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165 सालो बाद पितृ पक्ष अमावस्या के अगले दिन नहीं होगा इस बार नवरात्र प्रारम्भ


हर साल पितृ पक्ष के समाप्त होने के बाद शारदीय नवरात्रों का आरंभ भी हो जाता है।  पितृ पक्ष की अमावस्या तिथि के अगले ही दिन प्रतिपदा तिथि के साथ माँ दुर्गा को समर्पित 9 दिनों तक चलने वाले शारदीय नवरात्रों का पर्व मनाया जाता है।  लेकिन शास्त्रों और ज्योतिष की माने तो साल 2020 में ऐसा नहीं होगा क्योंकि ज्योतिष अनुसार इस साल करीब 165 सालो के बाद ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है जिस कारण पितृ पक्ष और नवरात्रो के बिच 1  महीने का अन्तर हो जायेगा।  आज हम इस लेख में साल 2020 पितृ पक्ष और नवरात्रों में बनने वाले इसी अद्भुत संयोग के बारे में बताएंगे।

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क्या है ये संयोग

ज्योतिष के अनुसार यह साल लीप वर्ष होने के कारण ऐसा हो रहा है कि इस बार श्राद्ध पक्ष समाप्त होते ही अधिकमास लग जायेगा, जिस कारण ऐसे में नवरात्र और पितृपक्ष के बीच एक महीने का अंतर आ जायेगा। इसके आलावा इस बार चातुर्मास जो की चार महोनो का होता है इसकी अवधि भी बढ़कर इस बार पांच महीने का होगा ऐसा संयोग 165 साल बाद बना है। जब श्राद्ध पक्ष के एक महीने के बाद दुर्गा पूजा का आरम्भ होगा इस साल 17 सितम्बर को पितृपक्ष के समाप्ति के बाद नवरात्र के स्थान पर अधिकमास लग जायेगा।

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कब होगा नवरात्र का प्रारम्भ


ज्योतिष अनुसार साल 2020 में 17 सितम्बर को श्राद्ध यानि कि पितृ पक्ष समाप्त होगा और इसके अगले दिन अधिकमास शुरू होगा। जो की 16 अक्टूबर तक चलेगा इसके बाद 17 अक्टूबर, शनिवार के दिन से शारदीय नवरात्र शुरू होने और 24 अक्टूबर शनिवार के दिन रामनवमी का पर्व मनाया जायेगा

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कब होगा शुभ कार्यों का आरम्भ

पंचांग की यदि माने तो इस साल आश्विन माह में अधिकमास होगा अधिकमास होने के कारण इस बार 14 नवम्बर को दीपावली मनाया जायेगा। अधिकमास होने के कारण इस साल चातुर्मास 5 महीने का होगा इसके बाद 25  नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी जिसके साथ ही चातुर्मास समाप्त होगा और और इसके बाद ही उन सभी शुभ कार्यों जैसे विवाह, मुंडन संस्कार आदि मंगल कार्यों की शुरुआत हो जायेगा

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