजा विधि, सास को दी जाने वाली थाली और तीज व्रत के महत्त्व के बारे में बताएँगे। 

हरियाली तीज क्यों मनाया जाता है और हरियाली तीज कब है जाने पूजा विधि और विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में | hariyali teej katha in hindi
हरियाली तीज 

हरियाली तीज शुभ मुहूर्त 2021 (Hariyali Teej 2021)

  • वर्ष 2021 में हरियाली तीज का पर्व - बुधवार 11 अगस्त को मनाया जाएगा।
  • तृतीया तिथि शुरू होगा - 10 अगस्त शांयकाल 6 बजकर 5 मिनट पर। 
  • तृतीया तिथि समाप्त होगा - 11 अगस्त सांयकल 4 बजकर 53 मिनट पर।  

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हरियाली तीज व्रत पूजा विधि (Hariyali Teej Puja Vidhi)

हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद हरे रंग के वस्त्र पहनकर सोलह श्रृंगार करें और हरियाली तीज व्रत का संकलप लें। इसके बाद पूजा स्थल पर काली बालु या काली मिटटी से भगवान का स्मरण करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश जी की प्रतिमाएं बनाये और इन्हे एक चौकी पर स्थापित कर इनका श्रृंगार करे, सभी पूजन सामग्री और भोग अर्पित करें। शिव जी को भांग, धतूराम अक्षत, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंधक, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाये।  


अब एक थाल में सुहाग की सामग्री को सजाकर देवी पार्वती को अर्पित करें। इसके बाद तीज का व्रत कथा पढ़ें या सुनें। अंत में पहले गणेश जी फिर शिव जी और फिर माता पार्वती जी की आरती गाये। इसके बाद माता गौरी और भगवान शिव से सौभाग्य की कामना करते हुए पूजा संपन्न करें। प्रातःकाल पुनः तीनों प्रतिमाओं का पूजन कर माँ गौरी को सिंदूर अर्पित कर खीरा और अलवा चढ़ाये इसके बाद स्वयं भी प्रसाद ग्रहण कर लें। 

हरियाली तीज शुभ योग 2021

पंचांग के अनुसार हरियाली तीज के दिन यानि की 11 अगस्त की शाम 6 बजकर 28 मिनट तक शिव योग रहेगा। शास्त्रों में शिव का अर्थ होता है 'शुभ' जिस कारण यह योग बहुत ही शुभदायक माना जाता है। कहा जाता है कि इस योग में किये गए सभी कार्य पूजा पाठ व मंत्र आदि शुभ फलदायक होते हैं। इसके अलावा इस दिन सुबह 9 बजकर 32 मिनट से लेकर 12 अगस्त सुभ 8 बजकर  53 मिनट तक रवि योग भी रहेगा साथ ही पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र रहने से इस दिन का महत्त्व और अधिक बढ़ जायेगा। 

सास की थाली

हरियाली तीज पर सास की थाली का विशेष महत्व है। इसके लिए आपको अपनी सास की थाली को अच्छे से सजाना है और उसे उपहार में देना है। एक स्टील थाली लें और माता पार्वती की पूजा के बाद इस थाली में सास के लिए हरे रंग के कपडे, हरी चूड़ियाँ रखे और सुहाग की निशानी के रूप में एक लाल रंग की चुन्नी और लाल चूड़ियां भी रख दें। इस थाली में सुहाग की अन्य सभी सामग्री अपनी सामर्थ्यानुसार रखें। 

ये सभी वस्तुएं रखने के बाद आप उस थाली में अपनी श्रद्धा के अनुसार दक्षिणा भी अवश्य रखे। इसके बाद इस थाली को माता पार्वती के सामने रखे और व्रत सम्पन्न करने के बाद अपनी सास को प्रेम पूर्वक इस थाली को उपहार स्वरूप भेंट कर दें। सास को थलि देने के बाद उनके पैर छूकर उनसे सुहाग का आशीर्वाद प्राप्त करें। 

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हरियाली तीज का महत्व (Hariyali Teej ka Mahatv)

हरियाली तीज का व्रत सुहागन महिलाओं के लिए बहुत खास होता है मान्यता है की अगर कोई कुंवारी कन्या इस व्रत को करे तो उसे मन चाहा वर मिलता है। शास्त्रों के अनुसार जिस दिन शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था वह श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि ही थी तभी से भगवान शिव और माता पार्वती ने इस दिन को सुहागन स्त्रियों के लिए सौभाग्य का दिन होने का वरदान दिया। इस व्रत के प्रभाव से महिलाओं को अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है। 

हरियाली तीज व्रत के नियम

  • तीज के दिन प्रातः काल स्नान के बाद सोलह श्रृंगार कर उपवास रखना चाहिए।
  • इस दिन शाम के समय शिव मंदिर में भगवान शिव व माता पार्वती की विधिवत पूजा कर उनके समक्ष घी का दीपक जलाना चाहिए।
  • व्रत के बाद किसी अन्य सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग का सामान दान कर उनका आशीर्वाद जरुर लेना चाहिए।
  • आज के दिन विशेषकर पूजा के समय हरे और लाल रंग के कपड़े व सामान का इस्तेमाल करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
  • जो भी यह व्रत रखते है उन्हें इस दिन मन में बुरे विचार बुल्कुल भी नहीं आने देने चाहिए।
  • अगर आप इस व्रत को रख रही है तो आज के दिन किसी बुजुर्ग व अन्य का अपमान ना करें।

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हरियाली तीज व्रत उपाय

यह व्रत सुहागन महिलाओं के लिए बहुत खास होता है इसलिए इस दिन शिव पार्वती की पूजा कर कुछ उपाय करें इससे आपको सफल दाम्पत्य जीवन और अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। आज के दिन पूजा में शिव-पार्वती को बेलपत्र, कुमकुम और सुहाग का सामान अर्पित करें इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। तीज के इस व्रत में यदि कुंवारी कन्याएं शिव गौरी का पूजन कर उन्हें सुहाग का सामान अर्पित करती हैं तो उनके विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती है और योग वर की प्राप्ति होती है। इस दिन माता पार्वती शिवजी को गुलाब के फूलों की माला अर्पित करने से दाम्पत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है। ऐसे ही कुछ खास उपाय नीचे दिए है जिसे हरियाली तीज के दिन आप इस उपाय को कर सकते है। 
  • तीज के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से व्यक्ति को मनोकामना प्राप्ति का वरदान मिलता है।
  • हरियाली तीज के दिन शिव मंदिर में दीप दान करना और शिव मंत्रों का जाप करने से महिलाओं को सौभाग्य और सुख प्राप्त होता है।
  • हरियाली तीज व्रत के दिन शाम के समय माता गौरी के समक्ष सोलह श्रृंगार सुहाग की सामग्री अर्पित करने से विवाह संबंधी परेशानियां दूर हो जाती है।
  • तीज व्रत के दिन गणेश जी और शिव-पार्वती की पूजा करने से व्रती को मनचाहा वरदान मिलता है।
  • आज के दिन शिव मंदिर में सही मुहूर्त में शाम के समय यानी प्रदोष काल में की गई पूजा का कई गुणा अधिक फल प्राप्त होता है।

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हरियाली तीज 
इस दिन ना करें ये कार्य 

यह व्रत महिलाओं द्वारा अखंड सौभाग्य और कुवारी कन्याओं द्वारा योग्य वर प्राप्ति की कामना से रखा जाता है। इसीलिए व्रत इस व्रत के दिन कुछ कार्यो को वर्जित माना गया है -------
  • शास्त्रों के अनुसार इस दिन महिलाओं को किसी पर गुस्सा नहीं करना चाहिए।
  • हरियाली तीज के दिन दिन में सोना नहीं चाहिए, यदि संभव हो तो व्रत की रात जागरण कर भजन-कीर्तन करना।
  • हरियाली तीज के दिन दुसरो की बुराई या किसी बड़े बूढ़े का अपमान नहीं करना चाहिए।
  • यदि संभव हो तो इस व्रत को निर्जल रहकर ही पूरा करना चाहिए।
  • हरियाली तीज पति के लिए रखा जाने वाला उपवास है इसलिए इस दिन महिलाओं को इस बात का भी विशेष ध्यान चाहिए की वह अपने पति के सतह दुर्व्यवहार ना करें।
  • हरियाली तीज के दिन श्रृंगार को अधिक महत्त्व दिया जाता है, इसीलिए इस दिन सोलह श्रृंगार अवश्य करना चाहिए, बिना श्रृंगार के नहीं रहना चाहिए।  

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