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दूर्वा अष्टमी कब है जाने शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्त्व के बारे में

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पंचांग के अनुसार दूर्वा अष्टमी - Durva Ashtami  का पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है ।  इस दिन दूर्वा घास का पूजन करने की परंपरा है ।  मान्यता है कि दूर्वा अष्टमी के दिन दूर्वा की पूजा करने से व्यक्ति के सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और दूर्वा घास की ही तरह उसके परिवार व कुल की वृद्धि होती है ।  दूर्वा अष्टमी एक ऐसा खास व्रत व त्यौहार है जो दूर्वा घास को समर्पित है दूर्वा घास जिसे शास्त्रों में मात्र घास नहीं मन जाता  बल्कि  इसका धार्मिक दृष्टि से भी  विशेष महत्त्व है । दूर्वा घास का प्रयोग हिन्दू अनुष्ठानो में किया जाता है  इसे बहुत ही शुद्ध माना जाता है गणेश जी को दूर्वा अतिप्रिय है। दूर्वा के बिना भगवान गणेश जी की पूजा अधूरा माना जाता है इसलिए जो भी इस दिन व्रत रखकर दूर्वा की पूजा करता है तो उसके जीवन में सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहती है। आज इस लेख में हम आपको दूर्वा अष्टमी के शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्त्व और इस दिन सुख समृद्धि के लिए किये जाने वाले एक छोटे से उपाय के बारे मे...

गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है | Ganesh Chaturthi 2021 Shubh Muhurt, Pooja Vidhi, Mahatv in Hindi

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गणेश उत्सव का पर्व हर साल भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि से लेकर अनंत चतुर्थी तक चलता है। गणेश जी सभी देवों में प्रथम पूज्य है इसलिये हर शुभ कार्य से फले गणेश जी की आराधना की जाती है। हर साल भाद्रपद चतुर्थी पर लोग गणेश जी को अपने घर लाकर 10 दिनों तक उनकी आराधना के बाद ग्यारहवें दिन अनंत चतुर्थी पर धूमधाम के साथ उन्हे विसर्जन करते हैं। मान्यता है की इन 10 दिनों के दौरान की गयी पूजा बहुत फलदायी होती है।  पौराणिक कथाओं के अनुसार सभी देवताओं में सर्वप्रथम भगवान गणेश जी का पूजा करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणपति जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन हुआ था। इस दिन को हर साल Ganesh Chaturthi गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है इसे विनायक चतुर्थी भी कहते है। इसी दिन से पुरे देश में गणपति उत्सव का शुरुआत होगा। आज इस लेख में हम आपको भाद्रपद गणेश चतुर्थी पर्व की शुभ तिथि, ganesh chaturthi kab hai, गणेश स्थापना मुहूर्त, पूजा विधि, ganesh vrat vidhi, ganesh chaturthi puja vidhi in hindi, ganesh chaturthi in hindi, गणेश जी महाराज की आरती,...

हरतालिका तीज व्रत क्यों रखा जाता है | Hartalika Teej 2022 Date, Puja Vidhi, Mahatv, Vrat Katha in Hindi

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हरतालिका तीज साल में आने वाले सभी व्रत त्यौहारों में से एक है। तीज का यह व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन विशेष महत्वपूर्ण होता है। इस दिन महिलाएं 24 घंटे का निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव व माता पार्वती का पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना करती है।  इस दिन हस्त नक्षत्र में शिव-गौरी पूजा का विशेष महत्त्व है मान्यता है कि माता पार्वती भगवान शिव को वर के रूप में प्राप्त करने के लिए हरितालिका तीज का व्रत रखा था। यह व्रत कुवारी और सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा अखंड सौभाग्य के लिए रखा रखा जाता है, यह व्रत निर्जल रहकर किया जाता है। आज हम आपको इस लेख में साल 2022 हरितालिका तीज व्रत कब रखा जायेगा,  hartalika teej 2022 date,  पूजा का शुभ मुहूर्त,  hartalika teej 2022 in hindi,  पूजा विधि,  teej kyu manaya jata hai,  नियम,  तीज पर निबंध हिंदी में,  hartalika teej 2022 mein kab hai,  तीज का त्यौहार क्यों मनाया जाता...

जन्माष्टमी कब और क्यों मनाया जाता है? | krishna janmashtami 2022, Janmashtami in Hindi

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जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण की जयंती का त्योहार पर्व या   भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व   है, जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष  भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। प्राचीन कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म मथुरा नगरी में भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कंस के कारागृह में देवकी की आठवीं संतान के रूप में हुआ था। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की कृपा पाने के लिए भक्त उपवास रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं। कृष्ण भक्त हर साल उनके जन्मदिवस का यह उत्सव धूम-धाम से मनाते है और इस दिन व्रत, पूजा पाठ और जीवन में खुशहाली के लिए तरह-तरह के उपाय भी करते है। इस लेख में हम आपको आज साल 2022  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी  पर्व की शुभ तिथि,  Krishna Ashtami,  पूजा का शुभ मुहूर्त, पारण मुहूर्त,   janmashtami kab hai,    जन्माष्टमी कब है,  janmashtami in hindi,  krishna janmashtami in hindi,...

भाद्रपद माह संकष्टी चतुर्थी 2021 शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा एवं धन प्राप्ति के लिए करें ये उपाय

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शास्त्रों के अनुसार जिस तरह सावन माह में आने वाले व्रत त्यौहारों का विशेष महत्त्व है ठीक उसी तरह भाद्रपद माह के व्रत त्यौहार भी बेहद खास माने गए है। इन्ही व्रत त्यौहारों में से एक है भाद्रपद माह में आने वाला संकष्टी चतुर्थी । पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। इस दिन बल, बुद्धि व विद्या के देवता श्री गणेश जी का पूजन किया जाता है। कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी का यह व्रत सभी संकटों को हरने वाला होता है। आज इस लेख में हम आपको भाद्रपद माह में आने वाली संकष्टी चतुर्थी व्रत की शुभ तिथि, पूजा का मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन सुख-समृद्धि  धन प्राप्ति के लिए किये जाने वाले उपाय व कार्यो के बारे में बताएंगे। यह भी पढ़ें:   सकट चौथ (Sakat Chauth) कब है जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और इस दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में  भाद्रपद मास संकष्टी चतुर्थी व्रत  संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021  साल 2021में संकष्टी चतुर्थी का व्रत  - 25 अगस्त बुधवार के दिन रखा जायेगा। संकष्टी चतुर्थी पूजा ...

सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर चढ़ाये 1 चीज तुरंत होगा मनोकामना पूर्ण

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सावन का महीना भगवान् भोलेनाथ को अति प्रिय है और 16 अगस्त 2021 को सावन का चौथा सोमवार होगा ।  सुबह ०७ बजकर १० मिनट तक सप्तमी तिथि रहेगा और इसके बाद अष्टमी तिथि लग जायेगा । इस दिन चित्र नक्षत्र और वाणिज्य करण योग रहेगा इसलिए इस दिन की पूजा और शुभ और फलदाई रहेगा । इस दिन अगर आप कुछ उपाय करेंगे तो आपको उन्नति, यश और मान-सम्मान में वृद्धि होगा और भूमि भवन का भी प्राप्ति होगा ।  य ह भी पढ़ें: सावन माह का अंतिम सोमवार इस दिन ना करें ये कार्य | Sawan Somvar Vrat Vidhi in Hindi सावन का चौथा सोमवार  सावन का तीसरा सोमवार एवं सोमवती अमावस्या आज किया हुया एक काम बनायेगा धनवान  देवों के देव भगवान भोलेनाथ सच्चे मन से की गई पूजा को स्वीकार करते है । आप जिस  भी मनोकामना से शिव मंदिर जायेंगे भोलेनाथ आपकी मनोकामना अवश्य भी पूरा करेंगे । भोलेनाथ की आराधना करने का सबसे खास दिन सोमवार का होता है । इस दिन शिवलिंग की पूजा जरूर करना चाहिए और अपनी मनोकामना भगवान भोलेनाथ से अवश्य करना चाहिए  सावन सोमवार पूजा के समय भूलकर भी न करें ये कार्य ...

हरियाली तीज क्यों मनाया जाता है और हरियाली तीज कब है जाने पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में | hariyali teej katha in hindi

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हरियाली तीज क्यों मनाया जाता है और हरियाली तीज कब है जाने पूजा विधि और विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में  हरियाली तीज या श्रावणी तीज का पर्व हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को मनाया जाता है, बहुत से जगहों पर इसे कजली तीज भी कहते है। सौभाग्य प्राप्ति के लिए रखे जाने वाले इस व्रत का सभी सुहागन महिलाओं के लिए खास महत्त्व होता है सावन महीने में आने के कारण ये हरियाली तीज के नाम से भी काफी प्रसिद्ध है। इस दिन महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर पति की लम्बी आयु और सौभाग्य की प्रार्थना करती है। य ह भी पढ़ें: नाग पंचमी कब है? | Nag Panchami 2021 Date, Pooja Vidhi, Story in Hindi हरियाली तीज हर साल सावन महीने की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है और इसे श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है। कई जगहों पर इसे कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत महिलाओं द्वारा सौभाग्य प्राप्ति के लिए रखा जाता है। सावन माह में आने के कारण इसे  हरियाली तीज भी कहते है । इस दिन सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर  माता पार्वती और भगवान शिव  ...