राष्ट्रमंडल दिवस कब मनाया जाता है?
भारत सहित दुनिया के कई देशों में राष्ट्रमंडल दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रमंडल दिवस हर साल 24 मई को विश्व भर में मनाया जाता है।
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राष्ट्रमंडल दिवस |
क्या है राष्ट्रमंडल संगठन?
राष्ट्रमंडल संगठन दुनिया के उन सभी देशों को एक साथ जोड़ने का कार्य करता है जो ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी से मुक्त हुए थे। वर्तमान में, अधिकांश एक ही देश इस संगठन के सदस्य हैं जो ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी से आजाद होकर अब एक स्वतंत्र राष्ट्र हैं। जैसे भारत जो सन 1947 में ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी से आजाद हुआ था और अब इस संगठन का सदस्य है।
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कौन-कौन से देश शामिल है राष्ट्रमंडल में?
एक समय था जब दुनिया के कई देश ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन थे, लेकिन धीरे-धीरे इन सभी देशों के नागरिकों ने ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी पाने के लिए कई वर्षों तक अपनी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और आखिरकार अपने देशों को ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी दे दी। उससे मुक्त कराए गए और दुनिया के नक्शे पर उन्होंने स्वतंत्र देश का दर्जा हासिल कर लिया। कई एशियाई, अफ़्रीकी और यूरोपी देश इस राष्ट्रमंडल के दास्य है।
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राष्ट्रमंडल दिवस की शुरुवात
राष्ट्रमंडल संगठन का विचार सबसे पहले 1901 में महारानी विक्टोरिया ने अपने जन्मदिन के मौके पर रखा। दुर्भाग्य से उनकी मृत्यु इसी वर्ष हो गई। सन 1902 में सर्वप्रथम एम्पायर डे (साम्राज्य दिवस) मनाया गया। लेकिन सन 1958 में हैरोल्ड मैकमिलन ने एम्पायर डे का नाम बदलकर कामनवेल्थ डे (Commonwealth Day) यानि राष्ट्रमंडल दिवस कर दिया। तब से इसे राष्ट्रमंडल दिवस (Commonwealth Day) के रूप में जाना जाता है।
सन 1931 को राष्ट्रमंडल संगठन का गठन हुआ और सन 1949 में ब्रिटिश साम्राज्य से अलग हुए सभी देशों को राष्ट्रमंडल राष्ट्र/देश के नाम से जाना जाने लगा और सन 1973 में रॉयल कोमनवेल्थ सोसाइटी ने कॉमनवेल्थ दिवस को हल साल 24 मई को मनाने का प्रस्ताव रखा। जिसे कॉमनवेल्थ सचिवालय (लंदन) ने मान लिया।
तब से कॉमनवेल्थ डे हर साल 24 मई को मनाया जाता है। राष्ट्रमंडल का मुख्यालय लंदन में स्थित है और राष्ट्रमंडल संगठन की प्रमुख ब्रिटेन की महारानी होती है।
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इस दिन सार्वजनिक अवकाश नहीं
वैसे तो इस दिन कोई भी सार्वजानिक अवकाश नहीं होता है फिर भी लोग राष्ट्रमंडल दिवस को मनाने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठे होते हैं। इस दिन दुनिया के सभी लोग एक साथ आते हैं और किसी भी बड़ी / छोटी समस्या से निपटने, दुनिया में शांति और शांति बनाए रखने का संकल्प लेते हैं।
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राष्ट्रमंडल संगठन का उद्देश्य क्या है?
ब्रिटिश साम्राज्य से आजाद हुए सभी देशों को एक सूत्र में बांधने के उद्देश्य से इस संगठन का स्थापना किया गया। ताकि सभी देश एक सूत्र में बंधकर एकता बनाये रखे और मुश्किल और कठिन वक्त पर एक दूसरे की मदद करें, मिलजुलकर रहें और सभी समस्याओं का शांतिपूर्ण हल निकालें। ताकि धरती पर इंसान, इंसानियत, सभी जीव जंतु, पर्यावरण सुरक्षित रह सके और यह धरती सुन्दर और हरी-भरी बनी रहे।
इसके आलावा रास्त्रमानल संगठन दुनिया के अन्य देशों से अच्छे संबंध स्थापित करने में सहायता प्रदान करता है। राष्ट्रमंडल दिवस को मनाने के पीछे का एक और कारण अपने पूर्वजों के उस सर्वोच्च बलिदान को याद करना है जो उन्होंने अपनी स्वतंत्रता हासिल करने के लिए दिया था। इस दिन गुलाम बनने की प्रथा का जमकर विरोध किया जाता है।
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राष्ट्रमंडल में सदस्यों की संख्या
इस वक्त राष्ट्रमंडल में 53 सदस्य हैं। जिसमें भारत भी शामिल है। इसके आलावा अन्य देशों में कई एशियाई, अफ़्रीकी और यूरोपी देश भी है इस राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं। इस राष्ट्रमंडल संगठन के अधिकांश देश ऐसे देश हैं जो ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्र हुए।
राष्ट्रमंडल देशों की सूचि में शामिल होने की कौन-कौन सी शर्तें है
यह राष्ट्रमंडल दिवस उन देशों के बीच में मनाया जाता है जो राष्ट्रमंडल देशों की सूचि में शामिल होने की सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करते हैं और राष्ट्रमंडल के नियमो के समझौते पर हस्ताक्षर करते है। राष्ट्रमंडल के सभी 53 सदस्यों ने लोकतंत्र को बनाये रखने, सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने, लैंगिक समानता, अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को बनाए रखने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।
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राष्ट्रमंडल देशों में भारत का विशेष महत्त्व
हाल के वर्षों में भारत ने अपनी ताकत को हर क्षेत्र में बढ़ाया है और विश्व पटल पर अपनी छवि एक सशक्त राष्ट्र के रूप में बनाई है। जिसका प्रभाव निश्चित रूप से राष्ट्रमंडल देशों पर भी पड़ा है। भारत को राष्ट्रमंडल देशों में एक महत्वपूर्ण व सशक्त राष्ट्र के रूप में माना जाता है। क्योंकी भारत का यह स्पष्ट मानना है कि विश्व के सभी देशों में शांति व अमन बना रहे। दुनिया के सभी देश मिलकर कदम आगे बढ़ाये। भारत हमेशा ही इस दिशा में प्रयत्नशील रहता है।
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कैसे चुना जाता है राष्ट्रमंडल दिवस का विषय
राष्ट्रमंडल दिवस को मनाने के लिए हर साल कोई न कोई विषय का चयन किया जाता है। ताकि आने वाले वर्ष में उस विषय पर आधारित कार्यक्रमों को राष्ट्रमंडल देशों की सरकारों के द्वारा चलाया जाय। सबसे पहले राष्ट्रमंडल संगठन में शामिल सभी देशों से प्रतिनिधि तत्कालीन समस्याओं पर आधारित किसी विषय को चुनकर राष्ट्रमंडल सचिवालय भेजते है।
फिर सभी राष्ट्रमंडल सदस्यों द्वारा किसी एक विषय पर सहमति बनाया जाता है। इसके बाद इसमें राष्ट्रमंडल की मुखिया ब्रिटेन की महारानी द्वारा सहमति की मुहर लगाया जाता है और फिर इसे उस साल के राष्ट्रमंडल दिवस का विषय मान लिया जाता है।
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राष्ट्रमंडल में युवाओं की सक्रिय भागीदारी
किसी भी देश की तरक्की और उस देश का भविष्य उस देश के युवाओं के ही हाथ में होता है। इस वक्त राष्ट्र मण्डल दिवस एवं उसके कार्यों से दुनिया के लगभग 4 बिलियन लोग जुड़ चुके हैं। इसमें सम्मिलित लोगो की खास बात यह है की इसमें 30 वर्ष की उम्र वाले लोगों की संख्या लगभग 1.4 बिलियन है।
राष्ट्रमंडल देशों की जनसँख्या में अधिकतर संख्या युवाओं की ही है जिसके अंदर 15 से लेकर 30 साल तक के युवा शामिल हैं। राष्ट्रमंडल दिवस पर सभी राष्ट्रमंडल सदस्यों के युवाओं को साथ लाने का काम किया जाता है। वैसे संगठन में हर देश अपनी मर्जी से अपना योगदान देता है।
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राष्ट्रमंडल दिवस पर कार्यक्रम
राष्ट्रमंडल दिवस पर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों तथा प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रमंडल मुख्यालय लंदन में भी रंगारंग व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें नित्य, संगीत, नाटक, वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबंध, भाषण, चित्रकला प्रतियोगिता तथा खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रमंडल दिवस की थीम पर आधारित विषयों पर भी कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते है। अलग-अलग देशों में यह अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है और वहां के लोग इन कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है।
राष्ट्रमंडल देशों के बीच बढ़ते व्यापारिक रिश्ते
राष्ट्रमंडल देशों की एकता की वजह से इनके बीच में व्यपारिक रिश्ते बहुत मजबूती से कायम हुए हैं। पारस्परिक सहयोग व् एक दुसरे को साथ लेकर चलने की भावना से इनके बीच व्यापार बढ़ा है जो गैर राष्ट्रमंडल सदस्यों के साथ व्यपार करने की तुलना में 19% अधिक है। यह राष्ट्रमंडल देशों के लिए सकारात्मक संकेत है।
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राष्ट्रमंडल का महत्व
इस संगठन की मदद से सभी राष्ट्रमंडल देश एकता के सूत्र में बंधे रहते है जो अपने आप में एक बड़ी ताकत का रूप लेते है।
अपने देश की आजादी के लिए अपने पूर्वजों के द्वारा किये गए संघर्षो और उनके बलिदान को याद करने का एक दिन है जो उन्होंने अपनी स्वतंत्रता हासिल करने के लिए दिया था।
सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता के अधिकार, एक दूसरे को पारस्परिक सहयोग, मानवता के लिए उठाये गए कार्यों में बढ़ चढ़कर भाग लेना, सामाजिक एवं ज्वलंत मुद्दों की तरफ विश्व का ध्यान खींचना तथा गुलाम व् गुलामी प्रथा क विरोध करना जैसे मुद्दों को लेकर आगे बढ़ने की कोशिश किया जाता है।
सभी राष्ट्रमंडल एक-दूसरे मित्र राष्ट्रों की मदद व सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहते है।
राष्ट्रमंडल दिवस की थीम पर आधारित कार्यक्रमों को दूसरे वर्ष चलाया व आयोजित किया जाता है।
राष्ट्रमंडल संगठन का हर सदस्य देश अपनी मर्जी से व् पनी हैसियत के हिसाब से इसमें योगदान देता है।
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