Looking For Anything Specific?

ऋषि पंचमी कब है 2021 | Rishi Panchami 2021, Date, Shubh Muhurt, Puja vidhi, Significance in Hindi

ऋषि पंचमी का व्रत हर साल भद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किया जाता है। इस दिन महिलाओं द्वारा सप्त ऋषि का आशीर्वाद पाने के लिए सप्त ऋषियों की पूजा-अर्चना किया जाता है। यह व्रत हर साल गणेश चतुर्थी के अगले दिन रखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह व्रत महिलाओं के लिए अटल सौभाग्य प्राप्त करने वाला व्रत माना गया है साथ ही यह व्रत जाने-अनजाने हुई गलतियों और भूल से मुक्ति पाने के लिए बहुत खास होता है। आज हम आपको इस लेख में आपको साल 2021 ऋषि पंचमी व्रत की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्त्व और इस दिन किये जाने वाले एक दिव्य उपाय के बारे में बताएँगे। 

ह भी पढ़ें:

दूर्वा अष्टमी कब है जाने शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्त्व के बारे में

ऋषि पंचमी कब है 2021 | Rishi Panchami 2021, Date, Shubh Muhurt, Puja vidhi, Significance in Hindi
ऋषि पंचमी व्रत 

ऋषि पंचमी तिथि व शुभ मुहूर्त 2021

  • साल 2021 में ऋषि पंचमी का व्रत 11 सितंबर शनिवार के दिन रखा जायेगा। 
  • ऋषि पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त होगा - 11 सितंबर प्रातःकाल 11 बजकर 3 मिनट से लेकर सांयकाल 1 बजकर 32 मिनट तक। 
  • पूजा की कुलावधि - 2 घंटे 29 मिनट की होगी।
  • पंचमी तिथि प्रारंभ होगा - 10 सितंबर रात्रि 9 बजकर 57 मिनट पर। 
  • पंचमी तिथि समाप्त होगा - 11 सितंबर रात्रि 7 बजकर 37 मिनट पर। 

ऋषि पंचमी कब है 2021 (Rishi Panchami Kab Hai 2021)

हिंदू धर्म में अनजाने में हुई गलतियों की क्षमा के लिए ऋषि पंचमी के व्रत की महिमा का वर्णन किया गया है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत से एक दिन पहले तीज और गणेश चतुर्थी का व्रत भी किया जाता है. इस साल ऋषि पंचमी 11 सितंबर, शनिवार को मनाई जाएगी।

ह भी पढ़ें:

Anant Chaturdashi - अनंत चतुर्दशी कब है और क्यों मनाते हैं एवं जाने अनंत चतुर्दशी व्रत कथा और महत्व के बारे में

ऋषि पंचमी व्रत पूजा विधि (rishi panchami vrat katha)

ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋषियों की पूजा का विधान है। मान्यता के अनुसार ऋषि पंचमी का व्रत शुद्ध मन से करने पर व्यक्ति के सारे दुःख दूर हो जाते है और महिलाओं को अटल सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन महिलाओं को प्रातःकाल स्नान कर सप्तऋषि की प्रतिमा बनाकर पूजा स्थल पर कलश की स्थापना करना चाहिए। कलश स्थापना के बाद हल्दी, कुमकुम, चन्दन, पुष्प और अक्षत से सप्तऋषियों की पूजा करें। अब धूप-दीप जलाकर फल का भोग लगाएं। संभव हो तो इस दिन महिलाएं अनाज का सेवन न कर फलहार करें इस व्रत में विधि-विधान से सप्त ऋषियों के पूजा के बाद ऋषि पंचमी कथा पढ़े या सुने। अंत में उद्यापन करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत संपन्न करें। 

ह भी पढ़ें:

जितिया जीवित्पुत्रिका व्रत क्यों मनाया जाता है और इसका शुभ मुहूर्त क्या है?  एवं कैसे मनाया जाता है

ऋषि पंचमी का महत्व (rishi panchami significance)

ऋषि पंचमी के दिन व्रत रखना बहुत ही शुभ माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार विषेषकर ऋषि पंचमी का व्रत स्त्रियों को जरूर करना चाहिए। क्योंकि इस व्रत के प्रभाव से उनके सारे दुख दूर हो जाते हैं और उन्हें सुख, समृद्धि और अटल सुहाग की प्राप्ति होती है। यदि विवाहित महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं तो उन्हें सप्त ऋषि की कृपा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्त्व है। साथ ही अविवाहित महिलाओं के लिए भी यह व्रत बेहद महत्वपूर्ण और लाभकारी माना जाता है। 

ह भी पढ़ें:

विश्वकर्मा पूजा क्यों मनाया जाता है 

ऋषि पंचमी के दिन करें ये उपाय

ऋषि पंचमी के दिन उपाय के रूप में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें और गणपति जी को 11 साबुत हरी इलायची अर्पण कर उनके समक्ष घी का दीपक जलाये और उन्हें पीले फलों का भोग लगाएं। उस छोटे से दिव्य उपय से न सिर्फ जीवन में शुभता बढ़ती है बल्कि भगवान गणेश जी और सप्तऋषियों के आशीर्वाद से ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि जो भी ऋषि पंचमी के दिन व्रत कर उपाय को करता है तो उसे सभी सुख-वैभव और धन धान्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

ह भी पढ़ें:

अधिक मास / मल मास क्यों पड़ता है

दोस्तों आज की इस लेख में बस इतना ही था अगर आपको ये लेखt पसंद आई है तो हमें कमेंट करके बताएं कैसा लगा  और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर FACEBOOK और TWITTER पर Share कीजिये और ऐसे ही नई जानकारी पाने के लिए हमें SUBSCRIBE जरुर करे।

🙏 धन्यवाद 🙏

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ