भारत में राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस एक बड़ा जागरूकता अभियान है जो सभी को मौका देता है। डॉक्टरों की भूमिका, महत्व और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ यह चिकित्सा पेशेवर को इसके करीब आने और समर्पण के साथ अपने पेशे की जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह दिन पूरे चिकित्सा पेशे के प्रति सम्मान दिखाने के लिए डॉ. बिधान चंद्र रॉय की याद में इस दिवस को पूरे देश भर में मनाया जाता है।
यह भी पढ़ें:
स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस |
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस कब मनाया जाता है?
डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे मरीजों का ना सिर्फ इलाज करते है बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते है। इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का रूप कहा जाता है डॉक्टरों के समर्पण और ईमानदारी के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे या राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है।
यह भी पढ़ें:
शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है
राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस का इतिहास और इसे 1 जुलाई के दिन ही क्यों मनाया जाता है? (National Doctors Day History)
भारत सरकार द्वारा 1991 में डॉक्टर्स डे की स्थापना हर साल 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस के रूप में पहचानने और मनाने के लिए की गई थी। यह 1 जुलाई को उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर भारत के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. बिधान चंद्र रॉय (डॉ. बी.सी. रॉय) को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। 4 फरवरी 1961 को उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
उनका जन्म 1 जुलाई 1882 को पटना, बिहार में हुआ था। रॉय साहब ने कलकत्ता से डॉक्टरेट की डिग्री पूरी की और 1911 में भारत लौटने के बाद लंदन से MRCS की डिग्री पूरी की और उसी वर्ष भारत में एक चिकित्सक के रूप में अपना चिकित्सा करियर शुरू किया।
इसके बाद उन्होंने कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में एक शिक्षक के रूप में जुड़ गए और इसके बाद वो कैंपवेल मेडिकल स्कूल गए और उसके बाद कारमाइकल मेडिकल से जुड़ गए। वो एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे और नमी शिक्षाविद होने के साथ ही एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी से जुड़ें।
बाद में वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता बने और इसके बाद पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने। इस दुनिया में अपनी महान सेवा देने के बाद 80 वर्ष की आयु में 1962 में अपने जन्मदिवस के दिन उनकी मृत्यु हो गई। उनको सम्मान और श्रद्धाजंलि देने के लिए वर्ष 1976 में उनके नाम पर डॉ. बी.सी.रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार की शुरुआत हुई।
यह भी पढ़ें:
अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस क्यों और कब मनाया जाता है
कौन थे बिधान चन्द्र रॉय?
डॉ. बिधान चन्द्र रॉय ने चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया। उन्होंने लंदन के प्रतिष्ठित St. Bartholomew's Hospital से डॉक्टरी की पढ़ाई की कोशिश की। लेकिन समय उन के भारतीय होने के चलते उन्हें दाखिला नहीं दिया गया। बिधान चन्द्र नहीं माने और तक़रीबन डेढ़ महीने तक डीन के पास आवेदन करते रहे। आखिर में डीन ने हारकर 30वीं बार में उनका आवेदन स्वीकार कर लिया।
पढाई के बाद भारत लौटकर डॉक्टर रॉय ने चिकित्सा के क्षेत्र में विस्तृत काम किये। डॉ. बिधान चन्द्र का जन्म 1 जुलाई 1882 को हुआ था और उनका निधन भी 1 जुलाई के दिन साल 1962 में हुआ था। वहीँ महान फिजीशियन डॉ. बिधान चन्द्र रॉय पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी थे। और उन्हें दूरदर्शी नेतृत्व के लिए पश्चिम बंगाल राज्य का आर्किटेक भी कहा जाता है।
यह भी पढ़ें:
हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास
कैसे हुई राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की शुरुआत
इसकी शुरुआत 1991 में तत्कालीन सरकार ने भारत में की थी। तब से इसे हर साल 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री को सम्मान और श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।
राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस क्यों मनाया जाता है? (national doctors day in india)
डॉक्टर बिधान चन्द्र रॉय पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री होने के साथ ही प्रसिद्द और किंवदन्ती चिकित्सक को सम्मान देने के लिए 1 जुलाई को पुरे भारत वर्ष में राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस को मनाया जाता है। भारत में ये एक महान ृति है जो अपने महत्वपूर्ण भूमिका जिम्मेदारी के साथ ही हर एक जीवन में चिकित्सक की वास्तविक जरूरत को पूरा करने में मदद करता है। डॉक्टर्स की बहुमूल्य सेवा, भूमिका और महत्व के बारे में आम जन को जागरूक करने के लिए इस जागरूकता अभियान का वार्षिक उत्सव मदद करता है।
भारत की विशाल जनसँख्या कई तरीकों से चिकित्सक और उनके गुणवत्तापूर्ण उपचार पर निर्भर करता है जो उपाय और उपचार के तरीकों में उल्लेखनीय सुधार और प्रगति को दिखाता है। डॉक्टर्स डे का वार्षिक उत्सव भारत के सभी डॉक्टरों के लिए अपने पेशे के प्रति समर्पण की कमी के कारण अपने गिरते करियर से ऊपर उठने के लिए एक आंख खोलने वाला और प्रोत्साहन का एक तरीका साबित हुआ है।
गई बार सामान्य और गरीब लोग गैर-जिम्मेदार और गैर-पेशेवर के हाथों में फंस जाते हैं जो कई बार डॉक्टरों के खिलाफ लोगों की हिंसा और विद्रोह का कारण बन जाता है। यह जागरूकता अभियान जीवन रक्षक चिकित्सा पेशे की अधिक जिम्मेदारी को समझने और सभी डॉक्टरों को एक स्थान पर आकर्षित करने का एक शानदार तरीका है।
सम्पूर्ण पेशेवर डॉक्टरों के लिए सम्मान के दिन के रूप में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस उत्सव को चिन्हित किया जाता है। जो मरीजों के जीवन को बचाने में अपना सारा बेहतरीन प्रयास लगा देते हैं। चिकित्सक दिवस अर्थात एक पूरा दिन जो मेडिकल पेशे खासतौर से डॉक्टरों के प्रयासों और भूमिका को याद करने के लिए समर्पित हो। या एक दिन है उन्हें ढेर सारा धन्यवाद कहने का जिन्होंने अपने मरीजों का अनमोल ध्यान रखा, उन्हें लगाव और प्यार दिया।
यह भी पढ़ें:
Engineer's Day या अभियंता दिवस क्यों मनाया जाता है
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस थीम 2022 (National Doctors Day Theme 2022)
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2019 की थीम
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2020 की थीम
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2021 की थीम
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2022 की थीम
राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे समारोह आयोजन (national doctors day Celebrations)
चिकित्सको के योगदान के साथ परिचित होने के लिए सरकारी और गैर-ारकारी स्वास्थ्य सेवा संबंधी संगठन के द्वारा वर्षों से राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस उत्सव मनाया जा रहा है। इस उत्सव को मनाने के लिए स्वास्थ्य सेवा संबंधी संगठन के कर्मचारी विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और क्रियाकलाप आयोजित करते हैं। उत्तरीकलकत्ता और उत्तर-पूर्व कलकत्ता समाज कल्याण संगठन चिकित्सक दिवस के भव्य उत्सव को मनाने के लिए हर साल बड़ा कार्यक्रम आयोजित करती है।
चिकित्सा पेशे के विभिन्न पहलुओं के बारे में चर्चा करने के लिए एक चर्चा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जैसे स्वास्थ्य परीक्षण उपचार, रोकथाम, रोगों की पहचान करना, बीमारी का उचित इलाज आदि। बेहतर और स्वस्थ सामाजिक विकास के लिए समुदायों में डॉक्टरों के द्वारा चक्रीय चिकित्सा सेवाओं को प्रोत्साहन और बढ़ावा दिया जाता है। आमजनों के बीच में बिना पैसे के गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य देख-भाल संस्थानों के द्वारा सार्वजनिक जगहों और कई स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त चिकित्सीय परीक्षण कैंप लगाए जाते है।
वरिष्ठ नागरिकों और गरीब लोगों के बीच स्वास्थ्य पोषण पर बातचीत और स्थायी बीमारी जागरूकता, स्वास्थ्य परामर्श, स्वास्थ्य स्थिति को आंकने के लिए सामान्य प्रदर्शन टेस्ट कैंप भी आयोजित किये जाते है। सभी के जीवन में डॉक्टर के बहुमूल्य भूमिका के बारे में लोगो को जागरूक करने के लिए मुफ्त खून जाँच, आकस्मिक खून सुगर जाँच, ईसीजी, इइजी, ब्लड प्रेशर जांच आदि क्रिया-कलाप आयोजित किये जाते है।
यह भी पढ़ें:
विश्व प्रकृति दिवस World Nature Day क्यों मनाया जाता है |
दोस्तों आज की इस लेख में बस इतना ही था अगर आपको ये लेख पसंद आई है तो हमें कमेंट करके बताएं कैसा लगा और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर FACEBOOK और TWITTER पर Share कीजिये और ऐसे ही नई जानकारी पाने के लिए हमें SUBSCRIBE जरुर करे।
🙏 धन्यवाद 🙏
0 टिप्पणियाँ
जय श्री राम
सभी हिन्दू भाइयो का हमारे ब्लॉग राहुल गुप्ता कट्टर हिन्दू में स्वागत है हमसे जुड़ने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद आप अपनी प्रतिक्रिया हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य दे जिससे हम अपने ब्लॉग के अंदर और बहुत सारी जानकारी आपको प्रदान कर सके|