साहस और शौर्य की प्रतिमूर्ति, राष्ट्रभक्ति परिचायक, 1857 की क्रांति में अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेकर देश की रक्षा करते हुये वीरगति को प्राप्त करने वाली वीरांगना, अपने दुश्मन को उखाड फेकने वाली, मर्दानी की परिभाषा बन कर आजादी का पैगाम दिया, अंग्रेजो से अपने दम पर लोहा लेने वाली बहादुरी, साहस, बलिदान और देशभक्ति का प्रतिक है। भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की विरांगना हमेशा स्व-निर्मित शक्तिशाली महिला का एक शानदार उदाहरण रहेगी और आने वाली कई पीढियों को प्रेरित करती रहेंगी। 1857 की क्रांति की महानायिका आप जैसे बलिदानीयों की बदौलत आज हम खुली हवा में सांस ले पा रहे है। देश को स्वतंत्र कराने के लिये सर्वोच्च बलिदान देने वालों में से एक है। इनके साहस, बलिदान और देश की स्वतंत्रता के लिये किया गया उनका संघर्ष सदियों तक हमेंं मातृभूमि की रक्षा के लिये प्रेरणा देता रहेगा। भारत माता की वीर सुपुत्री रानी लक्ष्मी बाई की जयंती पर कोटि-कोटि नमन।
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जय श्री राम
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