गृहमंत्री Amit Shah ने बताया क्या है National Population Register ( NPR ) ?

CAA पर प्रदर्शन के बीच NPR के लिए 3,941 करोड़ की मंजूरी

मोदी कैबिनेट ने 24 दिसंबर को भारत की जनगणना 2021 और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर National Population Register ( NPR ) के लिए मंजूरी दे दी है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.भारत के जनगणना 2021 की कवायद के लिये 8,754.23 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई।

वहीं, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिये 3,941.35 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई।सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि जनगणना के लिये कोई लंबा फॉर्म नहीं भरना होगा। इसके लिये किसी सबूत की जरूरत नहीं होगी और न ही कोई दस्तावेज देना होगा।इसके लिए एक मोबाइल एप भी बनाया गया है।फिलहाल, नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर National Population Register ( NPR ) के जरिए जुटाए गए डेटा का इस्तेमाल कर NRC तैयार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

गृहमंत्री Amit Shah ने बताया क्या है National Population Register ( NPR )

नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर National Population Register ( NPR ) के मकसद में कहा गया है कि एनपीआर (NPR) देश के स्वाभाविक निवासियों का रजिस्टर है, ये नियम 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय स्तर पर (गांव/उप शहर), उप जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जायेगा. सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, एनपीआर अप्रैल और सितंबर 2020 के बीच असम को छोड़कर देश के अन्य सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा. ये जनगणना काम के साथ होगा. असम को इससे अलग इसलिए रखा गया है क्योंकि वहां पहले ही राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण का काम हो गया है. एनपीआर का मकसद देश के स्वभाविक निवासियों की समग्र पहचान का डाटाबेस तैयार करना है. इसमें भौगोलिक और बायोमेट्रिक जानकारी होगी।

क्या है NPR?

1 NPR के तहत देश में रह रहे हर शख्स को अपना नाम इस रजिस्टर में दर्ज कराना होगा. 2 इसमें हर शख्स का पूरा विवरण होगा कि वो किस इलाके में कब से रह रहा है. 3 इसके साथ ही रजिस्टर में सभी लोगों का बायोमेट्रिक डिटेल भी दर्ज किया जाएगा. 4 कोई भी शख्स अगर किसी इलाके में 6 महीने से ज्यादा वक्त से रह रहा हो, चाहे वो विदेशी ही क्यों न हो, उसे भी अपना नाम और जानकारी इस रजिस्टर में दर्ज कराना होगा.

NRC और CAB से दिक्कत क्यू?

आपको बता दें कि देश भर में नागरिकता से जुड़े कानूनों पर हो रहे आंदोलनों के बीच राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर 2021 में होने वाली जनगणना के साथ ही इस पर भी काम शुरू करेगा। एनपीआर के तहत देश के हर नागरिक को इसमें अपना नाम दर्ज कराना होगा। एनपीआर को यूपीए-2 सरकार ने 2010 में लागू किया था और 2011 की जनगणना के साथ इस पर पहली बार काम शुरू हुआ था।



एनपीआर के आंकड़े पिछली बार 2010 में घर की सूची तैयार करते समय लिये गये थे जो 2011 की जनगणना से जुड़े थे. 2015 में घर घर जाकर इन आंकड़ों का उन्नयन किया गया था. दूसरी ओर, जनगणना 2021 दो चरणों में होगी. इसमें पहले चरण में घर की सूची या घर संबंधी गणना होगी जो अप्रैल से सितंबर 2020 तक होगी. इसका दूसरा चरण नौ फरवरी से 28 फरवरी 2021 में होगा।

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