विश्व में भारतीय संस्कृति का परचम लहराने वाले सम्पूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति की सुगन्ध बिखेरने वाले युवा सन्यासी, प्रकाण्ड विद्वान “युग प्रवर्तक” स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के शुभ-अवसर पर उन्हें कोटि-कोटि नमन देश के समस्त युवाओं को "राष्ट्रीय युवा दिवस" की हार्दिक शुभकामनाएं।
राष्ट्रीय युवा दिवस |
संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है, असम्भव से आगे निकल जाना।
ऐसा सन्देश युवाओं को देने वाले प्रेरणास्त्रोत, समाजसुधारक 'स्वामी विवेकानंद' जी है।
स्वामी विवेकानंद जी का जीवन परिचय (Swami Vivekananda in Hindi)
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युवाओं के कंधों पर युग की कहानी चलती है,इतिहास उधर मुड़ जाता है जिस ओर ये जवानी चलती है।
राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है? (yuva divas kab manaya jata hai)
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राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है (Rashtriy Yuva Divas Kab Manaya Jata Hai)
Rashtriya Yuva Divas (National Youth Day) 12 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिनका योगदान भारतीय समाज और युवा पीढ़ी को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण था।
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था, और इस दिन को युवा शक्ति और प्रेरणा का प्रतीक मानते हुए, भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया।
राष्ट्रीय युवा दिवस भारत में कैसे मनाया जाता है
राष्ट्रीय युवा दिवस थीम (National Youth Day Theme 2025)
स्वामी विवेकानंद जी के बारे में कुछ रोचक तथ्य (Swami Vivekananda Message for the Youth today)
- बचपन में विवेकानंद जी की माँ ने उनका नाम वीरेश्वर रखा था तथा उन्हें बीली कहकर बुलाती थी बाद में उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त हो गया।
- अपने पिता के मृत्यु के बात स्वामी जी का जीवन गरीबी में बीता कई बार उनके माँ और बहन को प्रत्येक दिन के भोजन के लिए बहुत जयदा संघर्ष करना पड़ता था इसीलिए स्वामी जी कई बार दो-दो दिन तक भूखे रहते थे ताकि परिवार के अन्य लोगो को पर्याप्त भोजन मिल सके।
- बा की डिग्री होने के बावजूद स्वामी विवेकानंद जी को बहुत ज्यादा नौकरी की तलाश में भटकना पड़ा जिसके कारण वे लगभग नास्तिक हो गये थे और उनका भगवान पर ले विश्वास भी उठ गया था।
- स्वामी विवेकानंद जी में इतनी ज्यादा सादगी थी 1896 में उन्होंने लंदन में कचैड़िया भी बनाई थी।
- स्वामी विवेकानंद जी ने भविष्यवाणी की थी की वे 40 वर्ष की आयु को प्राप्त नहीं कर पाएंगे उनकी ये बात सच तब जबित हुई जब 4 जुलाई 1902 को 39 वर्ष के थे अपने प्राण त्याग दिए उन्होंने समाधि की अवस्था में अपने प्राण त्यागे उनकी मृत्य की वजह तीसरी बार दिल का दौरा था।
- एक बार स्वामी विवेकानंद जी विदेश गये जहां उनसे मिलने के लिए बहुत सारे लोग आये थे उन लोगो ने स्वामी विवेकानंद जी से अपना हाथ मिलाने के लिए हाथ को आगे किया और इग्लिश में हेलो बोला जिसका जबाब स्वामी जी ने बड़ी विनम्रता से अपने दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते कह कर दिया।
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युवाओं का महत्त्व
युवा सशक्तिकरण गरीबी को एक महत्वपूर्ण स्तर तक कम करने में मदद कर सकता है। युवाओं के सशक्तिकरण की एक कुंजी कौशल विकास है। जब युवा सशक्त होते है तो वे शिक्षा के महत्त्व को समझते है और इस क्षेत्र के उत्थान में मदद करते है। युवा सशक्तिकरण कार्यक्रमों के लाभकारी परिणामों में सुधार किया जाता है।
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सामाजिक कौशल, व्यवहार, बढ़ी हुई शैक्षिक उपलब्धि, आत्म-सम्मान, आत्म प्रभावकारिता। इस समाज के लिए युवाओं की अहम् भूमिका है। युवाओं की शक्ति पुरे देश के लिए सामान्य धन है। युवाओं के चेहरे हमारे अतीत, वर्तमान और भविष्य के चेहरे है। समाज में कोई भी वर्ग युवा लोगों की इच्छाशक्ति, आदर्शवाद, उत्साह और साहस के साथ मेल नहीं खाएगा।
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क्यों युवा दुनिया को बदल सकते है
युवाओं के पास एक बेहतर दुनिया को आकर देने के लिए विचार, रचनात्मकता और महान ऊर्जा है। नवाचार और कल्पना के माध्यम से युवा आशा से भरे हैं। वे समस्या हल करने वाले है और संभावित सामाजिक परिवर्तन उत्पन्न करने की बड़ी क्षमता रखते है।
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आज की युवाओं की समस्या क्या है?
अब एक दिन युवा दो प्रमुख सामाजिक समस्याओं के संपर्क में है जो उनके जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते है। ये सामाजिक समस्याएं ड्रग्स और हिंसा हैं हालाँकि एक उन समस्याओं के संपर्क में नहीं आना चाहता है।
स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु
4 जुलाई 1902 को स्वामी विवेकानंद पंचतत्व में विलीन हो गये, पर अपने पीछे वे असंख्यक युवाओं के सीने में आग जला गए, जो इंकलाब कर्मण्यता को निरंतर प्रोत्साहित करता रहेगा। युवाओं को गीता के श्लोग के बदले मैदान में जाकर फुलबॉल खेलने की नसीहत देने वाले स्वामी विवेकानंद सर्वकालिक प्रासंगिक रहेंगे।
स्वामी विवेकानंद जयंती कब मनाई जाती है (Swami Vivekanand Jayanti Kab Manae Jaati Hai)
स्वामी विवेकानंद जयंती हर साल 12 जनवरी को मनाई जाती है। यह दिन उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में घोषित किया है, ताकि युवाओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और विचारों से प्रेरित किया जा सके। विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उनके विचार आज भी युवाओं को दिशा देने और जीवन में प्रेरणा भरने का कार्य करते हैं।
युवा दिवस शायरी
युवा दिवस पर शायरी
उम्मीदों के दीप जलाने आ गए,
नई सोच के साथ जमाना बदलाने आ गए।
हम हैं देश के युवा, उम्मीद हमारी,
हर मुश्किल को हराने आ गए।
जोश है, जुनून है, नई उड़ान है,
हर बाधा को पार करने का अरमान है।
युवाओं की ताकत है देश की शान,
हमारे सपनों से बनेगी नई पहचान।
दिल में है जोश, आँखों में है चमक,
हर ओर फैलाएँ रोशनी की झलक।
युवा हैं हम, बदलेंगे कहानी,
विश्व में लहराएँ भारत की निशानी।
आंधियों से न डर, तू चट्टान बन,
संघर्ष से ही मिलता है सम्मान बन।
युवा दिवस पर ले प्रतिज्ञा ये आज,
अपने कर्मों से कर देश का काज।
हर कदम पर नया इतिहास बनाएँगे,
नई सोच से दुनिया जगमगाएँगे।
युवा शक्ति से ये धरती भी झुक जाएगी,
हमारी मेहनत से हर रुकावट हट जाएगी।
युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद के विचार
स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को जीवन में प्रेरित करने और सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए कई महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए। उनके विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। यहाँ स्वामी विवेकानंद के कुछ प्रमुख विचार दिए गए हैं:
1. स्व-शक्ति में विश्वास
"उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"
यह विचार युवाओं को उनकी अपार शक्ति का एहसास कराता है और उन्हें आत्मविश्वास से भरता है।
2. जीवन का उद्देश्य
"जीवन में एक उद्देश्य तय करो, और पूरे शरीर, मन और आत्मा को उस पर केंद्रित कर दो। सफलता निश्चित है।"
यह विचार बताता है कि स्पष्ट लक्ष्य और समर्पण से ही सफलता मिलती है।
3. कर्म का महत्व
"एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, और उसे जीओ। सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी।"
स्वामी विवेकानंद कर्म पर जोर देते थे और युवाओं से मेहनत और लगन की अपेक्षा करते थे।
4. डर को छोड़ो
"डरो मत। अगर तुम डरते हो तो तुम्हें कोई शक्ति नहीं मिल सकती।"
उनका यह संदेश युवाओं को हर परिस्थिति में साहसी बनने की प्रेरणा देता है।
5. आत्मा की शक्ति
"तुम्हें खुद पर भरोसा करना चाहिए। अगर तुम अपनी आत्मा में विश्वास नहीं करोगे, तो भगवान में विश्वास करना असंभव है।"
यह विचार आत्मविश्वास और आत्म-चेतना को बढ़ावा देता है।
6. युवाओं की भूमिका
"युवाओं में असीम शक्ति है। यदि वे इसे पहचान लें, तो दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं।"
स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को देश और समाज का भविष्य माना और उन्हें अपनी शक्ति को पहचानने का संदेश दिया।
7. सेवा और परोपकार
"जब तक लाखों लोग भूखे और अशिक्षित हैं, मैं उस हर व्यक्ति को गद्दार मानता हूँ जो उनके लिए कुछ नहीं करता।"
यह विचार युवाओं को समाज सेवा और दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरित करता है।
8. सकारात्मक सोच
"हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार जीवित रहते हैं और दूर तक यात्रा करते हैं।"
यह विचार सकारात्मक सोच के महत्व को उजागर करता है।
स्वामी विवेकानंद के ये विचार युवाओं को आत्मनिर्भर, साहसी, और प्रेरित व्यक्ति बनने की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।
भटकती युवा पीढ़ी पर कविता
भटकती युवा पीढ़ी
सपनों के सागर में गोते लगाती,
जीवन की राहें भटकती जाती।
जोश और जुनून में भरपूर,
पर दिशा की कमी से होती मजबूर।
तकनीक की दुनिया में डूबी,
मूल्य और संस्कारों से दूर हुई।
संवेदनाएँ दिल से मिट रही,
चमक-दमक में खो रही।
शिक्षा के मंदिर अब व्यापार बन गए,
संस्कार के पाठ जैसे लुप्त हो गए।
जीवन का अर्थ भूलती चली,
बस भौतिक सुखों में उलझी रही।
कहाँ हैं वो ऊर्जा, वो शक्ति,
जो बदल दे समाज की दुविधा की स्थिति?
जरूरत है नई राह दिखाने की,
जीवन के सही अर्थ समझाने की।
युवा हो तुम, उम्मीद का दीप जलाओ,
अपने कर्म से समाज को नयी राह दिखाओ।
संस्कार और सद्गुण को अपनाओ,
भटकते जीवन को सही दिशा दिखाओ।
राष्ट्रीय युवा दिवस पर कविता
राष्ट्रीय युवा दिवस पर कविता
उठो, जागो, बढ़ो आगे,
सपनों को अब साकार करो।
युवा शक्ति के दम से अपने,
विश्व में नाम उद्गार करो।
स्वामी विवेकानंद का संदेश,
हर दिल में आज जगाना है।
संघर्ष से हर बाधा हराकर,
नए युग को अब लाना है।
हौंसले बुलंद, कदम मजबूत,
संकल्प हमारा अडिग रहे।
ज्ञान, कर्म, और सच्चाई से,
हर देश का युवा विकसित रहे।
आओ मिलकर हाथ बढ़ाएँ,
एकता का संदेश दें।
राष्ट्र निर्माण की राह पर चलकर,
समृद्धि का हर रंग लें।
राष्ट्रीय युवा दिवस का पर्व,
हमें प्रेरणा देने आता है।
नवयुग के सपनों का दीप,
हर युवा मन में जलाता है।
राष्ट्रीय युवा दिवस निबंध (national youth day essay)
राष्ट्रीय युवा दिवस हर वर्ष 12 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन महान भारतीय संत, विचारक और समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को समाज और देश की प्रगति के लिए प्रेरित किया। उनका जीवन, उनके विचार और उनकी शिक्षाएँ आज भी युवाओं के लिए मार्गदर्शक हैं।
राष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास
भारत सरकार ने वर्ष 1984 में स्वामी विश्वनाथ के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया। 1985 से इसे पूरे देश में बड़े पैमाने पर मनाया गया। यह दिन युवाओं को उनके कट्टरपंथियों और अनुयायियों की यादों के साथ-साथ स्वामी विवेकानंद के विचारों को धोखा देने का अवसर भी प्रदान करता है।
स्वामी विवेकानंद और किशोरों का महत्व
स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण का मुख्य आधार माना। उनका मानना था कि यदि युवाओं को अपनी शक्ति और ऊर्जा सही दिशा में मिले, तो कोई भी देश प्रगति के शिखर पर पहुंच सकता है। उनके प्रसिद्ध शब्द, "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो," युवाओं को कड़ी मेहनत और अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देते हैं।
राष्ट्रीय युवा दिवस का उद्देश्य
राष्ट्रीय युवा दिवस का मुख्य उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर, आत्मनिर्भर और जिम्मेदार नागरिक बनाना है। इस दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, जैसे:
1. प्रेरणादायक भाषण: स्वामी विवेकानंद के विचारों पर चर्चा की जाती है।
2. युवाओं के लिए प्रतियोगिताएँ: निबंध लेखन, वाद-विवाद और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
3. सामाजिक जागरूकता अभियान: पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, एवं स्वास्थ्य जैसे विषय।
राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व
किसी भी देश के विकास में युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे समाज में सकारात्मक बदलाव और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने की क्षमता रखते हैं। इस दिन युवाओं को यह संदेश दिया जाता है कि वे स्वामीजी के आदर्शों का पालन करते हुए अपने कौशल और प्रतिभा का उपयोग समाज और राष्ट्र के हित में करें।
स्वामी विवेकानंद के मुख्य संदेश
"उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो।"
आत्म-निर्भरता और आत्म-विश्वास का विकास।
शिक्षा का उद्देश्य न केवल ज्ञान प्राप्त करना है, बल्कि चरित्र का निर्माण भी है।
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निष्कर्ष
उचित शिक्षा और नैतिक मूल्य आज युवाओं की प्रमुख समस्याओं को हल कर सकते हैं । समाज में बड़ों को आगामी युवाओं के लिए धार्मिक मार्ग दिखाना होगा। स्वामी विवेकानंद जी का एक सन्देश है.....
जीवन में जोखिम उठाये यदि, आप जीतते हैं तो नेतृत्व कर सकते हैं। अगर आप हार गए तो, मार्गदर्शन कर सकते है।
यह हर युवा को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
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