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जानकी जयंती 2025 | सीता नवमी शुभ मुहूर्त | सीता नवमी का महत्त्व | Sita Jayanti 2025

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जिस प्रकार से रामनवमी को बहुत शुभ फलदाई पर्व के रूप में मनाया जाता है इस दिन भगवान श्री रामचंद्र जी का जन्मदिन होता है उसी तरह से शास्त्रों के अनुसार बैसाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माता सीता का प्राकट्य हुआ था इस दिन को श्री जानकी जयंती भी कहा जाता है माना जाता है कि देवी माता सीता का जन्म मध्याह्न काल में पुष्य नक्षत्र की मंगलवार के दिन हुआ था, जिस कारण यह तिथि सीता नवमी कहलाती है जिस प्रकार श्री राम नवमी का विशेष महत्व है ठीक उसी प्रकार सीता नवमी का भी है सीता नवमी के दिन की गई माता सीता की पूजा से सुख सौभाग्य में वृद्धि व दुखों से छुटकारा मिलता है। य ह भी पढ़ें: मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) कब है? जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्त्व और व्रत नियम के बारे में जानकी जयंती पौराणिक शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को पुष्य नक्षत्र के मध्य काल में जब महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल भूमि जोत रहे थे उसी समय पृथ्वी से एक बालिका का प्राकट्य हुआ अतः जनमानस में यह पर्व जानकी नव...

बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2025) कब है और गौतम बुद्ध जयंती (Gautam Buddha Jayanti) कब हैi?

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बैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जता है। इस दिन भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव मनाया जाता है। शास्त्रों में बैशाख माह के पूर्णिमा को बेहद खास माना जाता है। लेकिन इस बार साल 2025 में बुद्ध पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है जिस कारण यह दिन बेहद महत्वपूर्ण होगा। पूर्णिमा के दिन श्रीहरि विष्णु जी की पूजा और गंगा स्नान का विशेष महत्त्व है। आज हम आपको गौतम बुद्ध जयंती कब है, बैषाख बुद्ध पूर्णिमा और इस दिन लगने जा रहे चन्द्र ग्रहण की सही तारीख, पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, चंद्रग्रहण का समय और इस संयोग में किये जाने वाले बेहद खास उपाय के बारे में बताएँगे। य ह भी पढ़ें: मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) कब है? जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्त्व और व्रत नियम के बारे में Gautam Buddha History in Hindi बैशाख हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना है, बैशाख के महीने में पूर्णिमा का बहुत महत्व है। इस दिन धन, पुण्य, धर्म के कार्य किए जाते हैं। आज के दिन भगवान विष्णु जी के तेइसवां अवतार महात्मा बुद्ध भी अवतरित हुए थे।  इसीलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते है। हिन्दू पंचांग के अ...

पाई दिवस (Pi Day) कब मनाया जाता है?

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पाई 𝝥 दिवस कब मनाया जाता है? प्रति वर्ष सम्पूर्ण विश्व में पाई दिवस (𝝥)  (World Pi Day)  3/14 अर्थात  14 मार्च को मनाया जाता है। पाई का मान 3.14 है, इसलिए 14 मार्च के दिन पाई दिवस (World Pi Day) मनाया जता है। पाई (𝝥) यानि 22/7 एक विकट संख्या है।  Pi Day यह भी पढ़ें: 👉  23 March 1931 Shahid Diwas पाई किसे कहते है? पाई या 𝝥 (Pi) एक संख्यात्मक स्थिरांक है जिसका संख्यात्मक मान किसी भी वृत्त की परिधि और उसके व्यास के समानुपाती होता है। सअनुपात के लिए 𝝥 संकेत का इस्तेमाल पहली बार 1706 ईस्वी में इसे विलियम जोन्स के लिए किया था। पाई लगभग 3.14159 के बराबर है। यह एक अपरिमेय राशि है। केक सबसे महत्वपूर्ण गणितीय और भौतिक स्थिरांक में से एक है। गणित, विज्ञान और इंजीनियरिंग स्रोतों , में 𝝥 Pi आते हैं। गणित, विज्ञान और इंजीनियरिंग में कई महत्वपूर्ण सूत्र इस पर आधारित हैं। ज्यामिति में, परिधि और एक वृत्त की लंबाई के बीच का संबंध पाई कहलाता है। प्रत्येक सर्कल में अनुपात 3.141 है, लेकिन दशमलव के बाद की पूरी संख्या का अनुमान लगा...

विश्व शांति दिवस 2025: कब, क्यों और कैसे मनाते हैं? | World Peace Day History, Theme, Slogan in Hindi

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विश्व भर में सभी देशों तथा उनके नागरिकों के बीच शांति व सद्भाव कायम रहे इसी उद्देश्य से हर साल 21 सितंबर का दिन विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिवस के जरिये दुनिया भर के देशों और नागरिकों के बीच शांति के सन्देश का प्रचार व प्रसार किया जाता है।  हर साल ये दिवस अलग-अलग थीम पर मनाया जाता है। शांति माना ये शब्द कही गुम सा हो गया है फिर भी इस शब्द को कायम रखने के लिए साल में एक दिन रखा गया है जिसे हम विश्व शांति दिवस ( World Peace Day ) के रूप में मनाते है। बस एक दिन हर देश में जगह-जगह सफ़ेद रंग के कबूतरों को उड़ाया जाता है। य ह भी पढ़ें: विश्व प्रकृति दिवस  World Nature Day  क्यों मनाया जाता है  विश्व शांति दिवस  विश्व शांति दिवस 2025 (Vishva Shanti Divas 2025) विश्व शांति दिवस अथवा ' अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस ' हर साल 21 सितंबर' को मनाया जाता है। इस दिन को सभी राष्ट्रों और लोगों के बीच स्वतंत्रता, शांति और खुशी का आदर्श माना जाता है। 'विश्व शांति दिवस' मुख्य रूप से पूरी पृथ्वी पर शांति और अहिंसा की स्थापना के लिए मनाया जाता है। हर...

परशुराम जयंती 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि और पौराणिक कथा | Parshuram Jayanti Date 2025

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सनातनी हिन्दू धर्म के अनुसार जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया आती है जिसे अक्षय तृतीय भी कहते है जिस दिन कुछ भी किया हुआ दान पुण्य जो अक्षय हो जाता है जिसका कभी क्षय नहीं होता है उसी दिन परशुराम जयंती भगवान परशुराम जन्मोत्सव है ।   हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान परशुराम जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी के छठे अवतार है यह पर्व पुरे भारत में धूम-धाम के साथ मान्य जाता है नगर-नगर में भगवान परशुराम की झांकियां निकाली जाती है । भगवान परशुराम भोले नाथ के अनन्य भक्त थे । य ह भी पढ़ें: 👉 अक्षय तृतीया सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त bhagwan parshuram jayanti परशुराम जयंती  2 मई   को है ।  हिन्दू पंचाग के अनुसार प्रत्येक वर्ष अक्षय तृतीया के दिन पड़ता है ।  इस साल 30 अप्रैल  को अक्षय तृतीया है और इसी दिन भगवान परशुराम जयंती भी है । आज हम आपको परशुराम जयंती 2025  में कब मनाया जायेगा, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में बताएंगे।  य ह भी पढ़ें: गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई...