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राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) कब मनाया जाता है | yuva diwas in hindi

विश्व में भारतीय संस्कृति का परचम लहराने वाले सम्पूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति की सुगन्ध बिखेरने वाले युवा सन्यासी, प्रकाण्ड विद्वान “युग प्रवर्तक” स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के शुभ-अवसर पर उन्हें कोटि-कोटि नमन देश के समस्त युवाओं को "राष्ट्रीय युवा दिवस" की हार्दिक शुभकामनाएं।  
राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) कब मनाया जाता है
राष्ट्रीय युवा दिवस 


संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है, असम्भव से आगे निकल जाना।

ऐसा सन्देश युवाओं को देने वाले प्रेरणास्त्रोत, समाजसुधारक 'स्वामी विवेकानंद' जी है।
राष्ट्रीय युवा दिवस National Youth Day युवाओं के लिए समर्पण दिवस है। यह अलग-अलग देशो द्वारा अलग-अलग तारीखों में मनाया जाता है। भारत 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस National Youth Day के रूप में मनाता है। संयुक्त राष्ट्र 12 अगस्त को को राष्ट्रीय युवा दिवस Yuva Diwas मानाने के लिए समहत हुआ।

इस लेख के जरिये हम राष्ट्रीय युवा दिवस (rashtriya yuva diwas) और युवा की शक्तियों के बारे में जानेंगे। किसी भी देश का भविष्य युवाओं पर निर्भर रहता है। नई प्रतिभा के आ जाने से न केवल देश की प्रतिभा होगी बल्कि देश का विकास भी सही राह पर होता है। देश के युवाओं को सही मार्गदर्शन के लिए हर साल भारत में 12 जनवरी को युवा दिवस Youth Day मनाया जाता है। युवाओं को प्रेरणात्मक सन्देश देते है स्वामी विवेकानंद जी

स्वामी विवेकानंद जी का जीवन परिचय - Swami Vivekananda in Hindi  

स्वामी विवेकानंद Swami Vivekanand जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था, उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस थे, उन्होंने 25 वर्ष की अवस्था में गेरुवा वस्त्र पहन लिया था, तत्पश्चात उन्होंने पैदल ही पूरे भारत वर्ष की यात्रा की उन्होंने सन 1893 में अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्वधर्म सम्मेलन में हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व किया, गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने उनके बारे में कहा था। 

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स्वामी विवेकानंद जयंती

यदि आप भारत को जानना चाहते है तो विवेकानंद को पढ़िए, उनमे आप सब कुछ सकारात्मक ही पाएंगे नकारात्मक कुछ भी नहीं',महात्मा गौतम बुद्ध के बाद स्वामी विवेकानंद देश के पहले धार्मिक, संस्कृति राजदूत थे, उन्होंने दिखाया कि विश्व संस्कृति में भारत का बहुत बड़ा योगदान है उन्होंने एक पहचान दी कि हम कौन है और भारतीय संस्कृति क्या है। 
इतना ही नहीं उन्होंने हिन्दू धर्म की एकीकरण में भी अहम भूमिका निभाई, उन्होंने अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं का प्रचार करने के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, और आधुनिक विश्व के संदर्भ में की प्राचीन हिन्दू शास्त्रों की व्याख्या की, उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई। 

उन्होंने युवाओं को चरित्र निर्माण की ओर प्रेरित किया और कहा "मनुष्य को महान बनने के लिए संदेह, ईष्या, एवं द्वेस छोड़ना होगा" साथ ही उनका मानना था कि आत्मा का कोई लिंग नहीं होता है अतः समाज में महिलाओं का वही स्थान और सम्मान होना चाहिए जो पुरुषों का होता है स्वामी विवेकानंद ने युववर को चरित्र निर्माण के लिए पांच सूत्र दिए।
  1. आत्मविश्वास 
  2. आत्मत्याग 
  3. आत्मसंयम 
  4. आत्मनिर्भरता 
  5. आत्मज्ञान

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इसमें कोई सन्देह की बात नहीं है कि स्वामी विवेकानंद जी ने भारतीय संस्कृति को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान दी इसी लिए जब सयुक्त राष्ट्रीय संघ द्वारा 1985 को अंतराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया, तब इस बात को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार ने घोषणा की थी कि सन 1985 से हर वर्ष 12 जनवरी यानि स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को देश भर में राष्ट्रीय युवा दिवस National Youth Day के रूप में मनाया जाय क्युकी स्वामी जी का दर्शन उनका जीवन तथा कार्य एवं उनके आदर्श भारतीय युवकों के लिए प्रेरणास्त्रोत साबित सकते थे।  

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राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है? Why is National Youth Day celebrated?

युगपुरुष, वेदांत दर्शन के पुरोधा,मातृभूमि के उपासक, विरले करोगी, दरिद्रनारायण मानव सेवक, टिफनी हिन्दू साधु,करोड़ो युवाओं के प्रेरणास्रोत व प्रेरणाकुंज स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस को पुरे भारत देश में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

उनका जन्म कलकत्ता में उस समय हुआ था, जब यूरोपी देशो में भारतीयों और हिन्दू धर्म के लोगों को हीनभावना से देखा जा रहा था वे समस्त समाज उस समय दिशाहीन हो चूका था। भारतीयों पर अंग्रेजियत हावी हो रही थी तब स्वामी विवेकानंद ने जन्म लेकर न केवल हिन्दू धर्म को अपना गौरव लौटाया अपितु विश्व फलक पर भारतीय संस्कृति व सभ्यता का परचम भी लहराया।
साथ ही युवा पीढ़ी अपनी ऊर्जा के सपनों को किस तरह सकारात्मक रूप में ढालती है, यह भी बेहद महत्वपूर्ण है। अंततः हमे युवा शक्ति की सकारात्मक ऊर्जा का संतुलित उपयोग करना होगा। कहते हैं की युवा वायु के सामान होता है। जब वायु पुरवाईके रूप में धीरे-धीरे चलती है तो सबको अच्छी लगती है। सबको बर्बाद कर देने वाली आंधी किसी को भी अच्छा नहीं लगता है।

हमें इस पुरवाई का उपयोग विज्ञानं, तकनीक, शिक्षा और अनुसन्धान के क्षेत्र में करना होगा। यदि हम इस युवा शक्ति का सकारात्मक उपयोग करेंगे तो विश्व गुरु ही नहीं, अपितु विश्व का निर्माण करने वाले विश्वकर्मा के रूप में भी जाने जायेंगे।

National Youth Day
किसी  शायर ने कहा है..... 
युवाओं के कंधों पर युग की कहानी चलती है,
इतिहास उधर मुड़ जाता है जिस ओर ये जवानी चलती है।

राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है? When is National Youth Day celebrated?

किसी भी देश का भविष्य उसके युवाओं पर निर्भर करता है, एक नई प्रतिभा के आ जाने से ना देश की प्रगति होती है बल्कि देश का विकास भी सही राह पर होता है, देश के युवाओं के सही मार्गदर्शन के लिए हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद Swami Vivekanand के याद में भारत में प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस National Youth Day मनाया जाता है। लेकिन आज भारत की युवा ऊर्जा अंगड़ाई ले रही है और भारत विश्व में सर्वाधिक युवा जनसंख्या वाला देश माना जा रहा है। इसी युवा शक्ति में भारत की ऊर्जा अंतरनिहित है।
इसलिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने इंडिया 2020 नाम की अपनी कृति में भारत के एक महान राष्ट्र बनने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित की है। पर महत्त्व इस बात का है कि कोई भी राष्ट्र अपनी युवा पूंजी का भविष्य के लिए निवेश किस रूप में करता है?
हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व देश के युवा बेरोजगारों की भीड़ को एक बोझ मनाकर उसे भारत की कमजोरी के रूप में निरूपित करता है या उसे एक कुशल मानव संसाधन के रूप में विकसित करके एक स्वाभिमानी, सुखी, समृद्ध और सशक्त राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनाता है। यह हमारे राजनीति नेतृत्व की राष्ट्रीय व सामाजिक सरोकारों की समझ पर निर्भर करता है।

राष्ट्रीय युवा दिवस भारत में कैसे मनाया जाता है

इस दिन देश भर के विद्यालयों एवं महाविद्यालो में तरह-तरह के कार्यक्रम होते है, रैलियां निकाली जाती है, योगाभ्यास करवाया जाता है, व्याख्यान होते है, पूजा पाठ होता है और विवेकानन्द सहित्य की प्रदर्शनी लगती है, इसके अलावा स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस के अवसर पर देश भर में फैले रामकृष्ण मिशन के केन्द्रो एवं वैलूर मठ में भारतीय संस्कृति और परंपरा को संवृद्ध करने हेतु कई कार्यकर्मो का आयोजन किया जाता है।

राष्ट्रीय युवा दिवस थीम - National Youth Day Theme 2023

राष्ट्रीय युवा दिवस 2023 का विषय - "विकसित युवा विकसित भारत" है ।

स्वामी विवेकानंद जी के बारे में कुछ रोचक तथ्य - Swami Vivekananda Message for the Youth today

  • बचपन में विवेकानंद जी की माँ ने उनका नाम वीरेश्वर रखा था तथा उन्हें बीली कहकर बुलाती थी बाद में उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त हो गया।
  • अपने पिता के मृत्यु के बात स्वामी जी का जीवन गरीबी में बीता कई बार उनके माँ और बहन को प्रत्येक दिन के भोजन के लिए बहुत जयदा संघर्ष करना पड़ता था इसीलिए स्वामी जी कई बार दो-दो दिन तक भूखे रहते थे ताकि परिवार के अन्य लोगो को पर्याप्त भोजन मिल सके।
  • बा की डिग्री होने के बावजूद स्वामी विवेकानंद जी को बहुत ज्यादा नौकरी की तलाश में भटकना पड़ा जिसके कारण वे लगभग नास्तिक हो गये थे और उनका भगवान पर ले विश्वास भी उठ गया था।
  • स्वामी विवेकानंद जी में इतनी ज्यादा सादगी थी 1896 में उन्होंने लंदन में कचैड़िया भी बनाई थी।
  • स्वामी विवेकानंद जी ने भविष्यवाणी की थी की वे 40 वर्ष की आयु को प्राप्त नहीं कर पाएंगे उनकी ये बात सच तब जबित हुई जब 4 जुलाई 1902 को 39 वर्ष के थे अपने प्राण त्याग दिए उन्होंने समाधि की अवस्था में अपने प्राण त्यागे उनकी मृत्य की वजह तीसरी बार दिल का दौरा था।
  • एक बार स्वामी विवेकानंद जी विदेश गये जहां उनसे मिलने के लिए बहुत सारे लोग आये थे उन लोगो ने स्वामी विवेकानंद जी से अपना हाथ मिलाने के लिए हाथ को आगे किया और इग्लिश में हेलो बोला जिसका जबाब स्वामी जी ने बड़ी विनम्रता से अपने दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते कह कर दिया।

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नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद कैसे बने?

नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद Swami Vivekananda बनने का सफर उनके ह्रदय में उठते सृष्टि व ईश्वर को लेकर सवाल  पर अपार जिज्ञासाओं का ही साझा परिणाम था। बचपन में नरेंद्र का हर किसी से यह सवाल पूछना क्या आपने भगवान को देखा है? क्या आप मुझे भगवान से साक्षात्कार करवा सकते हैं? 
लोग बालक के ऐसे सवालों को सुनकर न केवल मौन हो जाते, अपितु कभी-कभार जोरों से हसने भी लगते थे। पर नरेंद्र का सवाल हंसी-बौछारों के बाद भी वही रहता - क्या आपने भगवान को देखा है? समय की करवट के साथ ही नरेंद्र, स्वामी रामकृष्ण परमहंस से जा मिले और वही सवाल दोहराते है - क्या आपने भगवान को देखा है?

तब उन्हें उत्तर मिलता है - हाँ! जरूर क्यूं नहीं।रामकृष्ण परमहंस ने नरेंद्र को माँ काली के दर्शन करवाए और नरेंद्र ने माँ काली से तीन वरदान मांगे ज्ञान, भक्ति और वैराग्य। यहाँ से ही नरेंद्र के मन में अंकुरित होता धर्म और समाज परिवर्तन का बीज वटवृक्ष में तब्दील होने लगता है।

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स्वामी विवेकानंद Swami Vivekanand देश के कोने-कोने गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस के आशीर्वाद से धर्म, वेदांत और संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने के लिए निकल पड़ते है। इसी श्रृंखला में स्वामी विवेकानंद का राजस्थान भी आना होता है। यही खेतड़ी के महाराजा अजित सिंह ने उन्हें विवेकानद नाम दिया और सर पर स्वाभिमान केसरिया पगड़ी पहनाकर अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म परिषद् में हिन्दू धर्म व भारतीय संस्कृति शंखनाद करने के लिए भेजा।
स्वामी विवेकानंद Swami Vivekananda को विश्व धर्म परिषद में पर्याप्त समय नहीं दिया गया। किसी प्रोफ़ेसर की पहचान से अल्प समय के लिए स्वामी विवेकानंद को शून्य पर बोलने के लिए कहा गया। अपने भाषण के प्रारम्भ में जब स्वामी विवेकानंद ने अमेरिकी भाइयों और बहनो कहा तो सभा के लोगों के बीच करबद्ध ध्वनि से पूरा सदन गूंज उठा। उनका भाषण सुनकर विद्वान चकित हो गए। यहाँ तक कि वहां के मीडिया ने उन्हें साइक्लॉनिक हिन्दू का नाम दिया।

स्वामी विवेकानंद ने कैसे किया अपने ब्रह्मचर्य का पालन?

यह स्वामी जी के वाक्य शैली का ही प्रभाव था जिसके कारण एक विदेशी महिला ने उनसे कहा - मैं आपसे शादी करना चाहती हूँ? विवेकानंद ने पूछा - क्यों देवी? पर मैं तो ब्रह्मचारी हूँ? महिला ने जवाब दिया - क्योकि मुझे आप जैसा ही एक पुत्र चाहिए? जो दुनिया में मेरा नाम रोशन करेंऔर वो केवल आपसे शादी करके ही मिल सकता है मुझे।
विवेकानंद कहते है इसका और एक उपाय है विदेशी महिला पूछती है - क्या? विवेकानंद ने मुस्कुराते हुए कहा - आप मुझे ही अपना पुत्र मन लीजिये और आप मेरी माँ बन जाइये। ऐसे में आपको मेरे जैसा पुत्र भी मिल जायेगा और मुझे अपना ब्रह्मचर्य भी नहीं तोड़ना पड़ेगा। महिला हतप्रभ होकर विवेकानंद को ताकने लगी। 

युवाओं का महत्त्व 

युवा सशक्तिकरण गरीबी को एक महत्वपूर्ण स्तर तक कम करने में मदद कर सकता है। युवाओं के सशक्तिकरण की एक कुंजी कौशल विकास है। जब युवा सशक्त होते है तो वे शिक्षा के महत्त्व को समझते है और इस क्षेत्र के उत्थान में मदद करते है। युवा सशक्तिकरण कार्यक्रमों के लाभकारी परिणामों में सुधार किया जाता है

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 सामाजिक कौशल, व्यवहार, बढ़ी हुई शैक्षिक उपलब्धि, आत्म-सम्मान, आत्म प्रभावकारिता। इस समाज के लिए युवाओं की अहम् भूमिका है। युवाओं की शक्ति पुरे देश के लिए सामान्य धन है। युवाओं के चेहरे हमारे अतीत, वर्तमान और भविष्य के चेहरे है। समाज में कोई भी वर्ग युवा लोगों की इच्छाशक्ति, आदर्शवाद, उत्साह और साहस के साथ मेल नहीं खाएगा। 

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क्यों युवा दुनिया को बदल सकते है 

युवाओं के पास एक बेहतर दुनिया को आकर देने के लिए विचार, रचनात्मकता और महान ऊर्जा है। नवाचार और कल्पना के माध्यम से युवा आशा से भरे हैं। वे समस्या हल करने वाले है और संभावित सामाजिक परिवर्तन उत्पन्न करने की बड़ी क्षमता रखते है।

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आज की युवाओं की समस्या क्या है? 

अब एक दिन युवा दो प्रमुख सामाजिक समस्याओं के संपर्क में है जो उनके जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते है। ये सामाजिक समस्याएं ड्रग्स और हिंसा हैं हालाँकि एक उन समस्याओं के संपर्क में नहीं आना चाहता है।

स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु 

4 जुलाई 1902 को स्वामी विवेकानंद पंचतत्व में विलीन हो गये, पर अपने पीछे वे असंख्यक युवाओं के सीने में आग जला गए, जो इंकलाब कर्मण्यता को निरंतर प्रोत्साहित करता रहेगा। युवाओं को गीता के श्लोग के बदले मैदान में जाकर फुलबॉल खेलने की नसीहत देने वाले स्वामी विवेकानंद सर्वकालिक प्रासंगिक रहेंगे।

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निष्कर्ष 

उचित शिक्षा और नैतिक मूल्य आज युवाओं की प्रमुख समस्याओं को हल कर सकते हैं । समाज में बड़ों को आगामी युवाओं के लिए धार्मिक मार्ग दिखाना होगा। स्वामी विवेकानंद जी का एक सन्देश है..... 

जीवन में जोखिम उठाये यदि, आप जीतते हैं तो नेतृत्व कर सकते हैं। अगर आप हार गए तो, मार्गदर्शन कर सकते है।

यह हर युवा को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

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