विश्व नेत्रदान दिवस कब मनाया जाता है? | World Eye Donation Day 2023, Uddeshy, Essay in Hindi
हर व्यक्ति यह चाहता है की ऐसा कुछ करे की मृत्यु के बाद भी समाज उसे याद करें या फिर वह अमर हो जाये, लेकिन अमर होने के लिए कुछ असाधारण काम करने होते है। जैसे में नेत्रदान, रक्दान, अंगदान इत्यादि। ये असाधारण कार्य करके मृत्यु के बाद भी जीवित रहने का यह मौका हर व्यक्ति को मिलता है परन्तु कितने लोग इन असाधारण कार्यों को अंजाम दे पाते है।
बहुत कम लोग लगभग न के बराबर। लेकिन अंतिम समय में व्यक्ति के यह बात जरुर आती है की काश! मैं भी कुछ असाधारण काम कर पाता या कर पाता, कुछ अच्छा काम कर पाता ताकि मेरा अगला जीवन बेहतर हो जाए। आज इस लेख में हम आपको विश्व नेत्रदान दिवस कब मनाया जाता है, राष्ट्रीय नेत्रदान दिवस पर निबंध, netradan par nibandh, नेत्रदान दिवस 2023, eye donation essay in hindi, क्या होता है नेत्रदान दिवस, नेत्र दान दिवस, नेत्रदान दिवस का उद्देश्य इत्यादि के बारे में आपको जानकारी देंगे।
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विश्व नेत्रदान दिवस या विश्व दृष्टिदान दिवस |
विश्व नेत्रदान दिवस या दृष्टिदान दिवस कब मनाया जाता है?
प्रत्येक वर्ष विश्व के विभिन्न देशों में नेत्रदान की महत्ता को समझते हुए 10 जून को विश्व नेत्रदान दिवस या विश्व दृष्टिदान दिवस (drishtidan divas) के रूप में मनाया जाता है। इसके जरिये लोगों में नेत्रदान करने की जागरुकता को फैलाया जाता है।
विश्व नेत्रदान दिवस 2023 (netradan diwas)
दूसरों की अंधेरी दुनिया को रोशन करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 10 जून को विश्व नेत्रदान मनाया जाता है। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद नेत्रदान करने वालों के आंकड़े बहुत संतोषप्रद नहीं हैं।
विश्व नेत्रदान दिवस का उद्देश्य या नेत्रदान का महत्व
विश्व नेत्रदान दिवस का उद्देश्य नेत्रदान के महत्त्व के बारे में व्यापक पैमाने पर जन जागरूकता पैदा करना है तथा लोगो को मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने की शपथ लेने के लिए प्रेरित करना है। विकासशील देशिन में प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक दृष्टिहीनता है। विश्व स्वस्थ्य संगठन के अनुसार, कॉर्निया की बीमारियां (कॉर्निया की क्षति, जो की आँखों की अगली परत है) मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के बाद होने वाली दृष्टि हानि अंधेपन के प्रमुख कारणों में से एक है।
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क्या होता है नेत्रदान (world eye donation day 2023)
व्यक्ति के मृत्यु के पश्चात परिवार के लोग मृतक के शरीर को अग्निदान या जमीनदान कर देते है। परन्तु अंगदान या जमीनदान से पहले अगर हम उस मृतक की आंखे उसकी इच्छा अनुसार किसी जीवित नेत्रहीन को दान करने उसके जीवन का अंधकार दूर कर दे तो वय मृतक व्यक्ति की अपनी दान की हुई आँखों से इस दुनिया को देख सकता है। हम कह सकते है की वह व्यक्ति हमेशा के लिए हमारे बीच इस दुनिया में जीवित रहेगा।
मरने के बाद हमारी दोनों आँखे जो जलकर खाक हो जाती है वे ही आँखे यदि किसी व्यक्ति की जिंदगी में रौशनी भर सकती है तो यह दुनिया का सबसे फायदेमंद सौदा होगा। जीते जी तो हम लोगों अपने और अपने परिवार के लिए धन इकठ्ठा करने में लगे रहते है परंतु मरने के बाद तो किसी के भी कुछ भी नहीं जाता। ऐसे में जीते जी नेत्रदान का संकल्प लेकर हम थोड़ा तो सुकून प्राप्त कर ही सकते है। क्या हुआ यदि हमारे पास मंदिरों में, मस्जिदों में, गुरुद्वारों में, गिरजाघरों में चढाने के लिए धन-दौलत नहीं है। लेकिन यदि हम मरणोपरांत नेत्रदान करते है तो विश्वास के साथ कह सकता हूँ की हम ज्यादा पुण्य कमाएंगे।
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भारत में नेत्रहीन की स्थिति
भारत में प्रति हजार शिशुओं में 9 शिशु नेत्रहीन जन्मते है और देश में प्रतिवर्ष 30 लाख लोगों की मौत होती है। यदि इन 30 लाख लोगों में से सिर्फ 1% यानि 30 हजार लोगों ने भी नेत्रदान किया तो हमे हमारे देश से अन्धता ख़त्म हो जायेगी।
कौन-कौन से अन्धविश्वास है जो हमे नेत्रदान जैसा पुण्य काम करने से रोकते है
- पहला अन्धविश्वास यह है की ईश्वर ने हमें सम्पूर्ण अंगो के साथ पृथ्वी पर भेजा है तो हमे इश्वर के पास सम्पूर्ण अंगो के साथ ही जाना चाहिए।
- मुझे एक बात समझ में नहीं आती है की क्या भगवान ने हमें सशरीर पृथ्वी पर भेजा था? क्या हम सशरीर भगवान के पास जा पाएंगे, नहीं न? तो फिर हम इस मिट्टी मोल शरीर का सदुपयोग क्यों नहीं करते?
- दूसरा अंध्विश्वास यह है कि यदि हमने इस जन्म में आपने नेत्रदान किया तो अगले जन्म में हम अँधा पैदा होंगे। अब तो हद हो गई।
- हमारे चारों वेद, सभी शास्त्र, बाइबल, कुरान यही कहते है की अच्छे कर्मो का फल अच्छा ही मिलता है। तो फिर यह नियम यहां क्यों नहीं लागू होता? भगवान की अदालत में कोई भ्रष्टाचार नहीं है। वहां कोई अँधेरा नहीं है। फिर नेत्रदान के बदले में ईश्वर हमे नेत्रहीन क्यों पैदा करेंगे?
- सामान्य जनता के बीच जागरूकता का अभाव।
- संस्थानों एवं अस्पतालों में अपर्याप्त सुविधाएँ।
- प्रशिक्षित कर्मचारियों के बीच दूसरों को प्रेरित करने की क्षमता का अभाव।
- सामाजिक एवं धार्मिक मिथक
- यदि हम मानते है की भगवान है तो हमें भगवान के न्याय पर विश्वस करना चाहिए। इसलिए देर मत कीजिएगा। आज ही नेत्रदान का संकल्प कीजिये।
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नेत्रदान की शपथ कौन ले सकता है?
किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति चाहे वह पुरुष हो या स्त्री, गरीब है या अमीर, किसी भी धर्म या जाति का हो, नेत्रदान की शपथ ले सकता है। जो व्यक्ति_____
- डायबिटीज (शुगर) या हार्ड ब्लड प्रेशर से पीड़ित हो।
- चश्मे या कांटेक्ट लैंस पहनते हो।
- जिन लोगों की कैरेक्ट सर्जरी हुई है, वे भी अपनी आंखें दान करने का संकल्प ले सकते हैं।
- अगर कोई व्यक्ति मृत्यु पूर्व एच आई वी पॉजिटिव, हेपेटाइटिस बी या सी, बलस कैंसर, सेप्टिसीमिया से पीड़ित हो या 48 से 72 घंटे वेंटिलेटर पर हो तो उसकी आंखे उसको आंखे दान नही की जा सकती है।
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क्या नेत्रदान करने में कोई खर्चा भी करना पड़ता है?
नेत्रदान करने वाले व्यक्ति के परिवार से कोई भी फीस नहीं लिया जाता है। नेत्रदाता की मृत्यु के पश्चात नेत्रबैंक उसके घर पर एक डाक्टर भेजेगा। जनहित में यह एक निशुल्क सेवा है। दान की गई आंखें कभी भी ख़रीदा या बेचा नहीं जाता है। दान की गई आंखों का उपयोग नेत्र बैंक के नेत्र सर्जनों द्वारा नेत्रहीन लोगों को उचित तरीके से दृष्टि प्रदान करने के लिए किया जाता है।
नेत्रदान कैसे करें
नेत्रदान के दौरान उन लोगों को प्राथमिकता दी जाती है जो दोनों आंखों से नहीं देख सकते। नेत्रदान या नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करके नेत्रदान किया जा सकता है। इसके लिए एक फॉर्म भरकर जमा करना होगा। इसके बाद व्यक्ति को एक पहचान पत्र मिलता है जिसे उसके परिवार के सदस्य मृत्यु के बाद दिखा सकते हैं और नेत्रदान कर सकते हैं।
क्या नेत्रदान घर पर हो सकता है?
घर या अस्पताल जहां भी मृतक का शरीर रखा हो वहीं से नेत्रदान कराया जा सकता है।
मृत्यु के कितने समय बाद नेत्रदान करना चाहिए?
मृत्यु के पश्चात जल्द से जल्द लगभग 4 से 6 घंटे के अंदर नेत्रदान करवा देना चाहिए। अगर आप किसी व्यक्ति की मृत्यु के समय वहां या आस-पास मौजूद है तो परिवार के लोगों को नेत्रदान के लिए प्रोत्साहित कीजिये। यदि आप मृतक के परिवार के सदस्यों को मनाने के लिए तैयार हो जाते है तो तुरंत अपने नजदीक के नेत्रबैंक या नेत्रदान में संलग्न किसी भी सामाजिक संस्था को सम्पर्क करें।
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नेत्रबैंक से संपर्क करने के बाद क्या करें
- मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र तुरंत करें।
- जिस कमरे में मृतक का शरीर रखा हो उस कमरे के पंखे को बंद कर दे और उस कमरे में ए.सी. लगा हो तो उसको चालू कर दे।
- मृतक की बंद पलक पर भीगी हुई रुई या कपडा रख दें। यह नेत्र गोली को नाम रखने में मदद करेगा।
- मृतक के सर को तकिये के सहारे उठाएं।
- नेत्रबैंक की टीम आने के बाद कृपया इस बात का ध्यान रखे कि एड्स, हेपिटाईटिस आदि की जाँच के लिए नेत्रदाता का रक्त नमूना ले लिया गया है।
आँखों की देखभाल कैसे किया जा सकता है
आँखों की ठीक प्रकार से देखभाल निम्न प्रकार से किया जा सकता है___
- अच्छी दृष्टि के लिए स्वस्थ आहार का सेवन करें, संतुलित आहार का सेवन करें और अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, अंदर, फलियों एवं गाजर को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें।
- धूम्रपान छोड़े - धूम्रपान, मोतियाबिंद,ऑप्टिक एवं तंत्रिका क्षति के साथ-साथ दृष्टि से संबंधित कई तरह की समस्याओं को पैदा कर सकता है।
- सूर्य की रौशनी के प्रत्यक्ष प्रभाव को रोकने के लिए यूवी संरक्षित धूप का चश्मा पहने जो की आपकी आँखों की सुरक्षा के लिए बेहतर है।
- सुरक्षा चश्मा पहने - यदि आप कार्यस्थल पर खतरनाक पदार्थों से काम करते हैं तो आपको अपनी आँखों की रक्षा करने के लिए सुरक्षा चश्मा अवश्य पहनना चाहिए।
- अदि आप लंबी अवधि तक कंप्यूटर पर काम करते है तो यह सुनिश्चित करें कि आप अक्सर बीच-बीच में उठेंगे और आँखों का सूखापन कम करने के लिए आँखों को अधिक से अधिक बार झपकाएँ।
- टेलीविजन देखते या कंप्यूटर पर काम करते हुए एंटी ग्लेयर चश्मा पहनने की सलाह दिया जाता है।
- मंद प्रकाश न पढ़े - यह आँखों को होने वाली परेशानियों के प्रमुख कारणों में से एक है।
- आंखों के स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के लिए नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करवाएं।
- खिड़कियों एवं लाइट द्वारा कंप्यूटर पर पड़ने वाली चकाचौंध से बचने से बचने की कोशिश करें यदि आवश्यक हो तो एंटी ग्लेयर स्क्रीन का उपयोग करें।
- यदि आप कॉन्टेक्ट लैंस पहनते हैं तो उन्हें लब्मी अवधि तक पहनने से बचें, कॉन्टेक्ट लैंस पहनते हुए तैराकी एवं सोने से बचें।
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