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क्या आप जानते है विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को ही मनाया जाता है? | World Environment Day Theme 2022 Essay, Quotes in Hindi

क्या आप जानते है विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को ही मनाया जाता है? | World Environment Day Theme 2022 Essay, Quotes in Hindi

पर्यावरण दिवस एक अभियान है, जो प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व भर में पर्यावरण के नकारात्मक प्रभावों को रोकने के लिए मनाया जता है।इस अभियान को शुरू करने का लक्ष्य वातावरण की स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करना और लोगों को हमारे ग्रह पृथ्वी के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण में सकारात्मक बदलाव का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करना है।

पर्यावरण शब्द परि+आवरण के संयोग से बना हुआ है। पारी का आशय चारों और तथा आवरण का आशय परिवेश हैं। वास्तव में पर्यवरण में वायु, जल, भूमि, पेड़-पौधे, जिव-जंतु, मानव और इसकी विविध गतिविधियों के परिणाम आदि सभी का समावेश होता है। इस धरती और सृष्टि के पर्यावरण का निर्माण करने वाले भूमि, जल एवं वायु आदि तत्वों में जब कुछ विकृति आ जाती है अथवा इसका आपस में संतुलन गड़बड़ा जाता है, तब पर्यावरण प्रदूषित होता है। 

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विश्व पर्यावरण दिवस 

विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?

विश्व पर्यावरण दिवस ऐसा दिवस है जो पुरे विश्व में मनाया जाता है। इसके बारे में सुना सबने होगा लेकिन ये बहुत कम लोग ही जानते है की यह कब और क्यों मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस प्रत्येक वर्ष 5 जून को पुरे विश्व भर में मनाया जाता है। पर्यावरण के बारे में जागरूकता और राजनीतिक चेतना पैदा करने के लिए पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। ताकि आम जनता प्रेरित हो सके।

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विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को ही मनाया जाता है इसका कारण क्या है?

1972 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा कुछ प्रभावी अभियान चलाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना की गई थी, मानव पर्यावरण पर एक सम्मेलन जो संयुक्त राष्ट्र में 5 से 16 जून तक शुरू हुआ था। इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण का कार्यक्रम UNEP का जन्म हुआ तथा प्रतिवर्ष 5 जून को पर्यवरण दिवस प्रदूषण की समस्या के बारे में नागरिकों को संगठित और जागरूक करने का निर्णय लिया गया।

इसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनीतिक चेतना जागृत करना और आम जनता को प्रेरित करना था। तब से लेकर आज तक 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस सम्मलेन में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री  इंदिरा गांधी ने पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव विषय पर व्याख्यान दिया था। 

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विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास

विश्व पर्यावरण दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मानव पर्यावरण के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अवसर पर 1972 में हुआ था। हालाँकि, यह अभियान पहली बार 5 जून 1973 को मनाया गया था। यह हर साल 5 जून को मनाया जाता है और इसका कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र द्वारा विशेष रूप से घोषित इस वार्षिक थीम पर आधारित है। यह क्रायक्रम एक शहर के द्वारा आयोजित किया जाता है, जहां पर्यावरण के संबंधित विषयों पर चर्जा किया जाता है, जिसमें अभूत सी गतिविधियों को शामिल किया जाता है। 

हमारे वातावरण की सुरक्षा के लिए विश्वभर में लोगों को कुछ सकारात्मक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित और जागरूक करने के लिए यह दिन संयुक्त राष्ट्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है। सबसे महत्वपूर्ण दिन है अजब यह 100 से अधिक लोगों में लोगों तक पहुँचने के लिए बड़ा वैश्विक मंच बन गया है। 

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विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित होने वाली गतिविधियां

विश्व पर्यावरण दिवस भारत में विशेषरूप से स्कूलों और कालेजों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से मनाया जाता है। विद्यार्थियों के मध्य जागरूकता पैदा करने के लिए अध्यापक कुछ प्रभावी कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाते है जैसे - निबंध लेखन, भाषण देना, शिक्षा, विषय चर्चा, स्लाइड शो, क्विज प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता, बैनर प्रदर्शनी, सेमिनार, संगोष्ठियों, निर्धारित विषय पर कार्यशालाएं, चित्रकला प्रतियोगिता, सम्ब्नधित विषय पर व्याख्यान, थीम पर आधारित प्रदर्शनी, फ़िल्मी शो, कथन, लेखन आदि। हमारे वातावरण भी सुरक्षा के संदर्भ में विद्यार्थियों को सकारात्मक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। 

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विश्व पर्यावरण दिवस क्यों मनाया जाता है?

विश्व पर्यावरण दिवस हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन हम पर्यवरण से संबंधित मुद्दों पर जानकारी अर्जित करते हैं एवं हमारे बेहतर भविष्य के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखने की प्रतिज्ञा लेते है। हमे जीवन भर पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिए। यह तभी सम्भव है जब हम अपनी आँखें खुली रखें और अपने भीतर एवं वातावरण में कुछ सकारात्मक बदलाव लाये। हमें अपने बच्चों को भी इस समस्या के प्रति जागरूक करना चाहिए ताकि वे भी पर्यावरण सुरक्षा के अभियान के प्रति जागरूक हो सके तथा भविष्य में इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाए। 

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पर्यावरण संरक्षण की समस्या

धरती पर जनसँख्या की निरंतर वृद्धि, औद्योगिकीकरण एवं शहरीकरण की त्रीव गति से जहां प्राकृतिक के हरे भरे क्षेत्रों को समाप्त की जा रहा है। वह ईंधन चालित यातायात वाहनों, खदानों, प्राकृतिक संसाधनों के विदोहन और आण्विक ऊर्जा के प्रयोग से सारा प्राकृतिक संतुलन डगमगाता जा रहा है। वर्तमान समय में गैसीय पदार्थो, अपशिष्ट पदार्थो, विभिन्न यंत्रों की कर्णकटु ध्वनियों एवं अनियंत्री भूजल के उपयोग आदि कार्यों से भूमि, जल, वायु, भूमण्डल तथा समस्त प्राणियों का जीवन पर्यावरण प्रदूषण से ग्रस्त हो रहा है। ऐसे में पर्यवरण का संरक्षण करना और इसमें संतुलन बनाये रखना कठिन कार्य बन गया है। 

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पर्यावरण संरक्षण का महत्व

जो खाना हम खाते है, जिस हवा में हम सांस लेते हैं, जो पानी हम पीते हैं और ये जो वातावरण है, जो हमारी धरती को जीने के अनुकूल बनाती है वह सब हमें इस प्रकृति से प्राप्त होता है। इसका मतलब साफ है कि इस ब्रह्माण्ड को चलाने में पर्यावरण का खास महत्त्व होता है। पर्यावरण संरक्षण सभी जीवित प्राणियों के जीवन और इस पृथ्वी के सभी प्राकृतिक परिवेश से निकटता से संबंधित है। 1992 में, संयुक्त राष्ट्र द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए ब्राजील में दुनिया के 174 देशों का पृथ्वी शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। फिर सन 2002 में जोहांसबर्ग में पृथ्वी सम्मेलन आयोजित कर विश्व के सभी देशों को पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने के लिए अनेक उपाय सुझाये गए। वस्तुतः पर्यावरण संरक्षण से ही धरती पर जीवन सुरक्षित रह सकता है। अन्यथा मंगल आदि ग्रहों की तरह धरती का जीवन चक्र भी एक दिन समाप्त हो जायेगा। 

विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम

विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम 'केवल एक पृथ्वी' (Only One Earth) है। पर्यावरण दिवस 2022 की मेजबान देश के रूप में स्वीडन के साथ, विश्व पर्यावरण दिवस 2022 का थीम "केवल एक पृथ्वी" है, जो प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने पर केंद्रित है।

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पर्यवरण संरक्षण के उपाय

पर्यावरण संरक्षण के लिए इसे प्रदूषित करने वाले कारकों पर नियंत्रित रखना आवश्यक है। इस दृष्टि से आणविक विस्फोटों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया जाय। युवा वर्ग विशेष रूप से विद्यार्थी वृक्षारोपण करें, पर्यावरण की शुद्धता के लिए जन जागरण का काम करे। विषैले अपशिष्ट छोड़ने वाले उद्योगों और प्लास्टिक कचरे का विरोध करे और जल स्रोतों की शुद्धता का अभियान चलाये। पर्यावरण संरक्षण के लिए हरीतिमा का विस्तार, नदियों की स्वच्छता, गैसीय पदार्थों का उचित विसर्जन, रेडियोधर्मी बढ़ने वाले संसाधनों पर रोक, गंदे जल-मॉल का परिशोधन, कारखानों के अपशिष्टों का उचित निस्तारण और गलत खनन पर रोक आदि उपाय किये जा सकते है। ऐसे कारगर उपयों से ही पर्यावरण को प्रदूषणसे मुक्त रखा जा सकता है। 

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लें ये संकल्प

कुछ ऐसे तरीकों पर नजर डालते है जिनसे हम पर्यावरण की रक्षा में थोड़ा ही सही पर योगदान दे सकते है___

पोलोथिन को दूर से ही ना करें

पोलोथिन का अगर प्रयोग करते है तोई आज से बिलकुल बंद कर दे। अगर कोई दूसरा भी आपके सामने पोलोथिन का प्रयोग कर रहा है तो उसे भी मन करें। क्योंकि इस पर्यावरण  का सबसे बड़ा जो दुश्मन है वो है प्लास्टिक या पोलोथिन। 

कचरा ना फैलने दे और ना ही फैलाए

आज की तारीख में कई सारी फैक्ट्रियां है जहां कचरा निकलता है और इनसे कचरा खुले में या फिर नदियों में बह जाता है और इसे देखा-देखि कुछ आम लोग भी करते है और इस तरह धीरे-धीरे और चारो तरफ प्रदूषण फ़ैल जाता है। इसलिए आज से ही संकल्प लेले की कचरा जो होगा वह आप सही जगह पर ही फेंकेंगे। 

अपनी हवा को साफ रखें

जितना ज्यादा हो सके अपने आस-पास की हवा को साफ़ रखें ताकि हम स्वच्छ खुली हवा में सांस ले सके। कम से कम पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल करें। ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें 

पेड़-पौधे लगाए

ज्यादा नहीं कम से कम पर्यावरण के लिए एक तो पौधा आप तो लगा ही सकते है जिससे पर्यावरण के प्रति आपकी बड़ी जिम्मेदारी पूरी होगी। 

कम खपत वाले बल्ब जलाए

कम खपत वाले बल्ब से रोशनी बढ़ती है इससे गर्मी कम निकलेगी और ग्लोबल वार्मिंग होगा अगर ग्लोबल वार्मिंग को कम करना है तो आपको इस तरह के काम को बंद करना होगा और साथ ही जितना हो सके AC का कम से कम प्रयोग करें। क्योंकि ये भी हमारे पर्यावरण के लिए घातक हो सकता है। 

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पर्यावरण प्रदूषण के कारण क्या है?

आज के समय में पर्यावरण बहुत ही तेज गति से प्रदूषित हो रहा है इसे फैलाने के कुछ मुख्य कारण निम्न है। 

जनसंख्या वृद्धि (Population Growth)

पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण जनसँख्या में वृद्धि है जिससे अने कारन पैदा होते हैं। जो कि पर्यावरण को सीधे रूप से प्रदूषित करते है। 

नगरीकरण (Urbanization)

धूम्रा, रख, कचरा, हानिकारक गैस, नाले, सड़के, गलियां, भवन, नगरीय अपशिष्ट, वाहन की वृद्धि नगरीकरण को जन्म देती है जो कि पर्यावरण प्रदूषण का प्रमुख कारण है। 

औद्योगिक क्रियाकलाप (Industrial Activities)

औद्योगिक (industrial) विकाश प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष दोनों रूप में हमारे वातावरण को दूषित करता है। Industrial Aria से निकलने वाला कचरा, दूषित जल, विषैली गैस आदि हवा, जल, मृदा एवं जीवों को प्रदूषित कर रहे हैं। उदहारण के लिए (भोपाल गैस त्रासदी) से समझा जा सकता है। 

आधुनिक प्रौद्योगिकी (Modern Technology)

वर्तमान समय कंप्यूटर युग है परन्तु इसमें विष्णु पनप रहे हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। फोन, फ्रिज एवं एयरकंडिशनर इत्यादि मानव जीवन में उपयोग होने के साथ-साथ हानिकारक तथा पर्यवरण प्रदूषण के कारण है। 

कृषि विकास (Agricultural Development)

जनसंख्या वृद्धि के कारण कृषि उत्पाद में वृद्धि आवश्यक बन जाती है परन्तु इसके कारण पर्यावरण में समस्या उत्पन्न होती है जो निम्नलिखित है___

  1. वन विनाश तथा सम्बंधित भूमि पर कृषि कार्य हेतु परिवर्तन। 
  2. अत्यधिक उत्पादन हेतु रासायनिक खादों, कीटनाशक दवाओं आदि का प्रयोग। 
  3. सिचाई की मात्रा एवं सुविधा में वृद्धि। 

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पर्यावरण प्रदूषण के कारण

  • जल को प्रदूषित करना। 
  • वायु में प्रदूषकों को छोड़ना। 
  • गन्दगी तथा अपशिष्ट जल का अनिस्तारण। 
  • विद्युत् चुम्कीय ऊर्जा का अनुचित प्रबंधन। 
  • तप तथा शोर का अनुचित प्रबंधन। 
  • रासायनिक उद्योगों का अनुचित प्रबंधन। 

पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार

  • वायु प्रदूषण (air pollution)
  • जल प्रदूषण (water pollution)
  • ध्वनि प्रदूषण (noise pollution)
  • मृदा प्रदूषण (soil pollution)
  • रेडयोधर्मी प्रदूषण (radioactive pollution)
  • ठोस अपशिष्ट प्रदूषण (solid waste pollution)
  • मानव प्रदूषण (Human pollution)

पर्यावरण दिवस पर शायरी  (World Environment Day Quotes)

पर्यवरण को नहीं पहुचाओ नुकसान,

यही है जीवन का अपमान...!!

चारों तरफ बढ़ाओ जागरूकता,

पर्यावरण है आजकी आवश्यकता...!!

चारों तरफ बढ़ाओ जागरूकता,

पर्यावरण है आजकी आवश्यकता...!!

जिव-जंतुओं को मत भगाओ,

पर्यावरण बचाओ, पर्यावरण बचाओ...

पेड़-पौधे लगाओ पर्यावरण को बचाओ...!!

पर्यवरण की रक्षा कीजिये,

खुशहाल जीवन का आनंद लीजिये...!!

पर्यवरण है हम सबकी जान,

इसलिए करो इसका सम्मान...!!

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निष्कर्ष

हमारे पर्यावरण की स्तिथि प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण दिन प्रति दिन गिरती जा रही है। बेहतर भविष्य के लिए, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हमें हमारे देश में पर्यावरण के अनुकूल विकास को बढ़ावा देना चाहिए। पर्यवरण संरक्षण किसी एक व्यक्ति या किसी एक देश का काम न होकर समस्त विश्व के लोगों का कर्तव्य है। पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले सभी कारकों को अतिशीघ्र रोका जाय। युवा वर्ग द्वारा वृक्षारोपण व जलवायु स्वच्छकारण हेतु जन जागरण का अभियान चलाया जाय तभी पर्यावरण सुरक्षित  रह सकेगा। 

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