कार्तिक मास में आने वाली कार्तिक पूर्णिमा त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते है। कार्तिक मास को दामोदर माह भी कहते है। दामोदर भगवान विष्णु जी का ही एक नाम है। इस दिन श्रीहरि विष्णु जी की पूजा और गंगा स्नान का विशेष महत्त्व है। इस दिन देव दिवाली भी मनाया जाता है। लेकिन इस बार कार्तिक पर साल का आखिरी चंद्रग्रहण भी लगाने वाला है और साथ ही कार्तिक पूर्णिमा पर रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वसिद्धि योग और वर्धमान योग का संयोग भी रहेगा। जिस कारण कार्तिक मास की ये पूर्णिमा बहुत ही प्रभावशाली होगी। आज इस लेख में कार्तिक पूर्णिमा की सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, चन्द्रगहण का समय और इस संयोग में किये जाने वाले बेहद खास उपाय के बारे में बताएँगे।
कार्तिक पूर्णिमा |
कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2021
- साल 2021 में कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर शुक्रवार के दिन है।
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होगा - 18 नवंबर 12 बजकर 47 मिनट पर।
- पूर्णिमा तिथि समाप्त होगा - 19 नवंबर 02 बजकर 59 मिनट पर।
कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि (Kartik Poornima Pooja Vidhi)
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दक्षिण दिशा के स्वामी भगवान कार्तिकेय की पूजा किया जाता है। इस दिन प्रातःकाल किसी पवित्र नदी अन्यथा घर पर ही स्नान के बाद भगवान कार्तिकेय की विधिवत पूजा करें और उन्हें पुष्प, घी और दही अर्पित कर उन्हें गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाए।
इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा करना बेहद ही शुभ होता है। रात्रि के समय भगवान विष्णु जी संग माँ लक्ष्मी जी का पूजन करें और अंत चन्द्रमा को अर्घ्य देकर घर के अंदर और बाहर दीपक जलाए क्योकि ऐसी मान्यता है की आज के दिन सभी देव दिवाली मानते है।
कार्तिक पूर्णिमा दिन करें ये उपाय
ज्योतिषानुसार पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी पूर्ण आकृति में होता है। यह दिन माता लक्ष्मी को बेहद प्रिय है, इसके अलावा इस दिन देव दिवाली की परम्परा है जिस कारण इस तिथि के दिन किये गए कुछ ख़ास उपाय करने से जीवन में माँ लक्ष्मी जी की विशेष कृपा होने लगता है। आइये जानते है इस दिन किये जाने वाले कुछ ख़ास उपायों के बारे में.....
- कार्तिक पूर्णिमा की रात घर के सभी कोनो में दिए जरूर जलाये इससे सभी देवी-देवताओ का आशीर्वाद आपको प्राप्त होता है।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे के पास दिप जलने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का वरदान देती है।
- पूर्णिमा तिथि को विष्णु भगवान को तुलसी पत्र की माला अर्पित करें इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होइती है।
- कार्यो में सफतला पाने लिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन दूध, केला, खजूर, नारियल व अमरुद आदि फलो का दान जरूर करें।
- कार्तिक पूर्णिमा या देव दिवाली के दिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद व गंगाजल अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है।
कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्त्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से पूजा तो होता है भगवान विष्णु जी की साथ ही इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते है। क्युकी माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का संहार किया था और उसके बाद देवताओं ने तो परेशान थे उस राक्षस से देव दिवाली मनाई थी तो उसका महत्त्व भी बहुत ज्यादा है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन माता तुलसी की हम विधि विधान से पुरे कार्तिक माह में पूजा करते है लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन भी उनकी विशेष पूजा होती है। जैसे हम देवोत्थान एकादशी के दिन करते है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन कार्तिकेय भगवान शिव पुत्र कार्तिकेय की भी पूजा आराधना का विशेष महत्त्व है। हम उनकी भी पूजा आराधना करते है तो कुल मिला के कार्तिक माह की जो हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र माह है उसकी जो पूर्णिमा तिथि आती है जिसे हम कार्तिक पूर्णिमा कहते है उसका भी बहुत ही ज्यादा महत्त्व है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन करे ये दान
कार्तिक पूर्णिमा के दिन आप दान करेंगे श्रीहरि के प्रिय वस्तुओं का तो इस दिन आप आंवले का दान जरूर करें। इस दिन आप गन्ने का दान करें, इस दिन आप केले के दान करें, इस दिन आप सफ़ेद चीजों का दान करें, पीली वस्तुओं का दान करें, बहुत महत्त्व होता है इस दिन दान करने का।
इस दिन आपको शाम के समय दीप दान जरूर करना है। इस दिन देवो ने देव दिवाली मनाई थी और दीपोत्सव जिस तरीके से अमावस्या तिथि का महत्त्व होता है कार्तिक मास में दीपोत्सव के तौर पर उसी तरीके से देव दिवाली का भी उससे कही ज्यादा महत्त्व है। तो आपको देव दिवाली के दिन जितनी संख्या हो सके दीप दान जरूर कीजिये। आप चाहे तो दीप दान अगर आप नहीं जा पा रहे है पवित्र स्थल पर, मंदिर में भी नहीं जा पा रहे है तो घर में कीजिये कोई दिक्कत नहीं है। आप माता तुलसी के सामने जयदा से जयदा दीप दान कर सकते है।
इस दिन ना करें ये कार्य
इस दिन आपको सबसे पहले तो तामसिक भोजन से बचना चाहिए। जो लोग कार्तिक स्नान करते आये है वो तो पुरे माह ऐसा नहीं करते है और उनके परिवार के लोग भी नहीं करते है जो लोग मानते है जो लोग नहीं करते है वे लोग काम से काम कार्तिक पूर्णिमा के दिन आप तामसिक भोजन से बचे लहसुन, प्याज, मास-मदिरा इत्यादि से दूर रहे और जो भी शुभ कार्य है दीपदान है, दान करना है जरूर करें।
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