संदेश

बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम का जीवन: कब और कहाँ हुआ उनका जन्म? | Mary Kom in Hindi

चित्र
एक महिला खिलाडी जिन्होंने अपनी महान उपलब्धियों से भारत को गौरवान्वित किया है, ऐसे महान महिला का नाम है मैरी कॉम जो एक अकेली भारतीय महिला बॉक्सर है।  मैरी  ने 2012 में हुए ओलंपिक में क्वालीफाई किया था और ब्रॉन्स मैडल हासिल किया था, पहली बार कोई भारतीय बॉक्सर महिला यहाँ तक पहुँची थी। इसको अलावा वे पांच बार वर्ल्ड बोक्सर चैंपियनशिप जीत चुकी है।   यह भी पढ़ें: परमपूज्य महंत Yogi Adityanath जी महाराज का संक्षिप्त परिचय Mary Kom  मैरी कॉम का जन्म कब और कहा हुआ था? (mary kom ka janm kab aur kahan hua tha) पांच बार विश्व बॉक्सिंग चैंपियन रह चुकी  मैरी कॉम  जन्म हुआ था 1 मार्च 1983 को मणिपुर में। उनका जन्म हुआ था एक गरीब किसान परिवार में उनके पिता जी किसान थे। उनके पिता का नाम टोंपा कोम और माता का नाम अखम कोम है।  इसके अलावा उनके परिवार में उनके एक छोटे भाई और एक बहन है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रहती थी। उनके माता और पिता दोनों दूसरों के खेतों में दिन के मजदूरी पर काम किया करते थे,  मैरी  भी उ...

चैत्र नवरात्रि 2025: घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, तारीखें, महत्त्व और पूजा विधि | navratri kab hai 2025 date and time

चित्र
इस मास में हिंदी नववर्ष की शुरुआत और चैत्र नवरात्रि का प्रारम्भ होता है मान्यता है कि इन नौ दिनों तक भक्त माता रानी की भक्ति में मग्न होकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते है।  नवरात्रि  के पहले दिन प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना की जाती है ज्योतिष की माने तो इस बार चैत्र नवरात्रि में कई दुर्लभ संयोग बनेंगे जिस कारण ये नवरात्रि और भी अधिक लाभ करने वाली होगी। यह भी पढ़ें: शारदीय नवरात्रि 2025 कब से कब तक है | चैत्र नवरात्रि हिंदुओं के द्वारा मनाए जाने वाला एक बहुत ही प्रमुख पर्व है। चैत्र मास हिन्दू नववर्ष का प्रथम मास माना जाता है । इस माह में पड़ने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि को कहते है। पुरे साल में यूँ तो चार बार नवरात्र आते है जिनमें से दो गुप्त और दो प्रचलित नवरात्रि होते है।  चैत्र मास में आने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस दौरान नौ दिनों तक देवी माँ के नौ भिन्न-भिन्न स्वरूपों की पूजा कर माँ आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। आज हम आपको साल 2025 में चैत्र नवरात्रि कब से कब तक होंगे, कलश स्थ...

छत्रपति शिवाजी महाराज: इतिहास, जयंती और पुण्यतिथि का समग्र परिचय | Chhatrapati Shivaji Maharaj History, Jayanti, Punytithi in Hindi

चित्र
भारत के वीर छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में सभी लोग जानते है बहुत से लोग इन्हें हिन्दू ह्रदय सम्राट कहते है तो कुछ लोग इन्हें मराठा गौरव कहते है शिवजी का पूरा नाम शिवाजी राजे भोसले था।  छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि 1674 में उन्होंने पश्चिमी भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी सन 1674 में रायगढ़ में उनका राज्यभिषेक हुआ और वे छत्रपति बने। उन्होंने अपनी सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की मदद से एक योग्य और प्रगतिशील शासक प्रदान किया, उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये थे छापामार युद्ध की नै शैली यानी शिवसूत्र को भी विकसित किया था। इतना ही नहीं उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनैतिक कथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित कियाऔर फ़ारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बना दी। chhatrapati shivaji maharaj jayanti history छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती हर साल 19 फरवरी को मनाई जाती है। यह दिन छत्रपति शिवाजी महाराज, मराठा साम्राज्य के संस्थापक और भारतीय इतिहास के महान योद्धा और शासक की जयंती के रूप में मनाया जाता है। शिवाजी महाराज जयंती का इतिह...

नाग पंचमी कब है 2025? जानें तारीख और समय | Nag Panchami 2025 Date, Pooja Vidhi, Story, Essay in Hindi

चित्र
नाग पंचमी कब है? | Nag Panchami Kab Hai 2025 Date, Pooja Vidhi, Story in Hindi शास्त्रों के अनुसार नागों की पूजा की परंपरा काफी प्राचीन है। बहुत सी जगहों पर नागों को देवता मानकर उनकी पूजा का विधान है। श्रावण मास में आने वाली नागपंचमी का पर्व नागों की पूजा के लिए विशेष होता है।  हर साल नागपंचमी का पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। ये पर्व नाग देवता को समर्पित है इस दिन व्रत व नाग देव का पूजन करते है।  नाग को भगवान भोलेशंक र अपने गले में धारण करते है सावन माह के आराध्य देव भगवान शिव है। इसलिए जो सावन माह की नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करता है तो भगवान शिव उसे अति प्रसन्न होते है और उसे मनचाहा वरदान देते है।  य ह भी पढ़ें: रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है और कब है? जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त | Raksha Bndhan in 2025 इस दिन नागदेवता की पूजा का विधान है लेकिन इसके अलावा इस दिन कई ऐसे कार्य है जिसे हमें भूलकर भी नहीं करना चाहिए वर्ना उसका बुरा प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है और इस दिन कई ऐसे कार्य है जो हमें करने चाहिए जिससे हमरे जीव...