माघ के महीने में पड़ने वाली अमावस्या को अमावस्या या माघ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों में इस अमावस्या को विशेष बताया गया है। इस दिन मौन रहकर व्रत करने की मान्यता है। कहा जाता है की माघ अमावस्या के दिन संगम तट पर देवी-देवताओं का वास होता है।
जिस कारण इस दिन पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना शुभ फलदायी माना जाता है। आज हम आपको इस लेख में साल 2023 मौनी अमावस्या की सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसके कुछ जरुरी नियमों के बारे में बताएंगे।
Mauni Amavasya (मौनी अमावस्या) 2025 में 29 जनवरी को है और इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्त्व भी है हिन्दू धर्म ग्रंथो की माने तो माघ के महीने को सबसे पवित्र माना जाता है और ग्रंथों में ऐसा लिखा भी है द्वापर युग का शुभारम्भ भी इसी दिन हुआ था।
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मौनी अमावस्या कब है |
माघ मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त 2025 (Mauni Amavasya Shubh Muhurt)
- साल 2025 में मौनी अमावस्या - 29 जनवरी बुधवार के दिन है।
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगा - 28 जनवरी शाम 7 बजकर 35 मिनट पर।
- अमावस्या तिथि समाप्त होगा - 29 जनवरी शाम 6 बजकर 5 मिनट पर।
मौनी अमावस्या कब है (mauni amavasya kab hai)
मौनी अमावस्या 2025 में 29 जनवरी को पड़ेगी।
अमावस्या तिथि का समय:
- प्रारंभ: 28 जनवरी 2025 को शाम 7:35 बजे
- समाप्ति: 29 जनवरी 2025 को शाम 6:05 बजे
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान, और मौन व्रत का विशेष महत्व है। यह दिन पितरों के तर्पण और शुभ कार्यों के लिए भी उपयुक्त माना जाता है।
मौनी अमावस्या 2025 में कब है (mauni amavasya 2025)
शास्त्रों में माघ का महीना बेहद पवित्र और शुभ माना जाता है। इस माह में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के नाम से जानते है। साल 2025 में मौनी अमावस्या 29 जनवरी बुधवार के दिन है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इस दिन मौन रहकर व्रत व पूजन का विधान है। कहते है कि माघ अमावस्या के दिन संगम तट पर देवी-देवताओं का वास होता है जिस कारण इस दिन पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना शुभ फलदायी माना जाता है।
mauni amavas kab hai
मौनी अमावस्या 2025 में 29 जनवरी को है। यह दिन खास तौर पर आत्मचिंतन, ध्यान और पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग मौन रहकर अपने मन, वचन और क्रिया को शुद्ध करने का प्रयास करते हैं।
mauni amavasya kab ki hai
मौनी अमावस्या 2025 में 29 जनवरी को है। यह दिन खासकर आत्मिक शांति और ध्यान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, और गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है।
मौनी अमावस्या शुभ योग 2025
ज्योतिष अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन 30 वर्षों बाद एक अद्भुत योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन खप्पर योग के साथ ही सर्वार्थ और हर्षण नामक खास योग बनेगा। जिसमें धार्मिक कार्य और कुछ उपाय करने से भक्तों को सर्वाधिक लाभ प्राप्त होगा।
इसके साथ ही मौनी अमावस्या के ठीक 4 दिन पहले 25 जनवरी को शनि देव राशि परिवर्तन करेंगे, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। यह परिवर्तन विशेष होगा क्योंकि शनिदेव 30 वर्षों बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
मौनी अमावस्या क्यों मनाया जाता है (mauni amavasya kyon manaya jata hai)
Mauni Amavasya (मौनी अमावस्या) के दिन अपने दुःख, दरिद्र अपने तकलीफों को दूर करने के लिए इस दिन कुछ विशेष उपाय किये जाते है पवित्र नदियों में स्नान करने का भी विधान है। शास्त्रों में ऐसा वर्णन आता है की इस अमावस्या के दिन अगर आप पवित्र नदी, सरोवर में नहाते है या फिर घर में ही नहाते है तो नहाने के पानी में गंगा जल डाल के नहाते है तो इस स्नान से दान करने से कोई अनुष्ठान करते है तो शनि दोष नहीं बल्कि तमाम तरह के दोषो में आप मुक्त हो जाते है।
इस दिन गायत्री मंत्र का भी पूजन का विधान है गायत्री मंत्र का जाप करने से भगवान सूर्य की कृपा बहुत आसानी से मिल जाती है। मौन व्रत धारण करने से तमाम तरह के लाभ भी होते है अगर आप पूरे दिन मौन धारण व्रत नहीं रख पाते है तो कोई बात नहीं सुबह सोकर उठने के बाद किसी से बात मत कीजिये जब-तक की आप नहाकर पूजा-पाठ, दान नहीं कर लेते फिर बात कीजिये तो भी इसका फल आपको मिल जाता है।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या का महत्व अत्यधिक है और इसे विशेष रूप से ध्यान, साधना और आत्मचिंतन का दिन माना जाता है। इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत बड़ा महत्व है। यहाँ कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:
- आध्यात्मिक शुद्धता: मौनी अमावस्या पर लोग मौन रहते हैं, जो उनके मन, वचन और क्रिया को शुद्ध करने का एक माध्यम है। इस दिन मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए लोग ध्यान करते हैं और आत्मज्ञान की प्राप्ति की कोशिश करते हैं।
- गंगा स्नान और दान: इस दिन गंगा नदी में स्नान करने का महत्व है, क्योंकि इसे पवित्र माना जाता है। इसके साथ ही दान-पुण्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और यह व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि लाता है।
- पितृ पूजा: मौनी अमावस्या को पितरों का तर्पण करने का विशेष महत्व है। यह दिन पितरों के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है, जिससे उनके आशीर्वाद प्राप्त होते हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: इस दिन को मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए भी एक उपयुक्त अवसर माना जाता है। मौन रहने से व्यक्ति अपने विचारों पर नियंत्रण पाता है और आत्मा की गहराई में जाकर अपने सच्चे स्वरूप को पहचान सकता है।
- दुखों से मुक्ति: मौनी अमावस्या पर विशेष ध्यान और पूजा से व्यक्ति के जीवन के सारे दुख समाप्त हो सकते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि तथा शांति का वास होता है।
यह दिन विशेष रूप से साधना, तपस्या और ध्यान के लिए उपयुक्त है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर हो सकता है।
मौनी अमावस्या पूजा विधि
अमावस्या तिथि पितरों की तिथि मानी जाती है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत उपवास किया जाता है इस दिन स्नान के बाद मौन व्रत का संकलप लें। सबसे पहले भगवान विष्णु जी की प्रतिमा को पीले फल-फूल, केसर, चन्दन, अर्पित कर उनके समक्ष घी का दीपक जलाये। अब भगवान का ध्यान करते हुए विष्णु चालीसा या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
इस दिन भगवान विष्णु जी के साथ पीपल के वृक्ष की भी पूजा करना चाहिए। पूजा के बाद किसी ब्राह्मण को दान दक्षिणा देकर व्रत संपन्न करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि कोई व्यक्ति इस दिन नियमों का सही ढंग से पालन करते हुए मौन रहकर दान स्नान के कार्य करता है करता है तो उसके जन्मों के पाप नष्ट होकर उसे सुख समृद्धि प्राप्त होता है।
मौनी अमावस्या व्रत कथा
मौनी अमावस्या का व्रत बहुत ही पवित्र और धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन व्रति विशेष रूप से मौन रहते हुए ध्यान, पूजा और आत्मचिंतन करते हैं। मौनी अमावस्या व्रत की कथा निम्नलिखित है:
मौनी अमावस्या व्रत कथा:
प्राचीन समय की बात है, एक गांव में एक ब्राह्मण परिवार रहता था। वह ब्राह्मण बहुत ही धार्मिक था और प्रतिदिन पूजा-अर्चना करता था। वह अपने गांव में हमेशा लोगों को धार्मिक शिक्षा और उपदेश देता था। लेकिन वह एक समस्या से परेशान था - उसके पास संतान का सुख नहीं था।
एक दिन, ब्राह्मण ने एक संत से यह समस्या साझा की। संत ने उसे मौनी अमावस्या का व्रत करने का परामर्श दिया और बताया कि इस दिन मौन रहकर ध्यान और पूजा करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मनुष्य के सभी दुख समाप्त होते हैं। संत ने यह भी कहा कि इस दिन दान-पुण्य करने से विशेष फल प्राप्त होता है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
ब्राह्मण ने संत की बात मानी और मौनी अमावस्या का व्रत विधिपूर्वक किया। उसने इस दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति से पूजा की, ध्यान लगाया और हर प्रकार के सुख-समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना की। साथ ही, उसने गरीबों को दान भी दिया और पितरों का तर्पण किया।
व्रत के पश्चात, ब्राह्मण को भगवान ने दर्शन दिए और उसकी संतान सुख की कामना पूरी की। साथ ही, भगवान ने उसे यह आशीर्वाद भी दिया कि वह अपने जीवन में कभी भी दुखी नहीं होगा। ब्राह्मण के घर में संतान का जन्म हुआ और उसकी जिंदगी में सुख-समृद्धि आ गई।
इस प्रकार, मौनी अमावस्या का व्रत करने से न केवल संतान सुख प्राप्त हुआ, बल्कि ब्राह्मण को जीवन में शांति, सुख और समृद्धि भी मिली।
व्रत के मुख्य अंश:
1. मौन व्रत: इस दिन मौन रहना अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जिससे मन की शांति और आत्मिक उन्नति होती है।
2. ध्यान और पूजा: भगवान का ध्यान और पूजा करनी चाहिए, ताकि मानसिक शांति मिले और आत्मिक उन्नति हो।
3. दान-पुण्य: इस दिन दान और तर्पण करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।
4. गंगा स्नान: गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या के दिन मौन क्यों रहा जाता है ये भी बहुत सारे लोगो के मन में आता है
ऐसा सनातन धर्म में है काल, दिन और एक मास, एक वर्ष या आजीवन कुछ भी हो सकता है मौन और ज्योतिष की माने तो मौन रहने से विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है इस दिन इसीलिए इस दिन का महत्त्व और भी बढ़ जाता है मौनी अमावस्या के दिन अगर आप तेल का दान करते है, काले तिल का दान करते है, लकड़ी का दान करते है, गरम कपड़े कम्बल या फिर काले कपड़े जूते का दान करते है तो आप के कुंडली का तमाम राहु-केतु, शनि दोष समाप्त हो जाता है अगर आपका चन्द्रमा गड़बड़ है यानि मन की परेसानी है मन चंचल रहता है।
मन संतुलित नहीं रहता है, भटकते रहता है, कभी एकाग्र नहीं हो पाते किसी काम में आपका मन नहीं लग रहा है तब ऐसे में दूध, चावल, मिश्री, बतासा, घी, सफ़ेद मिठाई कुछ भी आप दान कर सकते है चुकी इस महीने में पूजा अर्चना करने का विशेष विधान है भगवान नारायण यानि की भगवान विष्णु की आराधना भी विशेष फलदाई होती है और आपका बृहस्पति भी मजबूत होता है साथ ही अगर इस दिन आप पवित्र नदी, सरोवर में नहाते है तो स्वर्ग के मार्ग भी खुल जाते है।
गरीबों को कुछ न कुछ जरूर दान कीजियेगा और खास कर मौनी अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करने का विधान होता है अगर आपका चन्द्रमा कमजोर है तो आप गाय को दही, चावल जरूर खिलाइए मानसिक शांति मिलेगी और मन भी मजबूत होगा तमाम तरह के मंत्र जप करके आप सिद्धि कर सकते है।
मौनी अमावस्या व्रत नियम
माघ के महीने में स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्त्व बताया गया है। मौनी अमावस्या के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार इस दिन पूजा पाठ के भी कुछ नियम बताए गए है जिनका पालन कर पूजन करना चाहिए। तो आइये जानते है मौनी अमावस्या के दिन रखे जाने वाले व्रत व पूजन के नियम क्या है...
- मौनी अमावस्या के दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य जरूर देना चाहिए।
- यदि संभव हो तो इस दिन मौन व्रत रखना चाहिए।
- इस दिन संभव हो तो नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करें।
- मौनी अमावस्या के दिन किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं।
- इस दिन अनाज, तिल, आवला,कम्बल, घी आदि चीजों का दान जरूर करना चाहिए।
- अमावस्या तिथि पितरों का तिथि माना जाता है इसलिए इस दिन पितरों का तरपान कर उनके निमित दान जरूर करना चाहिए।
मौनी अमावस्या उपाय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन पितरों को तर्पण करने कभी विधान है अगर इस दिन आप पितरों के निमित जल देते है तो उन्हें बहुत शांति मिलती है और मौनी अमावस्या के दिन किया गया दान पुण्य का फल सतयुग के ताप के बराबर मिलता है।
कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत की तरह हो जाता है और स्नान केने के बाद अगर आप शिव लिंग पर एक लोटा जल अर्पित करते है या फिर श्री हरी को पाने के लिए उनकी आराधना करते है तो बहुत ही ज्यादा जल्दी फल मिलता है माघ मास में सूर्य उदय से पूर्व किया गया स्नान इसमें भी मौनी अमावस्या के दिन विशेष फल देता है।
मौनी अमावस्या की हार्दिक शुभकामनाएं (mauni amavasya ki shubhkamnaye)
मौनी अमावस्या की पावन बेला,
लाए खुशियों का उजाला।
गंगा मैया की कृपा से,
हर संकट हो जाये हल्का।
मौन रहकर मन को शुद्ध करें,
सच्चाई की राह पर कदम बढ़ाएं।
माँ गंगा का आशीर्वाद मिले,
हर पल खुशियों से सजाएं।
दान-पुण्य का यह शुभ दिन,
लाए जीवन में नई बहार।
मौनी अमावस्या पर प्रभु करें कृपा,
साकार हों आपके हर विचार।
पावन गंगा का ये किनारा,
लाए खुशियों का उजियारा।
मौनी अमावस्या का शुभ दिन आया,
हर मन को शांति का संदेश पाया।
मौन का ये अनुपम उपहार,
लाए जीवन में नया संसार।
पुण्य की धारा में बहते जाएं,
प्रभु के चरणों में शीश झुकाएं।
सूरज की पहली किरण का प्रकाश,
लाए जीवन में सुख और उल्लास।
मौनी अमावस्या का ये त्यौहार,
भर दे खुशियां अपार।
माँ गंगा की धारा में करें स्नान,
पाएं पुण्य और प्रभु का ध्यान।
मौन रहकर करें आत्म विचार,
मिले आपको जीवन का सार।
मौनी अमावस्या स्टेटस (mauni amavasya status)
1.
"मौन है सबसे बड़ा तप,
आज मौनी अमावस्या पर करें आत्मचिंतन।
माँ गंगा की कृपा से भरें जीवन में शुभता।
शुभ मौनी अमावस्या!"
2.
"मौन रहकर करें प्रभु का ध्यान,
पाएं जीवन में शांति और संतोष का वरदान।
मौनी अमावस्या का पावन दिन,
लाए खुशियों का नया आसमान।"
3.
"दान, स्नान और ध्यान का अद्भुत संगम,
मौनी अमावस्या पर करें शुभ कर्म।
माँ गंगा का आशीर्वाद सदा आप पर बना रहे।"
4.
"मौनी अमावस्या का यह पावन दिन,
लाए आपके जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह।
प्रभु की कृपा से हर संकट हो दूर।"
5.
"मौनी अमावस्या का महत्व समझें,
मौन से अपने भीतर के सत्य को खोजें।
शुभकामनाओं के साथ यह दिन मंगलमय हो।"
6.
"मौन की शक्ति को समझें,
आज मौनी अमावस्या पर खुद को जानें।
माँ गंगा का आशीर्वाद हर कठिनाई दूर करे।
शुभ मौनी अमावस्या!"
7.
"मौन रहना ही सच्ची पूजा है,
इस दिन आत्मा को शुद्ध करना ही सबसे बड़ा कर्म है।
मौनी अमावस्या की हार्दिक शुभकामनाएं।"
8.
"गंगा जल का स्नान करें,
प्रभु का ध्यान करें।
मौनी अमावस्या का पावन दिन,
हर मनोकामना पूर्ण करें।"
9.
"मौन से आएगी शांति,
दान से मिलेगा पुण्य।
मौनी अमावस्या पर करें ये कार्य,
और पाएँ प्रभु का अनंत आशीर्वाद।"
10.
"मौन साधना का दिन आया,
मन को शुद्ध करने का उपदेश लाया।
मौनी अमावस्या पर प्रभु की कृपा पाएं।"
11.
"आज मौनी अमावस्या पर मौन रखकर,
अपने अंदर के ईश्वर को पहचानें।
शुभकामनाएं इस पवित्र अवसर की!"
निष्कर्ष:
मौनी अमावस्या का व्रत व्यक्ति के जीवन को शुद्ध करता है, उसके पापों को नष्ट करता है और ईश्वर की कृपा प्राप्त करने का एक उत्तम मार्ग है। इस दिन किए गए तप, ध्यान और पूजा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
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