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होली कब है? जाने होलिका दहन मुहुर्त, पूजा विधि, शुभ योग और इस दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में

होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन की परंपरा है। रंगो और मेल-मिलाप का यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है जो एक ऐसा पर्व है जिसमें रंगों के माध्यम से संस्कृति के रंग में सारी भिन्नताएं मिट जाती है। होली के आठ दिन पहले होलाष्टक प्रारम्भ होते है। जिसमें किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते है।

आज हम आपको साल 2022 में रंगो के पर्व होली की सही तिथि, Holi kitne tarikh ki hai, होली कब है, होली कितनी तारीख की है, होली 2022 कब है, holi ke bare mein, होली कब की है, 2022 me holi kab hai, शुभ मुहूर्त, होलिका दहन, पूजा विधि, होलाष्टक कब से है और होली पूजन नियमो के बारे में बताएंगे। 

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होली की कहानी 

होली   (Holi 2021) कब है? जाने होलिका दहन मुहुर्त, पूजा विधि, शुभ योग और इस दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में

होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2022 - होली कब है 2022 

  • साल 2022 में होली का पर्व - 17 और 18 मार्च को मनाया जायेगा। 
  • 17 मार्च को होलिका दहन और 18 मार्च को रंगवाली होली मनाया जायेगा। 
  • होलिका दहन शुभ मुहूर्त - 17 मार्च रात्रि 9 बजकर 6 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक। 
  • भद्रा पूंछ समय - 17 मार्च रात्रि 9 बजकर 6 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक।
  • भद्रा मुख समय - रात्रि 10 बजकर 16 मिनट से सुबह 12 बजकर 13 मिनट तक।
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगा - 17 मार्च दोपहर 1 बजकर 29 मिनट पर। 
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त होगा - 18 मार्च दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर। 

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होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2021

होली शुभ योग 2022

इस बार होली बेहद शुभ होगी क्योंकि इस बार होली पर सर्वार्थ सिद्धि योग, ध्रुव योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है जिसे बेहद शुभ माना जाता है। वही ज्योतिष अनुसार अगर ग्रहों की बात करें तो होली के दिन चन्द्रमा कन्या राशि शनि और गुरु ही राशि मकर में विराजमान रहेंगे तो वहीं शुक्र और सूर्य में दोनों मीन राशि में रहेंगे। मीन राशि में रहेंगेआग्रहो का यह अद्भुत योग होली के पर्व के महत्त्व को कई गुना अधिक बढ़ाने वाला होगा। इस बार होलिका दहन के समय वृद्धि योग बनेगा जो कि शुभ कार्यों में वृद्धि और उन्नति के मार्ग खोलेगा। 

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होलिका दहन पूजा विधि

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस त्यौहार में होलिका दहन का विशेष महत्त्व होता है। होलिका दहन करने से पहले होली पूजन की परम्परा है। होली पूजन के शुभ मुहूर्त में पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठे और फिर होलिका पूजन के लिए माला, रोली, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, हल्दी, मुंग बतासे, गुलाल, नारियल पञ्च प्रकर के अनाज में गेहूं की बालियां और एक लोटे में जल लेकर होलिका के चारो ओर परिक्रमा करें और इस दौरान कच्चा सूत होलिका में लपेटते जाय परिक्रमा पूरी होने के बाद होलिका दहन करना चाहिए। 

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होलाष्टक 2022 में कब से है

होली से ठीक आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाते है। पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू होते है। साल 2022 होलाष्टक 10 मार्च से 17 तक रहेगे। मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान शादी, विवाह, वाहन खरीदना या घर खरीदना व अन्य शुभ कार्य नहीं किये जाते है। जबकि होलाष्टक में पूजा पाठ व भगवान का स्मरण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इससे जीवन में धन लाभ होता है। 

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होलिका दहन के जरूरी नियम

  • शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे जरूरी नियम बताए गए है जिनका पालन होलिका दहन के समय अवश्य ही करना चाहिए। 
  • पहला नियम उस दिन भद्रा नहीं होना चाहिए। 
  • दूसरा पूर्णिमा प्रदोषकाल व्यापनी होना चाहिए अर्थात उस दिन सूर्यास्त के बाद तीन मुहूर्तों में पूर्णिमा तिथि जरुर होना चहिए। 
  • होलिका दहन के अगले दिन रंग खेलने का विधान है जिसे सभी के साथ अबीर गुलाल के साथ खेलना चाहिए। 

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होली के दिन करें ये उपाय

कहते है की हर तरफ संकट से बचने, आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए किये जाने वाले उपायों की दृष्टि से होली का दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है इसलिए हम सभी को इस दिन कुछ न कुछ उपाय जरूर करने चाहिए तो आइये जानते है इस बार होली पर बन रहे शुभ योगों के चलते कौन-कौन से उपाय है जिन्हे करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है। 

  • किया जा सकता है ाहॉलिका दहन के दिन परिवार के सभी सदस्यों को होलिका की तीन या सात परिक्रमा करें। 
  • होलिका अग्नि में चना, मटर, गेहूं, लौंग, बातसे या फिर अलसी के बीज डालने चाहिए। इससे अयोग्य की प्राप्ति के आलावा धन लाभ भी होता है। 
  • होलिका दहन की रात्रि शिव पूजन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है। 
  • होलिका दहन के बाद उसकी राख से तिलक करने से आर्थिक स्तिथि में सुधार होता है। 
  • होली पर बन रहे शुभ योगों में माँ लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए पूजा में हल्दी और पीली कौड़ियां उन्हें जरूर अर्पित करें। 

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