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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस World Mental Health Day कब मनाया जाता है

World Mental Health Day 

व्यक्ति के लिए शारीरिक स्वास्थ के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ भी स्वस्थ रखना भी बहुत जरुरी है। कोई भी व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है तो अपनी क्षमता से अधिक कार्य करने की कोशिस करता है लेकिन व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ रहेगा तो उसकी कार्य क्षमता पर प्रभाव पड़ता है।  

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विश्व स्वास्थ्य दिवस (World Health Day) कब मनाया जाता है?

कई कारणों आज दुनिया में लोग डिप्रेशन या अन्य मानसिक बीमारियों का शिकार हो रहे है। कई बार लोग मानसिक रोग के चपेट में इस कदर आ जाते है और उन्हें आत्महत्या तक करना पड़ता है। लोग इस बीमारी के बारे में किसी से कह भी नहीं पाते खासकर अभी कोरोना काल में लम्बे समय लॉकडाउन में घरो में कैद कारण लोग मानसिक रूप से परेशान महसूस कर रहे थे।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस World Mental Health Day कब मनाया जाता है
World Mental Health Day 

हालाँकि अब लॉकडाउन तो करीब-करीब ख़त्म हो गया है लेकिन अभी भी लोग कही घूमने फिरने या मनोरंजन करने के लिए बाहर नहीं जा पा रहे है जिससे लोगो के मानसिक अवस्था बुरा असर पद रहा है।ऐसे में लोगो को अपना शारीरिक स्वाथ्य के साथ-साथ मानसिक स्वाथ्य को बनाये रखना  चुनौती है। इसलिए जरुरी है की लोग इस बीमारी के बारे में जागरूक हो।

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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस कब मनाया गया 

लोगो को इस मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सवेंदनशील और जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। पहली बार विश्व मानसिक स्वास्थ्य  दिवस साल 1992 में संयुक्त राष्ट्र के उपमहासचिव रिचर्ड हंटर  वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेन्टल हेल्थ की पहल पर पहली बार मनाया गया था। 150 से ज्यादा  सदस्य देशो वाला एकवैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संगठन है।

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इसके बाद साल 1994 में तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव यूजीन ब्रॉडी के सुझाव के बाद विश्व मानसिक स्वास्थ्य  दिवस को एक थीम के साथ मानाने की शुरुआत की गई। इस बार की थीम है "सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य" अधिक से अधिक निवेश ज्यादा से ज्यादा पहुँच।  

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विश्व मानसिक स्वास्थ्य का उद्देश्य 

वर्ल्ड मेन्टल हेल्थ डे World Mental Health Day का मुख्य उद्देश्य विश्व भर में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है वर्ल्ड मेन्टल  हेल्थ डे मनाने का एक मुख्य कारण यह है की विश्व में हर हर वर्ग लोगो को इस बीमारी के बारे में पता चले साथ ही साथ वह उस लिहाज से उसके बचाव के लिए पहले से तैयार रहे। 

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वर्ल्ड मेन्टल डे का इतिहास 

वर्ल्ड मेन्टल एसोसिएशन ने साल 1992 में विश्व भर के लोगो के मानसिक स्वास्थ्य देखभाल वस्तविक रूप देने हेतु विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की स्थापना की थी WHO के अनुसार लगभग 450 मिलियन लोग विश्व भर मानसिक विकार से ग्रस्त है WHO के अनुसार विश्व भर में चार व्यक्तियों में से एक व्यक्ति मानसिक विकार से ग्रस्त है इनमे लगभग 10 साल से 19 साल उम्र के व्यक्तियों की वैश्विक रोगभर में 16 फीसदी हिस्सेदारी है।

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मानसिक रोग क्या है?

मानसिक रोग बहुत से प्रकार का हो सकता है इसमें मस्तिष्क से जुड़े प्रत्येक तरह की समस्याओं को शामिल किया जा सकता है जैसे Alzheimer, Autism, Depression, Stress, Anxiety, Dyslexia, Weak Memory, Fear, Forgetfulness. 

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World Mental Health Day Theme - वर्ल्ड मेन्टल हेल्थ डे 2020 थीम 

वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे 2020 का थीम "Mental Health For All" है। 

मानसिक बीमारी के मूल कारण  

मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए कई कारक उत्तरदायी है, जो इस प्रकार है... 

  1. परिवेश सम्बन्धी तनाव जैसे चिंता, अकेलापन, साथियों का दबाव, आत्मसम्मान में कमी, परिवार में मृत्यु या तलाक।
  2. दुर्घटना, चोट, हिंसा, एवं बलात्कार से मनोवैज्ञानिक आघात होना।
  3. अनुवांशिक असामान्यताएं।
  4. मस्तिष्क की चोट/दोष।
  5.  अल्कोहल एवं ड्रग्स जैसे मादक पदार्थो  सेवन।
  6. संक्रमण के कारण मस्तिष्क को क्षति।

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मानसिक रोगो से सम्बंधित भ्रान्तियांयह सबसे बड़ी गलत धारणा है की मानसिक विकारो से पीड़ित व्यक्ति जनता के लिए हिंसक एवं खतरनाक होते है। इस तरह के नकारात्म रवैया  गलतफहमी के परिणाम स्वरूप मानसिक विकारो से पीड़ित व्यक्ति समाज से अधिक दूर हो जाते है। 

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राष्ट्रिय  स्वास्थ्य कर्यक्रम (एनएमएचपी)

भारत में राष्ट्रिय मानसिकस्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) की शुरुआत 1982 में  हुई थी। इसका उद्देश्य सभी को न्यूनतम मानसिक स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध और सुलभ कराना, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान के बारे में जागरूकता लाना और मानसिक स्वास्थ्य सेवा के विकास में सामुदायिक भागीदारी बढ़ावा देना तथा समुदाय में स्वयं-सहायता को प्रोत्साहित करना है।

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धीरे-धीरे मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के दृष्टिकोण को अस्पताल आधारित देख-भाल (संस्थागत) को सामुदायिक आधारित देखभाल में बदला दिया गया है।क्युकी मनोरोगों के अधिकांश मामलों में अस्पताल की सेवाओं की जरुरत नहीं होती और इन्हे सामुदायिक स्तर पर ठीक किया जा सकता है।


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