दुनिया में हर चीज का दिवस जरूर है और लोग अलग-लग दिवस को अलग-अलग उद्देश्य के साथ मनाते भी हैं। इन्ही दिवसों में से एक है विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस। विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस हर साल जून माह की 8 तारीख को मनाया जाता है। बताया जाता है की 8 जून को मनाये जाने वाले World Brain Tumor Day को सबसे पहले जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन द्वारा मनाया गया था। हर दिवस को मनाने के पीछे कोई न कोई उद्देश्य जरूर होता है और ऐसे ही ब्रेन ट्यूमर दिवस को मनाने के पीछे भी एक उद्देश्य है। इस दिवस पर विश्व के अनेक देशों में बीमारी से सम्बंधित जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। और साथ ही इस बीमारी उपचार एवं लक्षणों के बारे में भी जानकारियां दी जाती है।
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विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस |
विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस क्यों मनाया जाता है?
8 जून को पुरे विश्व में ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है। ब्रेन ट्यूमर जैसी समस्या विश्व भर में बढ़ती ही जा रही है। लोग रेडिएशन के संपर्क में अधिक रहते हैं और धूम्रपान अधिक करते है, ऐसे लोगों को ब्रेन ट्यूमर का बहुत ज्यादा खतरा होता है। इन्ही लोगों को सचेत करने के लिए इस दिवस का आयोजन किया जाता है। विभिन्न देशों में कैंप लगाकर, रैलियां निकालकर लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जाता है। जो लोग इस बीमारी से जूझ रहे होते हैं और इलाज कराने में अक्षम होते हैं उनकी सहायता की जाती है। ब्रेन ट्यूमर अनुवांशिक भी हो सकता है इसलिए इसके प्रति समय रहते सावधान हो जाना बहुत जरुरी है।
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ब्रेन ट्यूमर है एक खतनाक बीमारी
मस्तिष्क में होने वाले कैंसर को ही ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। ये मनुष्य के घातक बिमारियों में से एक है। अगर इस बीमारी का समय रहते इलाज नहीं कराया जाता है तो यह बेहद घातक और जानलेवा भी साबित हो सकता है। अगर चिकित्सा विशेषज्ञों की माने तो सम्पूर्ण विश्व में हर रोज दस लोगों की ब्रेन ट्यूमर के कारण जान जाती है।
क्या है ब्रेन ट्यूमर?
हमारे मस्तिष्क में अचानक ही असामान्य कोशिकाओं का बढ़ना ब्रेन ट्यूमर कहलाता है। ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते है कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर के साथ होते है जो की बहुत खतनाक होते है और कुछ साधारण होते है। ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत मस्तिष्क से शुरू होता है और वही कैंसर शरीर के अन्य भागों से शुरू होते हुए हमारे दिमाग तक फ़ैल सकता है।
ब्रेन ट्यूमर एक खरतनाक बीमारी है और मनुष्य के मस्तिष्क में होने वाल कैंसर ही ब्रेन ट्यूमर होता है। बताया जाता है की जब मानव शरीर के भीतर अनावश्यक कोशिकाओं की वृद्धि हो और मानव शरीर को इनकी बिल्कुल भी आवश्यकता न हो तो यह छोटी-छति गांठों के रूप में परिवर्तित हो जाती है। यह अवस्था ही कैंसर का रूप ले लेती है।
हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबित भारत में ब्रेन ट्यूमर बहुत अधिक मात्रा में बढ़ता जा रहा है। भारत सरकार ने ब्रेन ट्यूमर को रोकथाम के लिए रोग का जल्दी पता लगाने, निदान और रोग के अंतिम चरण में उपचार प्रदान करने के लिए "राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम" की शुरुआत भी की है। इस कार्यक्रम में ब्रेन ट्यूमर से होने वाले लक्षणों, निदान, उपचार, देखभाल सम्बंधित कार्य होता है।
ब्रेन हमारे शरीर का अहम हिस्सा होता है। ऐसे में हमे ब्रेन से जुडी किसी भी समस्या को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। ब्रेन के साथ छोटी-सी भी लापरवाही हमारी जान को भी जोखिम में डाल सकता है। इसकी जानकारी के साथ ही ये भी बता दे की कभी-कभी अचानक हमारे ब्रेन में दिक्क्त होती है। जाँच करने पर पता चलता है कि ब्रेन ट्यूमर हुआ है।
यह किसी भी उम्र में हो सकता है। हमारा ब्रेन सेल्स से बना होता है। जब भी किसी कारण से ब्रेन की सेल्स का नियंत्रण बिगड़ने लगता है तो यह सेल्स खत्म होने लगती है। इसके बाद ब्रेन के काम में रूकावट पैदा होने लगती है। वहीं जब ब्रेन में अनियन्त्रित सेल्स तेजी से फैलती है तो कैंसर का रूप धारण कर लेती है।
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विश्व ब्रेन ट्यूमर मनाने का उद्देश्य
इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूकता फैलाना है। ब्रेन ट्यूमर की घटक स्थिति की जानकरी लोगों तक पहुँचाना है। यह महत्वपूर्ण है कि अधिक से अधिक लोग इस बीमारी के लक्षणों, उपचार और तथ्यों के बारे में जाने तभी वे इस रोग से बच सकते है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
हम आपको बताते है कि ब्रेन ट्यूमर होने पर क्या लक्षण नजर आने लगते हैं। जिसकी पहचान करना बहुत जरुरी है।
सिरदर्द होना
ब्रेन ट्यूमर होने पर आम लक्षणों में धीरे-धीरे सिरदर्द का बढ़ना, घबराहट या उलटी, धुंधली दृष्टि, दोहरी दृष्टि या दृष्टि की हानि, रोजमर्रा के मामलों में उलझन, व्यवहार में बदलाव, बोलने और सुनने में कठिनाई आदि आम लक्षण हैं। ब्रेन ट्यूमर के शुरुआत में सिर में तेज और लगातर दर्द का एहसास होता है। इसके बाद यह धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। इन बातों का पता लगते ही तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।
उल्टी आना
इतना तेज दर्द की सहन न कर पाना और इसके साथ ही उल्टी आना भी ब्रेन ट्यूमर का शुरुआती लक्षण है।
देखने, सुनने, बोलने में परेशानी
ब्रेन ट्यूमर होने पर देखने में भी परेशानी होने लगता है। अगर धुंधला दिखाई दें और रंगों को पहचानने में परेशानी तो तो समझ लेना चाहिए कि यह ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत है। इसकेअलावा ट्यूमर होने पर सुनने में भी समस्या होती है। जिन लोगों को ब्रेन के टेंपोरल लोब में ट्यूमर होता है, उनके सुनने की क्षमता कमजोर होना शुरू हो जाती है। वहीं जब बात करने में परेशानी आने लगे तो यह ट्यूमर के लक्षण हो सकता है।
दौरे पड़ना
ब्रेन ट्यूमर होने पर मांसपेशियों में ऐंठन महसूस हो सकती है। कभी-कभी ये ऐंठन बेहोशी के हालत में भी पहुंचा सकता है। यदि आपको ऐसा एहसास होता है तो जाँच करना चाहिए ताकि सही समय पर उपचार हो सके।
याददाश्त कमजोर होना
ब्रेन ट्यूमर होने पर दिमाग के सोचने और समझने की क्षमता पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। जिससे की हमारी याददाश्त कमजोर हो जाती है और हम बातों को भूलने लगते है।
शरीर के एक भाग में कमजोरी
शरीर के एक भाग में कमजोरी महसूस करना या फिर चेहरे के कुछ भाग में कमजोरी का एहसास होना ब्रेन ट्यूमर का कारण हो सकता है।
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ब्रेन ट्यूमर के प्रकार
- प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर सिर्फ ब्रेन के उसी हिस्से में बढ़ता है, जिसमे शुरू होता है।
- सेकंडरी ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत बरें के एक हिस्से में होती है लेकिन बाद में यह शरीर के दूसरे हिस्से जैसे - फेफड़े, ब्रेस्ट, किडनी, स्किन आदि में फैलने लगता है।
ब्रेन ट्यूमर के कुछ तथ्य
- ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को हो सकती है।
- अभी तक ब्रेन ट्यूमर का सही कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
- ब्रेन ट्यूमर किसी को भी हो सकता है चाहे वह महिला हो या पुरुष।
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ब्रेन ट्यूमर का उपचार
ब्रेन ट्यूमर का उपचार उसकी स्टेज पर निर्भर करता है। अगर प्रथम स्टेज में रोगी अच्छा उपचार ले लेता है तो वह इस समस्या से निजाद पा सकता है। फिर भी इसके कुछ उपचार है जो निम्न है।
- रेडियोथेरेपी
- सर्जरी/शल्प-चिकित्सा
- स्टेरॉयड
- कीमोथेरपी
- वेंट्रिकुलर पेरिटोनियल शंट
- एंटी-सीजर दवाएं
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