Looking For Anything Specific?

राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है | yuva diwas kab manaya jata hai

विश्व में भारतीय संस्कृति का परचम लहराने वाले सम्पूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति की सुगन्ध बिखेरने वाले युवा सन्यासी, प्रकाण्ड विद्वान “युग प्रवर्तक” स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के शुभ-अवसर पर उन्हें कोटि-कोटि नमन देश के समस्त युवाओं को "राष्ट्रीय युवा दिवस" की हार्दिक शुभकामनाएं।  
राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) कब मनाया जाता है
राष्ट्रीय युवा दिवस 


संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है, असम्भव से आगे निकल जाना।

ऐसा सन्देश युवाओं को देने वाले प्रेरणास्त्रोत, समाजसुधारक 'स्वामी विवेकानंद' जी है।
राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) युवाओं के लिए समर्पण दिवस है। यह अलग-अलग देशो द्वारा अलग-अलग तारीखों में मनाया जाता है। भारत 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाता है। संयुक्त राष्ट्र 12 अगस्त को को राष्ट्रीय युवा दिवस (Yuva Diwas) मानाने के लिए समहत हुआ।

इस लेख के जरिये हम राष्ट्रीय युवा दिवस (rashtriya yuva diwas) और युवा की शक्तियों के बारे में जानेंगे। किसी भी देश का भविष्य युवाओं पर निर्भर रहता है। नई प्रतिभा के आ जाने से न केवल देश की प्रतिभा होगी बल्कि देश का विकास भी सही राह पर होता है। देश के युवाओं को सही मार्गदर्शन के लिए हर साल भारत में 12 जनवरी को युवा दिवस (Youth Day) मनाया जाता है। युवाओं को प्रेरणात्मक सन्देश देते है स्वामी विवेकानंद जी

स्वामी विवेकानंद जी का जीवन परिचय (Swami Vivekananda in Hindi)  

स्वामी विवेकानंद Swami Vivekanand जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था, उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस थे, उन्होंने 25 वर्ष की अवस्था में गेरुवा वस्त्र पहन लिया था, तत्पश्चात उन्होंने पैदल ही पूरे भारत वर्ष की यात्रा की उन्होंने सन 1893 में अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्वधर्म सम्मेलन में हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व किया, गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने उनके बारे में कहा था। 

ह भी पढ़ें:

About Dr BR Ambedkar Jayanti 

स्वामी विवेकानंद जयंती | राष्ट्रीय युवा दिवस
स्वामी विवेकानंद जयंती

यदि आप भारत को जानना चाहते है तो विवेकानंद को पढ़िए, उनमे आप सब कुछ सकारात्मक ही पाएंगे नकारात्मक कुछ भी नहीं',महात्मा गौतम बुद्ध के बाद स्वामी विवेकानंद देश के पहले धार्मिक, संस्कृति राजदूत थे, उन्होंने दिखाया कि विश्व संस्कृति में भारत का बहुत बड़ा योगदान है उन्होंने एक पहचान दी कि हम कौन है और भारतीय संस्कृति क्या है। 
इतना ही नहीं उन्होंने हिन्दू धर्म की एकीकरण में भी अहम भूमिका निभाई, उन्होंने अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं का प्रचार करने के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, और आधुनिक विश्व के संदर्भ में की प्राचीन हिन्दू शास्त्रों की व्याख्या की, उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई। 

उन्होंने युवाओं को चरित्र निर्माण की ओर प्रेरित किया और कहा "मनुष्य को महान बनने के लिए संदेह, ईष्या, एवं द्वेस छोड़ना होगा" साथ ही उनका मानना था कि आत्मा का कोई लिंग नहीं होता है अतः समाज में महिलाओं का वही स्थान और सम्मान होना चाहिए जो पुरुषों का होता है स्वामी विवेकानंद ने युववर को चरित्र निर्माण के लिए पांच सूत्र दिए।
  1. आत्मविश्वास 
  2. आत्मत्याग 
  3. आत्मसंयम 
  4. आत्मनिर्भरता 
  5. आत्मज्ञान

यह भी पढ़ें:

Gautam Buddha Jayanti Kab Hai 

इसमें कोई सन्देह की बात नहीं है कि स्वामी विवेकानंद जी ने भारतीय संस्कृति को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान दी इसी लिए जब सयुक्त राष्ट्रीय संघ द्वारा 1985 को अंतराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया, तब इस बात को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार ने घोषणा की थी कि सन 1985 से हर वर्ष 12 जनवरी यानि स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को देश भर में राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाया जाय क्युकी स्वामी जी का दर्शन उनका जीवन तथा कार्य एवं उनके आदर्श भारतीय युवकों के लिए प्रेरणास्त्रोत साबित सकते थे।  

यह भी पढ़ें:

नरसिंह जयंती 

राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why is National Youth Day celebrated?)

युगपुरुष, वेदांत दर्शन के पुरोधा,मातृभूमि के उपासक, विरले करोगी, दरिद्रनारायण मानव सेवक, टिफनी हिन्दू साधु,करोड़ो युवाओं के प्रेरणास्रोत व प्रेरणाकुंज स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस को पुरे भारत देश में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

उनका जन्म कलकत्ता में उस समय हुआ था, जब यूरोपी देशो में भारतीयों और हिन्दू धर्म के लोगों को हीनभावना से देखा जा रहा था वे समस्त समाज उस समय दिशाहीन हो चूका था। भारतीयों पर अंग्रेजियत हावी हो रही थी तब स्वामी विवेकानंद ने जन्म लेकर न केवल हिन्दू धर्म को अपना गौरव लौटाया अपितु विश्व फलक पर भारतीय संस्कृति व सभ्यता का परचम भी लहराया।
साथ ही युवा पीढ़ी अपनी ऊर्जा के सपनों को किस तरह सकारात्मक रूप में ढालती है, यह भी बेहद महत्वपूर्ण है। अंततः हमे युवा शक्ति की सकारात्मक ऊर्जा का संतुलित उपयोग करना होगा। कहते हैं की युवा वायु के सामान होता है। जब वायु पुरवाईके रूप में धीरे-धीरे चलती है तो सबको अच्छी लगती है। सबको बर्बाद कर देने वाली आंधी किसी को भी अच्छा नहीं लगता है।

हमें इस पुरवाई का उपयोग विज्ञानं, तकनीक, शिक्षा और अनुसन्धान के क्षेत्र में करना होगा। यदि हम इस युवा शक्ति का सकारात्मक उपयोग करेंगे तो विश्व गुरु ही नहीं, अपितु विश्व का निर्माण करने वाले विश्वकर्मा के रूप में भी जाने जायेंगे।

National Youth Day
किसी  शायर ने कहा है..... 
युवाओं के कंधों पर युग की कहानी चलती है,
इतिहास उधर मुड़ जाता है जिस ओर ये जवानी चलती है।

राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है? (yuva divas kab manaya jata hai)

किसी भी देश का भविष्य उसके युवाओं पर निर्भर करता है, एक नई प्रतिभा के आ जाने से ना देश की प्रगति होती है बल्कि देश का विकास भी सही राह पर होता है, देश के युवाओं के सही मार्गदर्शन के लिए हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) के याद में भारत में प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) मनाया जाता है। लेकिन आज भारत की युवा ऊर्जा अंगड़ाई ले रही है और भारत विश्व में सर्वाधिक युवा जनसंख्या वाला देश माना जा रहा है। इसी युवा शक्ति में भारत की ऊर्जा अंतरनिहित है।
इसलिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने इंडिया 2020 नाम की अपनी कृति में भारत के एक महान राष्ट्र बनने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित की है। पर महत्त्व इस बात का है कि कोई भी राष्ट्र अपनी युवा पूंजी का भविष्य के लिए निवेश किस रूप में करता है?
हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व देश के युवा बेरोजगारों की भीड़ को एक बोझ मनाकर उसे भारत की कमजोरी के रूप में निरूपित करता है या उसे एक कुशल मानव संसाधन के रूप में विकसित करके एक स्वाभिमानी, सुखी, समृद्ध और सशक्त राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनाता है। यह हमारे राजनीति नेतृत्व की राष्ट्रीय व सामाजिक सरोकारों की समझ पर निर्भर करता है।

यह भी पढ़ें:

अटल बिहार वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) बायोग्राफी हिंदी

राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है (Rashtriy Yuva Divas Kab Manaya Jata Hai)

Rashtriya Yuva Divas (National Youth Day) 12 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिनका योगदान भारतीय समाज और युवा पीढ़ी को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण था।

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था, और इस दिन को युवा शक्ति और प्रेरणा का प्रतीक मानते हुए, भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया।


राष्ट्रीय युवा दिवस भारत में कैसे मनाया जाता है

इस दिन देश भर के विद्यालयों एवं महाविद्यालो में तरह-तरह के कार्यक्रम होते है, रैलियां निकाली जाती है, योगाभ्यास करवाया जाता है, व्याख्यान होते है, पूजा पाठ होता है और विवेकानन्द सहित्य की प्रदर्शनी लगती है।

इसके अलावा स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस के अवसर पर देश भर में फैले रामकृष्ण मिशन के केन्द्रो एवं वैलूर मठ में भारतीय संस्कृति और परंपरा को संवृद्ध करने हेतु कई कार्यकर्मो का आयोजन किया जाता है।

राष्ट्रीय युवा दिवस थीम (National Youth Day Theme 2025)

राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 का विषय - "विकसित युवा विकसित भारत" है ।

स्वामी विवेकानंद जी के बारे में कुछ रोचक तथ्य (Swami Vivekananda Message for the Youth today)

  • बचपन में विवेकानंद जी की माँ ने उनका नाम वीरेश्वर रखा था तथा उन्हें बीली कहकर बुलाती थी बाद में उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त हो गया।
  • अपने पिता के मृत्यु के बात स्वामी जी का जीवन गरीबी में बीता कई बार उनके माँ और बहन को प्रत्येक दिन के भोजन के लिए बहुत जयदा संघर्ष करना पड़ता था इसीलिए स्वामी जी कई बार दो-दो दिन तक भूखे रहते थे ताकि परिवार के अन्य लोगो को पर्याप्त भोजन मिल सके।
  • बा की डिग्री होने के बावजूद स्वामी विवेकानंद जी को बहुत ज्यादा नौकरी की तलाश में भटकना पड़ा जिसके कारण वे लगभग नास्तिक हो गये थे और उनका भगवान पर ले विश्वास भी उठ गया था।
  • स्वामी विवेकानंद जी में इतनी ज्यादा सादगी थी 1896 में उन्होंने लंदन में कचैड़िया भी बनाई थी।
  • स्वामी विवेकानंद जी ने भविष्यवाणी की थी की वे 40 वर्ष की आयु को प्राप्त नहीं कर पाएंगे उनकी ये बात सच तब जबित हुई जब 4 जुलाई 1902 को 39 वर्ष के थे अपने प्राण त्याग दिए उन्होंने समाधि की अवस्था में अपने प्राण त्यागे उनकी मृत्य की वजह तीसरी बार दिल का दौरा था।
  • एक बार स्वामी विवेकानंद जी विदेश गये जहां उनसे मिलने के लिए बहुत सारे लोग आये थे उन लोगो ने स्वामी विवेकानंद जी से अपना हाथ मिलाने के लिए हाथ को आगे किया और इग्लिश में हेलो बोला जिसका जबाब स्वामी जी ने बड़ी विनम्रता से अपने दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते कह कर दिया।

यह भी पढ़ें:

👉 Pulwama Attack

उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए

नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद कैसे बने?

नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद Swami Vivekananda बनने का सफर उनके ह्रदय में उठते सृष्टि व ईश्वर को लेकर सवाल  पर अपार जिज्ञासाओं का ही साझा परिणाम था। बचपन में नरेंद्र का हर किसी से यह सवाल पूछना क्या आपने भगवान को देखा है? क्या आप मुझे भगवान से साक्षात्कार करवा सकते हैं? 
लोग बालक के ऐसे सवालों को सुनकर न केवल मौन हो जाते, अपितु कभी-कभार जोरों से हसने भी लगते थे। पर नरेंद्र का सवाल हंसी-बौछारों के बाद भी वही रहता - क्या आपने भगवान को देखा है? समय की करवट के साथ ही नरेंद्र, स्वामी रामकृष्ण परमहंस से जा मिले और वही सवाल दोहराते है - क्या आपने भगवान को देखा है?

तब उन्हें उत्तर मिलता है - हाँ! जरूर क्यूं नहीं।रामकृष्ण परमहंस ने नरेंद्र को माँ काली के दर्शन करवाए और नरेंद्र ने माँ काली से तीन वरदान मांगे ज्ञान, भक्ति और वैराग्य। यहाँ से ही नरेंद्र के मन में अंकुरित होता धर्म और समाज परिवर्तन का बीज वटवृक्ष में तब्दील होने लगता है।

यह भी पढ़ें:

👉 23 March 1931 Shahid Diwas

स्वामी विवेकानंद Swami Vivekanand देश के कोने-कोने गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस के आशीर्वाद से धर्म, वेदांत और संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने के लिए निकल पड़ते है। इसी श्रृंखला में स्वामी विवेकानंद का राजस्थान भी आना होता है। यही खेतड़ी के महाराजा अजित सिंह ने उन्हें विवेकानद नाम दिया और सर पर स्वाभिमान केसरिया पगड़ी पहनाकर अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म परिषद् में हिन्दू धर्म व भारतीय संस्कृति शंखनाद करने के लिए भेजा।
स्वामी विवेकानंद Swami Vivekananda को विश्व धर्म परिषद में पर्याप्त समय नहीं दिया गया। किसी प्रोफ़ेसर की पहचान से अल्प समय के लिए स्वामी विवेकानंद को शून्य पर बोलने के लिए कहा गया। अपने भाषण के प्रारम्भ में जब स्वामी विवेकानंद ने अमेरिकी भाइयों और बहनो कहा तो सभा के लोगों के बीच करबद्ध ध्वनि से पूरा सदन गूंज उठा। उनका भाषण सुनकर विद्वान चकित हो गए। यहाँ तक कि वहां के मीडिया ने उन्हें साइक्लॉनिक हिन्दू का नाम दिया।

स्वामी विवेकानंद ने कैसे किया अपने ब्रह्मचर्य का पालन?

यह स्वामी जी के वाक्य शैली का ही प्रभाव था जिसके कारण एक विदेशी महिला ने उनसे कहा - मैं आपसे शादी करना चाहती हूँ? विवेकानंद ने पूछा - क्यों देवी? पर मैं तो ब्रह्मचारी हूँ? महिला ने जवाब दिया - क्योकि मुझे आप जैसा ही एक पुत्र चाहिए? जो दुनिया में मेरा नाम रोशन करेंऔर वो केवल आपसे शादी करके ही मिल सकता है मुझे।
विवेकानंद कहते है इसका और एक उपाय है विदेशी महिला पूछती है - क्या? विवेकानंद ने मुस्कुराते हुए कहा - आप मुझे ही अपना पुत्र मन लीजिये और आप मेरी माँ बन जाइये। ऐसे में आपको मेरे जैसा पुत्र भी मिल जायेगा और मुझे अपना ब्रह्मचर्य भी नहीं तोड़ना पड़ेगा। महिला हतप्रभ होकर विवेकानंद को ताकने लगी। 

युवाओं का महत्त्व 

युवा सशक्तिकरण गरीबी को एक महत्वपूर्ण स्तर तक कम करने में मदद कर सकता है। युवाओं के सशक्तिकरण की एक कुंजी कौशल विकास है। जब युवा सशक्त होते है तो वे शिक्षा के महत्त्व को समझते है और इस क्षेत्र के उत्थान में मदद करते है। युवा सशक्तिकरण कार्यक्रमों के लाभकारी परिणामों में सुधार किया जाता है

यह भी पढ़ें:

👉 Mothers Day क्यों मनाया जाता है

 सामाजिक कौशल, व्यवहार, बढ़ी हुई शैक्षिक उपलब्धि, आत्म-सम्मान, आत्म प्रभावकारिता। इस समाज के लिए युवाओं की अहम् भूमिका है। युवाओं की शक्ति पुरे देश के लिए सामान्य धन है। युवाओं के चेहरे हमारे अतीत, वर्तमान और भविष्य के चेहरे है। समाज में कोई भी वर्ग युवा लोगों की इच्छाशक्ति, आदर्शवाद, उत्साह और साहस के साथ मेल नहीं खाएगा। 

ह भी पढ़ें:

👉 हिन्दी पत्रकारिता दिवस 30 मई को क्यों मनाया जाता है

क्यों युवा दुनिया को बदल सकते है 

युवाओं के पास एक बेहतर दुनिया को आकर देने के लिए विचार, रचनात्मकता और महान ऊर्जा है। नवाचार और कल्पना के माध्यम से युवा आशा से भरे हैं। वे समस्या हल करने वाले है और संभावित सामाजिक परिवर्तन उत्पन्न करने की बड़ी क्षमता रखते है।

यह भी पढ़ें:

👉 विश्व बाल श्रम निषेध दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

आज की युवाओं की समस्या क्या है? 

अब एक दिन युवा दो प्रमुख सामाजिक समस्याओं के संपर्क में है जो उनके जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते है। ये सामाजिक समस्याएं ड्रग्स और हिंसा हैं हालाँकि एक उन समस्याओं के संपर्क में नहीं आना चाहता है।

स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु 

4 जुलाई 1902 को स्वामी विवेकानंद पंचतत्व में विलीन हो गये, पर अपने पीछे वे असंख्यक युवाओं के सीने में आग जला गए, जो इंकलाब कर्मण्यता को निरंतर प्रोत्साहित करता रहेगा। युवाओं को गीता के श्लोग के बदले मैदान में जाकर फुलबॉल खेलने की नसीहत देने वाले स्वामी विवेकानंद सर्वकालिक प्रासंगिक रहेंगे।

स्वामी विवेकानंद जयंती कब मनाई जाती है (Swami Vivekanand Jayanti Kab Manae Jaati Hai)

स्वामी विवेकानंद जयंती हर साल 12 जनवरी को मनाई जाती है। यह दिन उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में घोषित किया है, ताकि युवाओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और विचारों से प्रेरित किया जा सके। विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उनके विचार आज भी युवाओं को दिशा देने और जीवन में प्रेरणा भरने का कार्य करते हैं।

युवा दिवस शायरी

युवा दिवस पर शायरी

उम्मीदों के दीप जलाने आ गए,

नई सोच के साथ जमाना बदलाने आ गए।

हम हैं देश के युवा, उम्मीद हमारी,

हर मुश्किल को हराने आ गए।


जोश है, जुनून है, नई उड़ान है,

हर बाधा को पार करने का अरमान है।

युवाओं की ताकत है देश की शान,

हमारे सपनों से बनेगी नई पहचान।


दिल में है जोश, आँखों में है चमक,

हर ओर फैलाएँ रोशनी की झलक।

युवा हैं हम, बदलेंगे कहानी,

विश्व में लहराएँ भारत की निशानी।


आंधियों से न डर, तू चट्टान बन,

संघर्ष से ही मिलता है सम्मान बन।

युवा दिवस पर ले प्रतिज्ञा ये आज,

अपने कर्मों से कर देश का काज।


हर कदम पर नया इतिहास बनाएँगे,

नई सोच से दुनिया जगमगाएँगे।

युवा शक्ति से ये धरती भी झुक जाएगी,

हमारी मेहनत से हर रुकावट हट जाएगी।

युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद के विचार

स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को जीवन में प्रेरित करने और सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए कई महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए। उनके विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। यहाँ स्वामी विवेकानंद के कुछ प्रमुख विचार दिए गए हैं:

1. स्व-शक्ति में विश्वास

"उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"

यह विचार युवाओं को उनकी अपार शक्ति का एहसास कराता है और उन्हें आत्मविश्वास से भरता है।

2. जीवन का उद्देश्य

"जीवन में एक उद्देश्य तय करो, और पूरे शरीर, मन और आत्मा को उस पर केंद्रित कर दो। सफलता निश्चित है।"

यह विचार बताता है कि स्पष्ट लक्ष्य और समर्पण से ही सफलता मिलती है।

3. कर्म का महत्व

"एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, और उसे जीओ। सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी।"

स्वामी विवेकानंद कर्म पर जोर देते थे और युवाओं से मेहनत और लगन की अपेक्षा करते थे।

4. डर को छोड़ो

"डरो मत। अगर तुम डरते हो तो तुम्हें कोई शक्ति नहीं मिल सकती।"

उनका यह संदेश युवाओं को हर परिस्थिति में साहसी बनने की प्रेरणा देता है।

5. आत्मा की शक्ति

"तुम्हें खुद पर भरोसा करना चाहिए। अगर तुम अपनी आत्मा में विश्वास नहीं करोगे, तो भगवान में विश्वास करना असंभव है।"

यह विचार आत्मविश्वास और आत्म-चेतना को बढ़ावा देता है।

6. युवाओं की भूमिका

"युवाओं में असीम शक्ति है। यदि वे इसे पहचान लें, तो दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं।"

स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को देश और समाज का भविष्य माना और उन्हें अपनी शक्ति को पहचानने का संदेश दिया।

7. सेवा और परोपकार

"जब तक लाखों लोग भूखे और अशिक्षित हैं, मैं उस हर व्यक्ति को गद्दार मानता हूँ जो उनके लिए कुछ नहीं करता।"

यह विचार युवाओं को समाज सेवा और दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरित करता है।

8. सकारात्मक सोच

"हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार जीवित रहते हैं और दूर तक यात्रा करते हैं।"

यह विचार सकारात्मक सोच के महत्व को उजागर करता है।

स्वामी विवेकानंद के ये विचार युवाओं को आत्मनिर्भर, साहसी, और प्रेरित व्यक्ति बनने की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

भटकती युवा पीढ़ी पर कविता

भटकती युवा पीढ़ी

सपनों के सागर में गोते लगाती,

जीवन की राहें भटकती जाती।

जोश और जुनून में भरपूर,

पर दिशा की कमी से होती मजबूर।


तकनीक की दुनिया में डूबी,

मूल्य और संस्कारों से दूर हुई।

संवेदनाएँ दिल से मिट रही,

चमक-दमक में खो रही।


शिक्षा के मंदिर अब व्यापार बन गए,

संस्कार के पाठ जैसे लुप्त हो गए।

जीवन का अर्थ भूलती चली,

बस भौतिक सुखों में उलझी रही।


कहाँ हैं वो ऊर्जा, वो शक्ति,

जो बदल दे समाज की दुविधा की स्थिति?

जरूरत है नई राह दिखाने की,

जीवन के सही अर्थ समझाने की।


युवा हो तुम, उम्मीद का दीप जलाओ,

अपने कर्म से समाज को नयी राह दिखाओ।

संस्कार और सद्गुण को अपनाओ,

भटकते जीवन को सही दिशा दिखाओ।

राष्ट्रीय युवा दिवस पर कविता

राष्ट्रीय युवा दिवस पर कविता


उठो, जागो, बढ़ो आगे,

सपनों को अब साकार करो।

युवा शक्ति के दम से अपने,

विश्व में नाम उद्गार करो।


स्वामी विवेकानंद का संदेश,

हर दिल में आज जगाना है।

संघर्ष से हर बाधा हराकर,

नए युग को अब लाना है।


हौंसले बुलंद, कदम मजबूत,

संकल्प हमारा अडिग रहे।

ज्ञान, कर्म, और सच्चाई से,

हर देश का युवा विकसित रहे।


आओ मिलकर हाथ बढ़ाएँ,

एकता का संदेश दें।

राष्ट्र निर्माण की राह पर चलकर,

समृद्धि का हर रंग लें।


राष्ट्रीय युवा दिवस का पर्व,

हमें प्रेरणा देने आता है।

नवयुग के सपनों का दीप,

हर युवा मन में जलाता है।

राष्ट्रीय युवा दिवस निबंध (national youth day essay)

राष्ट्रीय युवा दिवस हर वर्ष 12 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन महान भारतीय संत, विचारक और समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को समाज और देश की प्रगति के लिए प्रेरित किया। उनका जीवन, उनके विचार और उनकी शिक्षाएँ आज भी युवाओं के लिए मार्गदर्शक हैं।

राष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास

भारत सरकार ने वर्ष 1984 में स्वामी विश्वनाथ के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया। 1985 से इसे पूरे देश में बड़े पैमाने पर मनाया गया। यह दिन युवाओं को उनके कट्टरपंथियों और अनुयायियों की यादों के साथ-साथ स्वामी विवेकानंद के विचारों को धोखा देने का अवसर भी प्रदान करता है।

स्वामी विवेकानंद और किशोरों का महत्व

स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण का मुख्य आधार माना। उनका मानना ​​था कि यदि युवाओं को अपनी शक्ति और ऊर्जा सही दिशा में मिले, तो कोई भी देश प्रगति के शिखर पर पहुंच सकता है। उनके प्रसिद्ध शब्द, "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो," युवाओं को कड़ी मेहनत और अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देते हैं।

राष्ट्रीय युवा दिवस का उद्देश्य

राष्ट्रीय युवा दिवस का मुख्य उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर, आत्मनिर्भर और जिम्मेदार नागरिक बनाना है। इस दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, जैसे:

1. प्रेरणादायक भाषण: स्वामी विवेकानंद के विचारों पर चर्चा की जाती है।

2. युवाओं के लिए प्रतियोगिताएँ: निबंध लेखन, वाद-विवाद और सांस्कृतिक कार्यक्रम।

3. सामाजिक जागरूकता अभियान: पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, एवं स्वास्थ्य जैसे विषय।

राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व

किसी भी देश के विकास में युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे समाज में सकारात्मक बदलाव और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने की क्षमता रखते हैं। इस दिन युवाओं को यह संदेश दिया जाता है कि वे स्वामीजी के आदर्शों का पालन करते हुए अपने कौशल और प्रतिभा का उपयोग समाज और राष्ट्र के हित में करें।

स्वामी विवेकानंद के मुख्य संदेश

"उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो।"

आत्म-निर्भरता और आत्म-विश्वास का विकास।

शिक्षा का उद्देश्य न केवल ज्ञान प्राप्त करना है, बल्कि चरित्र का निर्माण भी है।

यह भी पढ़ें:

👉 विश्व रक्तदान दिवस क्यों और कब मनाया जाता है

निष्कर्ष 

उचित शिक्षा और नैतिक मूल्य आज युवाओं की प्रमुख समस्याओं को हल कर सकते हैं । समाज में बड़ों को आगामी युवाओं के लिए धार्मिक मार्ग दिखाना होगा। स्वामी विवेकानंद जी का एक सन्देश है..... 

जीवन में जोखिम उठाये यदि, आप जीतते हैं तो नेतृत्व कर सकते हैं। अगर आप हार गए तो, मार्गदर्शन कर सकते है।

यह हर युवा को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

यह भी पढ़ें:

👉 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कैसे और कब हुई?

दोस्तों आज की इस लेख में बस इतना ही था अगर आपको ये लेख पसंद आई है तो हमें कमेंट करके बताएं कैसा लगा  और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर FACEBOOK और TWITTER पर Share कीजिये और ऐसे ही नई जानकारी पाने के लिए हमें SUBSCRIBE जरुर करे।

🙏 धन्यवाद 🙏

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

जय श्री राम
सभी हिन्दू भाइयो का हमारे ब्लॉग राहुल गुप्ता कट्टर हिन्दू में स्वागत है हमसे जुड़ने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद आप अपनी प्रतिक्रिया हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य दे जिससे हम अपने ब्लॉग के अंदर और बहुत सारी जानकारी आपको प्रदान कर सके|